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सुप्रीम कोर्ट के TET आदेश से लाखों शिक्षकों की नौकरी पर संकट, सरकार से हस्तक्षेप की अपील

Vision Live / Greater Noida

– उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा TET अनिवार्यता के संबंध में दिए गए आदेश के विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय, सूरजपुर पर ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर राष्ट्रीय काउंसलर एवं प्रांतीय ऑडिटर नरेश कौशिक के नेतृत्व में शिक्षक संघ ने केंद्र एवं राज्य सरकार को समर्पित ज्ञापन में शिक्षकों के अधिकार और सेवा सुरक्षा पर गंभीर चिंता जताई।

ज्ञापन में नरेश कौशिक ने कहा कि संघ सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करता है, लेकिन देश के लाखों शिक्षक और शिक्षिकाएं, जिन्हें RTE एक्ट 2009 के पूर्व नियुक्त किया गया, उन्हें TET उत्तीर्ण करना अनिवार्य नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों को पदोन्नति और सेवा सुरक्षा के लिए TET अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए।

जिलाध्यक्ष विनोद नागर ने कहा कि सरकार द्वारा लागू शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति सेवा नियमावली और योग्यता के अनुरूप हुई थी। ऐसे में उनकी सेवा योग्यता को TET से बांधना अनुचित है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियुक्ति के समय निर्धारित न्यूनतम अर्हता को सेवा काल और पदोन्नति के लिए मान्यता दी जानी चाहिए।

ज्ञापन सौंपने के मौके पर प्रमुख शिक्षक नेताओं में नरेश कौशिक, विनोद नागर, संजीव शर्मा, घनानंद शर्मा, नीरज चौबे, राजीव कुमार, निरंजन नागर, संतोष नागर, सकरुद्दीन, उमेश राठी, कृपाल सिंह, संजय नागर, मुकेश वत्स, सतपाल भाटी, धर्मराज शर्मा, नरेंद्र कुमार, दोरेन्दर राणा, उपासना वर्मा, बृजेश कुमार, सुनील भाटी, सतेन्द्र कुमार, महेश कुमार वशिष्ठ, महेश कुमार, कल्पना शर्मा, सुधीर कुमार, अलका आदि शिक्षक उपस्थित रहे।

संघ ने सरकार से अपील की है कि TET अनिवार्यता के कारण सेवा में जोखिम और पदोन्नति में बाधा पैदा होने वाले शिक्षकों की सुरक्षा के लिए कानून में आवश्यक संशोधन किया जाए और उन्हें पदोन्नति में समान अवसर दिया जाए।