किसान एकता संघ ने मुख्यमंत्री को संबोधित नौ सूत्रीय मांगपत्र एडीएम को सौंपा, बिजली दरों और शिक्षा नीति के खिलाफ जताया विरोध
Vision Live/ Greater Noida
राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सोरेन प्रधान के निर्देशानुसार किसान एकता संघ के सैकड़ों कार्यकर्ता आज सूरजपुर स्थित जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी शौकत अली चेची के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक नौ सूत्रीय मांगपत्र सौंपा, जिसे एडीएम (न्याय) भैरपाल सिंह ने ग्रहण किया।
बिजली दरों में बढ़ोतरी और शिक्षा नीति का विरोध
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शौकत अली चेची ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि
“बिजली दरों में की जा रही बढ़ोतरी गरीब, किसान, मजदूर और निम्न वर्ग के लिए बेहद घातक है। इससे बिजली चोरी की घटनाएं बढ़ेंगी, आपसी सौहार्द प्रभावित होगा और जनता का भरोसा बिजली विभाग से उठ जाएगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि “बिजली विभाग उपभोक्ताओं पर पहले से ही फर्जी मुकदमे लाद कर मनमानी वसूली कर रहा है।”
उन्होंने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और बाल संरक्षण कानूनों का उल्लंघन करते हुए सरकार 5000 से अधिक स्कूलों का मर्जर कर रही है। इससे सरकार की मानसिकता स्पष्ट है कि वह प्रदेश की लगभग 15 करोड़ जनसंख्या को शिक्षित नहीं देखना चाहती, बल्कि शिक्षा और रोजगार छीनना चाहती है।”
किसान विरोधी कानूनों पर उग्र चेतावनी
प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद शर्मा ने कहा,
“बीजेपी सरकार उद्योगपतियों और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए किसान और मजदूर विरोधी कानून ला रही है। यदि सरकार ने अपने फैसले वापस नहीं लिए तो किसान एकता संघ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगा और सरकार को ईंट से ईंट बजाने का काम करेगा।”
बिजली निजीकरण और महंगाई के खिलाफ विरोध
प्रदेश महासचिव सतीश कनारसी ने कहा कि
“उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने विद्युत नियामक आयोग (UPERC) को जो संशोधित टैरिफ प्रस्ताव भेजा है, उसमें उपभोक्ताओं को ₹13 प्रति यूनिट तक भुगतान करना पड़ेगा। छोटे उपभोक्ताओं का बिल भी दोगुना हो जाएगा, जबकि पहले ही जनता बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि “अगर यह प्रस्ताव वापस नहीं हुआ तो न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में किसान एकता संघ बड़ा जन आंदोलन शुरू करेगा।”
जिला अध्यक्ष पप्पे नागर ने दी आंदोलन की चेतावनी
जिला अध्यक्ष पप्पे नागर ने कहा कि
“UPPCL के निजीकरण का पहले से ही व्यापक विरोध हो रहा है। बिजली और शिक्षा हर घर की मूल ज़रूरत हैं और सरकार जानबूझकर लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करना चाह रही है। यदि मांगों पर सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई तो हम भूख हड़ताल और जेल भरो आंदोलन करने को बाध्य होंगे।”
प्रमुख किसान नेता व कार्यकर्ता रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित नेताओं में शामिल रहे:
देशराज नागर (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), मोहन पाल नागर, पंडित प्रमोद शर्मा, ओमेंद्र खारी, कृष्ण बैसला, जेपी नागर, सतीश कनारसी, जगदीश शर्मा, अरुण खटाना, ओमवीर नागर, दुर्गेश शर्मा, हाशिम सैफी, हिमाचल कसाना, अतुल कसाना, मेहरबान अली, अकरम खान, परवेज अली सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
-जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध गूंजती एक गंभीर चेतावनी-
किसान एकता संघ का यह प्रदर्शन प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध गूंजती एक गंभीर चेतावनी है। संगठन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि मांगों की अनदेखी हुई, तो आने वाले दिनों में राज्यव्यापी आंदोलन को रोका नहीं जा सकेगा।