एडवोकेट चौधरी प्रियंका अत्री की पहल को मिली ऐतिहासिक सफलता : दनकौर को मिला आधुनिक इंडोर स्टेडियम, जयंत चौधरी ने निभाया वादा
मौहम्मद इल्यास-"दनकौरी"/ गौतमबुद्धनगर
गौतम बुद्ध नगर जिले के दनकौर कस्बे में खेल क्षेत्र के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। वर्षों से खेल प्रतिभाओं को मंच दिलाने की दिशा में सक्रिय राष्ट्रीय लोक दल की वरिष्ठ नेता, पूर्व उत्तर प्रदेश प्रवक्ता एवं जानी-मानी अधिवक्ता एडवोकेट चौधरी प्रियंका अत्री के अथक प्रयासों का प्रतिफल आज क्षेत्र को मिला है। दनकौर में ₹2 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक इंडोर स्टेडियम के निर्माण की घोषणा रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी द्वारा की गई, जिसकी ₹1.5 करोड़ की प्रथम किस्त आज जारी कर दी गई।
जयंत चौधरी ने निभाया वादा, चरण सिंह की पुण्यतिथि पर ऐतिहासिक घोषणा
22 मई 2025 को किसान आदर्श इंटर कॉलेज, दनकौर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने इस स्टेडियम की घोषणा की थी। इस वचन को उन्होंने स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जी की पुण्यतिथि 29 मई 2025 को धनराशि जारी कर निभाया। यह केवल एक विकास कार्य नहीं, बल्कि किसानों और युवाओं को समर्पित श्रद्धांजलि भी है।
प्रियंका अत्री की दूरदृष्टि और जमीनी नेतृत्व
इस परियोजना की नींव बहुत पहले रखी जा चुकी थी, जब एडवोकेट चौधरी प्रियंका अत्री ने क्षेत्र में खेल सुविधाओं की कमी को लेकर आवाज उठाई और जन-प्रतिनिधियों से लगातार संवाद बनाए रखा। उनके नेतृत्व में क्षेत्रीय युवाओं और छात्राओं की आकांक्षाओं को दिशा मिली। उन्होंने कहा—
"यह स्टेडियम हमारे युवाओं के लिए सपनों का प्रवेशद्वार है। मैं माननीय जयंत चौधरी जी की आभारी हूं कि उन्होंने मेरे अनुरोध को प्राथमिकता दी और इसे वादे से कार्य रूप में परिणत किया।"
क्षेत्र में खुशी की लहर, युवाओं को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच
यह स्टेडियम न केवल दनकौर और आसपास के युवाओं के लिए प्रशिक्षण और प्रतियोगिता का केंद्र बनेगा, बल्कि आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र राज्य और एशिया स्तर पर भी अपनी खेल प्रतिभाओं के लिए पहचान बनाएगा। स्थानीय लोगों, खासतौर से किसानों, युवाओं, महिला वर्ग और खिलाड़ियों में इस निर्णय को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया।
चौधरी प्रियंका अत्री बनीं प्रेरणा स्रोत
प्रियंका अत्री आज उस राजनीतिक नेतृत्व की मिसाल हैं, जो केवल मंचों पर नहीं बल्कि मैदान पर उतरकर बदलाव लाता है। उनका समर्पण और संघर्ष अब दनकौर की आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगा। उनका कहना है—
"यह केवल निर्माण नहीं, एक विचार है—जहाँ से नए खिलाड़ी, नए सपने और एक नया भविष्य आकार लेगा।"
दनकौर का यह इंडोर स्टेडियम आने वाले समय में न केवल खेल गतिविधियों का केंद्र बनेगा, बल्कि यह भी प्रमाणित करेगा कि जब महिला नेतृत्व में दूरदृष्टि, संघर्ष और संवेदना का मेल होता है, तब विकास केवल संभावना नहीं—वास्तविकता बन जाता है।