Vision Live/Dankaur
श्री द्रोणाचार्य (पी0जी0) कॉलिज, दनकौर में गुरू गोविन्द सिंह जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वल व मार्ल्यापण कर महाविद्यालय के सचिव रजनीकान्त अग्रवाल एवं प्राचार्य डॉ0 गिरीश कुमार वत्स के दिशा-निर्देशन में गुरू गोविन्द सिंह जी की जयन्ती मनायी गयी। महाविद्यालय के सचिव रजनीकान्त अग्रवाल ने कहा कि गुरू गोविन्द सिंह जी न केवल एक महान संत और आध्यात्मिक गुरू थे बल्कि वे एक कुशल योद्धा, कवि और विचारक भी थे। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में जागरूकता और आध्यात्मिकता का संचार किया। रजनीकान्त अग्रवाल जी गुरू गोविन्द सिंह की पंक्ति ‘‘भै काहू को देत नहि, नहि भय मानत आन’’ के साथ अपनी वाणी को विराम दिया। साथ ही महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 गिरीश कुमार वत्स ने उनके जीवन परिचय पर विस्तार से चर्चा करते हुये बताया कि गुरू गोविन्द सिंह जी का जन्म 22 दिसम्बर 1666 को पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को पटना बिहार में हुआ था। साथ ही बताया कि यह तिथि नानकशाही कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक वर्ष बदलती रहती है। उन्होंने मात्र 10 वर्ष की आयु में गुरू की गद्दी सम्भाली और सिख धर्म के दसवें और अन्तिम गुरू बने। इन्होंने ही पवित्र ग्रन्थ ‘गुरू ग्रन्थ साहिब’ को पूरा किया तथा उसे गुरू के रूप में प्रतिष्ठित किया था। गुरू गोविन्द सिंह जी के जन्मदिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह प्रकाश पर्व सिख धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने धर्म कि रक्षा के लिए समस्त परिवार का बलिदान किया। जिसके लिए उन्हें सरबंसदानी भी कहा जाता है। उनकी प्रसिद्ध वाणी ‘‘वाहेगुरू जी का खालसा वाहे गुरू जी की फलह’’ आज भी हर सिख के हृदय में जोश और आत्मविश्वास का संचार करती है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ0 देवानन्द सिंह, डॉ0 शिखा रानी, डॉ0 कोकिल अग्रवाल, डॉ0 सूर्य प्रताप राघव, डॉ0 अज़मत आरा, डॉ0 प्रीति रानी सेन, श्री अमित नागर, महींपाल सिंह, चन्द्रेश कुमार त्रिपाठी, श्रीमती प्रीति शर्मा, अखिल कुमार, डॉ0 नीतू सिंह,कु0 चारू0, कु0 नगमा सलमानी, कु0 रूचि शर्मा, कु0 रश्मि शर्मा, अजय कुमार, करन नागर, पुनीत कुमार गुप्ता, रामकिशन, विनीत कुमार, अंकित नागर, राकेश कुमार, रामकुमार शर्मा, रनवीर सिंह, मीनू सिंह, बिल्लू सिंह, ज्ञानप्रकाश, जगदीश कुमार, मोती कुमार, धनेश कुमार, सुनील कुमार एवं छात्र/छात्राऐं उपस्थित रहें।