Vision Live/Greater Noida
एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी लॉ स्कूल द्वारा ‘‘भारत की जी 20 की अध्यक्षता का जश्न’’ विषय पर दो दिवसीय अंतर विश्वविद्यालय वाद विवाद प्रतियोगिता ‘‘वर्बम बेलम 3.0’’ का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का उददेश्य छात्रों को भारत की जी 20 प्रेसीडेंसी के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें कक्षाओं से परे हटकर एक समावेशी और स्थायी विश्व बनाने में भारत की भूमिका और योगदान पर विचार विमर्श के लिए एक मंच प्रदान करना था। इस वाद विवाद प्रतियोगिता के समापन समारोह में उत्तरप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गोपाल कृष्ण अग्रवाल, भारतीय संसद के लोकसभा सचिवालय के पूर्व निदेशक डॉ दीपक गोसाईं और एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने छात्रों को प्रोत्साहित किया।
समापन समारोह में उत्तरप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी व अध्यक्षता करना भारत के लिए बहुत ही गर्व और सम्मान की बात है। भारत ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ के दर्शन में विश्वास रखता है जिसे आज पूरे विश्व ने स्वीकार किया है और अपनाया भी है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शिता से आज भारत नित नये आयाम स्थापित कर रहा है जिसमें भारत आज चंद्रयान 3 की सफल लैडिंग कर चंद्रमा के दक्षिण धु्रव पर सर्वप्रथम पहुंचने वाला पहला देश बना वही विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यस्था में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है। जी 20 की अध्यक्षता उन्ही सफलता के स्वर्ण पायदानों का अगला कदम है। एमिटी छात्रों को व्यवहारिकपूर्ण शिक्षा प्रदान करके उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए तैयार कर रही है। देश के प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारियां पूरी ईमानदारी के साथ निभानी चाहिए, यही सच्ची देशभक्ती का अर्थ है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने कहा कि भारत आज बड़ी रकम खर्च किये बिना आर्थिक रूप से अनुसंधान और विज्ञान कैसे करे के उदाहरण से पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है। वर्तमान समय देश का सबसे अच्छा चरण है क्योकि हम परिवर्तनकारी समय में है और यही सही समय है जब हम रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से ज्ञान और सीखने के क्षमता को विकसित कर सकते है। उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में एक आदर्श बदलाव आया है और तमिलनाडू जैसे दक्षिणी राज्य भी उत्तरप्रदेश की शिक्षा प्रणाली से सीख रहे है। भारत के पास विश्व में सबसे विकसित देश बनने की क्षमता है। एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी अपने छात्रों के सम्रग विकास के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है, हमारा मानना है कि हमारा प्रत्यके छात्र एक बड़ी सफलता की कहानी बन सकता है इसलिए हम उन्हें उनके रूचि व क्षेत्रों के अनुसार अवसर मंच प्रदान करने है। डा चौहान ने कहा कि हमने छात्रों को व्यवहारिक विज्ञान, कड़ी मेहनत, महत्वकांक्षा, सकारात्मक दृष्टिकोण और ईश्वर में विश्वास का मंत्र दिया है जिससे वे जीवन में सफलता हासिल करते है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि जी 20 राष्ट्रों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है जिसमें अधिकांश जी 20 संस्थाए शामिल है जो एक महान दृष्टिकोण के साथ व्यवसायों को बढ़ावा दे रहे है। जी 20 शिखर सम्मेलन के माध्यम से भारत को अपनी समृ़द्ध संस्कृति, कला पंरपराओं को पूरी दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का अवसर मिला है। कानून के छात्रों के लिए,सार्वजनिक नीति एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिस पर उन्हे काम करना चाहिए ताकि राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया जा सकें। छात्रों को उन क्षेत्रों के बारे में पता होना चाहिए जो देश के विकास को बढ़ावा देगें और खुद को उन क्षेत्रों के साथ जोड़ना होगा जिनके माध्यम से भारत वैश्विक विकास को नेतृत्व करेगा।
भारतीय संसद के लोकसभा सचिवालय के पूर्व निदेशक डॉ दीपक गोसाईं ने कहा कि भारत एक अद्वितीय और विविधतापूर्ण देश है और हमे अपनी संस्कृति पर गर्व है। जी 20 की अध्यक्षता ने भारत को वैश्विक शांति और सुरक्षा का अग्रदूत बनने का अवसर दिया है। चुनौतियांे का समाधान सहयोग, बहस, संवाद, परामर्श और प्रौद्योगिकी अपनाने से किया जा सकता है। इस प्रतियोगिता का उददेश्य छात्रों में इन कौशलों को विकसित करना है। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इकोसिस्टम और मेक इन इंडिया जैसी पहलों ने भारत को सबसे आगे और विकास की राह पर खड़ा कर दिया है।
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि जी 20 विभिन्न देशों के सहयोगात्मक प्रयासों का परिणाम है जो विश्व में शांति, सुरक्षा और सद्भाव को बढ़ावा देने में मदद करेगा। एमिटी एक भविष्योन्मुखी संस्थान है जो नई शिक्षा नीति 2020 के बहुत पहले बहुविषयक दृष्टिकोण, समग्र शिक्षा आदि को लागू कर चुका था। उन्होनें कहा कि छात्रों को अपने लक्ष्यों को राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ संरेखित करना चाहिए और राष्ट्र निर्माण मे ंसहायक बनना चाहिए।
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा वर्बम बेलम पर आधारित पुरस्कत का विमोचन भी किया गया। समापन समारोह में एमिटी ऑनलाइन के उपाध्यक्ष श्री अभय चौहान, एमिटी कैपिटल वेंचर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमोल चौहान, एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंदोपध्याय, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टीस राजेश टंडन, एमिटी लॉ स्कूल के संयुक्त निदेशक डा शेफाली रायजादा और डा आदित्य तोमर भी उपस्थित थे।