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स्ट्रीट लाईट खेल का बडा खुलासाः- बिजली अधिकारियों की जुगलबंदी के चलते हुए कई गांवों के इलाके अंधरे में डूबे

 



स्ट्रीट लाईट खेल का बडा खुलासाः- बिजली अधिकारियों जुगलबंदी के चलते हुए कई गांवों के इलाके अंधरे में डूबे

ऐसा नही है बल्कि सभी गांवों में स्ट्रीट लाईटें दुरूस्त हैं और जल रही है। तिलपता कर्णवास या फिर देवला गांव में जहां भी स्ट्रीट लाईटे खराब हैं, उन्हें ठीक करवा कर जलवा देंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के इलेक्ट्रिक मैनेजर गुरवेंदिर सिंह

 

 


तिलपता कर्णवास के सुखवीर सिंह आर्य बताते हैं कि गांव नहर और आसपास के इलाकों की स्ट्रीट लाइटें जलती ही नही है या तो टूटी हुई पडी हुई है या फिर केबिल खराब है या फिर पैनल बॉक्स डाउन है। उन्होंने दावा किया है कि बिजली अधिकारी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विद्युत यांत्रिकी विभाग के बीच भारी गोलमाल है, यही कारण है कि स्ट्रीट लाईटों के नाम पर बडा खेल किया जा रहा है।

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा

बिजली अधिकारियों की जुगलबंदी के चलते हुए ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के ज्यादातर गांवों में अंधेरा पसरा रहता है। स्ट्रीट लाईट के जरिए पूरे शहर को जगमगाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से हर महीने एक बडी रकम खर्च की जाती है। ग्रेटर नोएडा के गांवों और सेक्टरों में बडी संख्या में एलईडी लाईंटे लगाई गई है। इनमें सेक्टर अल्फा वन, अल्फा टू, बीटा वन, बीटा टू, गामा वन, गामा टू, डेल्टा वन, डेल्टा टू, डेल्टा थ्री, गामा वन, गामा टू, सिग्मा वन, टू, थ्री फोर, सेक्टर 32, 36 37, ओमीक्रॉन वन, टू थ्री, स्वर्णनगरी, म्यू वन, ज्यू वन ज्यू टू आदि शामिल हैं। इसी तरह जिन गांवों में स्ट्रीट लाइट लगा दी गई हैं उनमें लुक्सर, खानपुर, गुलिस्तानपुर, इमलियाका, बेगमपुर, लख्नावली, सूरजपुर, नवादा, मिलकलच्छी, नियाना, तुगलपुर, नवोली, साकीपुर, बरसात, हतेवा, चचूला, सादोपुर, बादलपुर, सिरसा, डाढ़ा, जैतपुर, चूहडपुर खादर, जैतपुर, खोदना खुर्द, घरबरा, मुर्सदपुर, पतवारी, थापखेड़ा, सुनपुरा, मकोड़ा, घोड़ी बछेड़ा, बिसरख, ऐच्छर, खोदना कलां, बिरौंडा.बिरौंडी, भोला रावल, नटों की मड़ैया, ऐमनाबाद, भोलारावल, डाबरा, कैलाशपुर, कासना, रामपुर फतेहपुर, आदि कई गांव शामिल हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का दावा है कि एलईडी लाइटों के लग जाने से सड़कों पर रोशनी तो बेहतर होगी ही, लोगों  के लिए भी सुविधाजनक हो जाएगी। एलईडी स्ट्रीट लाइटें ऑटोमेशन सिस्टम पर लगी हैं। स्ट्रीट लाइटें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जीआईएस से जुड़ी होंगीए जिससे स्ट्रीट लाइट जलने की सूचना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तक पहुंच जाएगी। सीनियर अफसर भी इस पर नजर रख सकेंगे। ऐसे में अगर कहीं पर स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही है तो सूचना मिलते ही कंपनी उसे रिपेयर करा देगी। प्राधिकरण ने रिपेयर करने के लिए समयसीमा भी तय कर दी है। अगर रिपेयर करने में देरी हुई तो पेनल्टी का भी प्रावधान है, ऐसे में शहरवासियों को बेहतर सर्विस भी मिल सकेगी। इसके साथ ही एलईडी स्ट्रीट लाइट लगने से देश की ऊर्जा भी बचेगी और बिजली का बिल भी कम आएगा। पहले के मुकाबले आधी बिजली में ही ग्रेटर नोएडा की सड़कें रोशन रहेंगी। साल भर में करीब 30 करोड़ रुपये बिजली का बिल आता है, उसकी भी बचत होगी, क्योंकि बिजली की खपत कम होने से बिल भी कम आएगा। करीब 15 करोड़ रुपये ही बिल आने का अनुमान है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण यह दावे हवा हवाई साबित होते जा रहे हैं। ज्यादातर गांवों में एलईडी स्ट्रीट लाइट या खराब होकर लटक गई है या लगी ही नही है। गांवों में कहीं स्ट्रीट लाइट है भी वहां पर केबिल टूटे फूटे पडे हैं साथ ही पैनल बॉक्स डाउन पडे हुए हैं। बिजली अधिकारी मौके पर पहुंच ही नही रहे हैं और इस हालत के चलते हुए ज्यादातर गांवों में अंधेरा ही पसरा रहता हैं। सूत्रों की मानें तो गांवों में इन स्ट्रीट लाइटों को जानबूझ कर खराब भी दिखाया जाता है। हर माह प्राधिकरण शहर और गावोंं को जगमगाने के लिए एक बडी रकम खर्च करता है।




खराब होने की स्थिति में लाईटें जलती नही है और इस मद में खर्च होने वाली रकम में फिर बंदरबाट शुरू होती है। बिजली अधिकारियों की इस जुगलबंदी के चलते हुए कई गांवों के इलाके अंधरे में डूबे हुए हैं। इनमेंं देवला और तिलपता कर्णवास गांवों के कई इलाके ऐसे हैं जहां या तो टूटी हुई पडी हुई है या फिर केबिल खराब है या फिर पैनल बॉक्स डाउन रहते हैं। जिसके चलते हुए अंधेरा कायम रहता हैं। तिलपता कर्णवास के सुखवीर सिंह आर्य बताते हैं कि गांव नहर और आसपास के इलाकों की स्ट्रीट लाइटें जलती ही नही है या तो टूटी हुई पडी हुई है या फिर केबिल खराब है या फिर पैनल बॉक्स डाउन है। उन्होंने दावा किया है कि बिजली अधिकारी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विद्युत यांत्रिकी विभाग के बीच भारी गोलमाल है, यही कारण है कि स्ट्रीट लाईटों के नाम पर बडा खेल किया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के इलेक्ट्रिक मैनेजर गुरवेंदिर सिंह ने बताया कि ऐसा नही है बल्कि सभी गांवों में स्ट्रीट लाईटें दुरूस्त हैं और जल रही है। तिलपता कर्णवास या फिर देवला गांव में जहां भी स्ट्रीट लाईटे खराब हैं, उन्हें ठीक करवा कर जलवा देंगे।