मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/ग्रेटर नोएडा
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर ग्रेटर नोएडा में विभिन्न संस्थाओं द्वारा योग जागरूकता और अभ्यास को लेकर उत्साहपूर्वक आयोजन किए गए।
श्री महाराजा अग्रसेन वैश्य सेवा समिति द्वारा अग्रसेन भवन, स्वर्ण नगरी में योग की विशेष पाठशाला का आयोजन किया गया, वहीं फ़ोर्टिस ग्रेटर नोएडा द्वारा गौर अतुल्यम सोसायटी में योग सत्र आयोजित कर स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित किया गया।
🧘♂️ अग्रसेन भवन में हुई योग की पाठशाला
स्वर्ण नगरी स्थित अग्रसेन भवन में आयोजित योग सत्र का संचालन आचार्य कर्मवीर ने किया, जिन्होंने प्रतिभागियों को दैनिक जीवन में योग अपनाने के लाभ बताए।
आचार्य ने कहा:
"योग केवल शरीर की चपलता नहीं, बल्कि आत्मा की स्थिरता भी है। यदि हम प्रतिदिन केवल 30 मिनट टहलें और 30 मिनट योग करें, तो हम रोगमुक्त और ऊर्जावान बने रह सकते हैं।"
इस योग सत्र में सौरभ बंसल, नवीन जिंदल, मनोज गुप्ता, पवन गोयल, पुष्पेंद्र गोयल, राजेश गुप्ता, आशीष गुप्ता, अरुण गुप्ता, अशोक अग्रवाल, सत्यप्रकाश अग्रवाल, ऋषि गोयल, अतुल जिंदल, विनोद गुप्ता, अंकुर गर्ग, महिपाल गर्ग सहित अनेक नागरिकों और महिलाओं ने सहभागिता की।
🌿 फ़ोर्टिस ग्रेटर नोएडा द्वारा गौर अतुल्यम सोसायटी में योग जागरूकता सत्र
इसी क्रम में, फ़ोर्टिस ग्रेटर नोएडा की पहल पर गौर अतुल्यम सोसायटी में एक विशेष योग सत्र आयोजित किया गया, जिसमें सोसायटी के विभिन्न आयु वर्ग के लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य योग के ज़रिए बीमारियों की रोकथाम और जागरूकता फैलाना रहा।
सत्र की शुरुआत सुबह 6 बजे हुई, जिसमें आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षकों ने प्रतिभागियों को प्राणायाम, सरल योगासन और मानसिक शांति के अभ्यास कराए।
सोसायटी के अध्यक्ष संजय कौशिक, उपाध्यक्ष पवन शर्मा, उत्तराखंड एसोसिएशन के अध्यक्ष जयपाल रावत एवं आर्ट ऑफ लिविंग की अंशु सहित कई गणमान्य लोग भी इस आयोजन में मौजूद रहे।
फ़ोर्टिस ग्रेटर नोएडा के सीईओ डॉ. प्रवीन कुमार ने कहा:
"योग एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि जीवनभर की आदत होनी चाहिए। फ़ोर्टिस का उद्देश्य है अस्पतालों की सीमाओं से बाहर आकर समाज के हर वर्ग को स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित करना — और योग इसमें सबसे सहज और सशक्त माध्यम है।"
🌍 "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य" की भावना के साथ आगे बढ़ा ग्रेटर नोएडा
इन आयोजनों ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि योग केवल व्यक्तिगत लाभ नहीं, बल्कि सामूहिक स्वास्थ्य और मानसिक समृद्धि का आधार है।
"एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य" के मूलमंत्र को आत्मसात करते हुए ग्रेटर नोएडा ने आज फिर दिखा दिया कि यह शहर न केवल तकनीकी और बुनियादी ढांचे में, बल्कि संस्कृति और स्वास्थ्य जागरूकता में भी अग्रणी है।