विजन लाइव/ ग्रेटर नोएडा
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के विधि न्याय एवं प्रशासन विद्यालय की इंटर्नशिप एवं प्लेसमेंट समिति (आईपीसी) ने छात्रों के कौशल विकास तथा उन्हें करियर के लिए तैयार करने के लिए आयोजित। कार्यशालाओं की अपनी लंबी श्रृंखला में दूसरी कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। कार्यशाला को दो सत्रों में विभाजित किया गया; पहला सत्र छात्रों में प्रक्रियात्मक कानूनों के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। जिसमें सिविल और आपराधिक प्रक्रिया दोनों पर ध्यान केंद्रित किया गया। दूसरे सत्र में सीवी के कामकाज पर चर्चा की गई तथा छात्रों को यह समझने में मदद की गई कि एक अच्छा सीवी कैसे तैयार किया जाए। उसे कैसे तैयार किया जाए तथा समान रूप से प्रभावशाली कवर लेटर के साथ कैसे तैनात किया जाए। श्रोताओं की आवश्यकता को सटीक रूप से पहचानते हुए प्रथम मुख्य वक्ता डॉ. अनीता यादव ने कानून का अध्ययन करने की आवश्यकता और महत्व को संबोधित किया। तथा सिविल कानून के प्रक्रियात्मक पहलुओं पर आगे बढ़ने से पहले कानून के मूलभूत पहलुओं को संबोधित किया। दूसरी मुख्य वक्ता सुश्री सौम्या बरनवाल ने श्रोताओं को आपराधिक प्रक्रिया की तकनीकी जानकारी दी। छात्रों के लिए एक स्पष्ट विभाजन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। ताकि वे पहचान सकें कि कौन से मामले एफआईआर और शिकायतों से शुरू होते हैं तथा आपराधिक मामले का निष्कर्ष कैसे निकलता है। दूसरे सत्र की शुरुआत आईपीसी के अध्यक्ष डॉ. विक्रम करुणा ने की, जिन्होंने कवर लेटर के महत्व और सीवी को इससे मिलने वाली मजबूती तथा उम्मीदवार के बारे में भर्तीकर्ता की धारणा पर पड़ने वाले इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला। सत्र को समिति के सदस्यों ने सीवी की संरचनात्मक आवश्यकताओं और सीवी निर्माण के "क्या करें और क्या न करें" पर प्रकाश डालते हुए आगे बढ़ाया। सत्र का समापन एक उपयोगी प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें छात्रों ने सक्रिय रूप से उन व्यावहारिक समस्याओं पर चर्चा की, जिनका वे सामना करते हैं।