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इंसाफ की तराजू----घरेलू हिंसा मामले में पति की याचिका खारिज


 

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इंसाफ की तराजू----घरेलू हिंसा मामले में पति की याचिका खारिज

 कानून रिव्यूः------विवाहिता अपनी बेटियों के साथ उसी शेयर घर में रह रही है जिसमें वह शादी के बाद से रह रही थी। वह एक ही घर में सहज और सुरक्षित महसूस करती है। उसे कोई समस्या नहीं है कि प्रतिवादी भी उसी घर में रहता है। बच्चे और शिकायतकर्ता की सुरक्षा के लिए आदेश दिनांक 12-07-2022 दिए थे। गौतमबुद्धनगर की अदालत ने अब प्रतिवादी द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया गया है।

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

विवाहिता अपनी बेटियों के साथ उसी शेयर घर में रह रही है जिसमें वह शादी के बाद से रह रही थी। वह एक ही घर में सहज और सुरक्षित महसूस करती है। उसे कोई समस्या नहीं है कि प्रतिवादी भी उसी घर में रहता है। बच्चे और शिकायतकर्ता की सुरक्षा के लिए आदेश दिनांक 12-07-2022 दिए थे।  गौतमबुद्धनगर की अदालत ने अब प्रतिवादी द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया गया है।


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धारा 12, घरेलू हिंसा अधिनियम 1-नसीम जैदी पत्नी मौ. इमरान अलिया बनाम मौ. इमरान अलिया अन्य के मामले में प्रतिवादी द्वारा धारा 25-(2) डी.वी. अधिनियम के तहत एक आवेदन दायर किया गया है जिसमें अदालत से अपने आदेश दिनांक 12-07-2022 को संशोधित करने का अनुरोध किया गया है। प्रतिवादी द्वारा यह कहा गया है कि वह शिकायतकर्ता को वैकल्पिक आवास प्रदान करने के लिए तैयार है। घर प्रतिवादी संख्या 2 का है और शिकायतकर्ता घर पर अवैध रूप से कब्जा करना चाहती है। शिकायतकर्ता निवास आदेश को लेकर विभिन्न न्यायालयों में गलत कहानियां सुना रही है। वह उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दे रही है। इस प्रकार प्रतिवादी ने आदेश में संशोधन का अनुरोध किया। वहीं शिकायतकर्ता द्वारा आवेदन पर आपत्ति जताते हुए कहा गया है कि घर प्रतिवादी यानी उनके पति के पिता का है। प्रतिवादी और वह शादी के बाद से एक ही घर में रह रही है, उसकी दो बेटियां हैं जिनका स्कूल उस घर के पास ही है। इस प्रकार शिकायतकर्ता द्वारा प्रतिवादी के आवेदन को खारिज करने का अनुरोध किया गया। सिविल जज जूनियर डिविजन गौतमबुद्धनगर महिमा जैन ने मामलें में संबंधित पक्षों को सुना और प्रतिवादी की दायर यचिका को खारिज कर दिया है।