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महात्मा गांधी शांति सत्य और अहिंसा के प्रतीक थे उनके आंदोलन ने पूरे भारत में सफलता हासिल की

 


अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता को खत्म करने भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने में बापू का अहम योगदान था, उनकी सत्य और अहिंसा की नीति ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की

चौधरी शौकत अली चेची

  बापू के सत्य अहिंसा की विचार धारा से मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला भी काफी प्रभावित हुए अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता को खत्म करने भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने में बापू का अहम योगदान था, उनकी सत्य और अहिंसा की नीति ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की उन्होंने अहिंसक तरीके से ब्रिटिश सरकार के खिलाफ ना केवल आवाज उठाई बल्कि कई आंदोलनों की अगुवाई की गांधीजी की सादगी और सरलता की दुनिया कायल थी महात्मा गांधी भारतीय इतिहास के एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने देश हित के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी और आजादी के आंदोलन के एक ऐसे नेता थे जिन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी और अंग्रेजों को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था महात्मा गांधी को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पिता कहा गया। 02  अक्टूबर गांधी जयंती मनाने का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का परिचय पर कुछ बिंदु-- मन में थी अहिंसा की लगन नंगा बदन  भाईचारा अमन चैन स्वतंत्रता के लिए घूमे थे हजारों किलोमीटर गांधी जी के पिता ब्रिटिश राज में कठियावाड़ा की एक रियासत के दीवान थे.गांधी जी का जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ था, विवाह के 2 साल बाद उनके पिता का निधन हो गया और पिता की मृत्यु के  1 साल बाद उनकी पहली संतान हुई और कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई लेकिन हर मुश्किल परिस्थिति में बापू ने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी 1887 में अहमदाबाद से हाईस्कूल की डिग्री प्राप्त करने के बाद 1888 में वकालत की पढ़ाई के लिए ब्रिटेन गए 9891 में गांधीजी वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत वापस लौटे लेकिन नौकरी के सिलसिले में महज 23 साल की उम्र में उन्हें दक्षिण अफ़्रीका जाना पड़ा

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उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय श्रमिकों खनन मजदूरों और खेतिहर मजदूरों को एकजुट किया भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार और भेदभाव के खिलाफ भारतीय कांग्रेस का गठन किया और अंग्रेजी शासन के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई 21 साल दक्षिण अफ्रीका में रहने के बाद गांधीजी 1915 में भारत लौट आए  गांधी जी ने भारत की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई भारत लौटने के बाद गांधी ने देश की स्वतंत्रता के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया वह एक कुशल राजनीतिज्ञ थेजिन्होंने अंग्रेजी राज से भारत की मुक्ति के लिए लड़ाई लड़ी और गरीब भारतीयों से अधिकारों के लिए आवाज उठाई वह देश भर में घूमते रहे और लोगों को अपने देश भक्ति के बारे में जागरूक किया पूरी दुनिया खुद को अहिंसा के पुजारी के रूप में याद करती है दक्षिण अफ्रीका मैं एक दौरान डरबन से प्रोटीरिया  की यात्रा करते समय उन्हें तीसरे श्रेणी के डिब्बे में बैठने से रोका गया और उन्हें धक्का मार कर पीटकर ट्रेन से बाहर निकाल दिया गया जबकि उनके पास फर्स्ट क्लास का टिकट था वह नस्लीय भेदभाव कारण था जो अंग्रेजों को अफ़्रीका में ही नहीं भारत में भी महंगा पड़ा साल 1915 में अफ्रीका से भारत लौटने के बाद महात्मा गांधी अपने गुरु गोपाल कृष्ण के पास पहुंचे इस दौरान देश गुलामी की जंजीरों में बना हुआ था, महात्मा गांधी ने देश के हालात को समझने के लिए देश के भ्रमण की योजना बनाई, साथ ही देश में जाति धर्म के भेदभाव को खत्म करने   सविनय अवज्ञा आंदोलन असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन चलाया  गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, पिता करमचंद गांधी माता पुतलीबाई पत्नी कस्तूरबा गांधी मोहनदास करमचंद गांधी की शादी 13 वर्ष की उम्र में हो गई थी बापू जी के बच्चे, हरिलाल, मणिलाल, रामदास ,देवदास, जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात पोरबंदर में हुआ था मृत्यु 30 जनवरी 1948 को लगभग 5:17 बजे शाम को नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर 78 वर्षीय गांधी जी की हत्या कर दी नाथूराम गोडसे एक हिंदू महासभा का सदस्य था, उसने महात्मा गांधी पर पाकिस्तान का पक्ष लेने का आरोप लगाया और अहिंसा के सिद्धांत का विरोध किया मुख्य आंदोलन दक्षिण अफ्रीका में असहयोग आंदोलन स्वराज नमक सत्याग्रह हरिजन आंदोलन निश्चय दिवस भारत छोड़ो आंदोलन राष्ट्रपिता बापू की उपाधि मिली प्रसिद्ध वाक्य अहिंसा परमो धर्म सिद्धांत सत्य अहिंसा ब्रह्मचर्य शाकाहारी सदकर्म बोल पर नियंत्रण राष्ट्रपिता महात्मा गांधी  की विश्व 153 वी वर्षगांठ मना रहा है हर वर्ष 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में  जन्मदिन मनाया जाता है संयुक्त राष्ट्र महासभा 15 जून 2007 को 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया था  यह दिन भारत देश आजादी के बाद राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया गया  देश के सभी राज्यों में तथा केंद्र शासित प्रदेशों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है महात्मा गांधी शांति सत्य और अहिंसा के प्रतीक थे उनके आंदोलन ने पूरे भारत में सफलता हासिल की बाल दिवस] शिक्षक दिवस, फ्रेंडशिप डे आदि दुनिया में शांति और अहिंसा लाने के लिए उनका मुख्य योगदान रहा था 2 अक्टूबर को पूरे भारत में कई आयोजन किए जाते हैं, जैसे प्रार्थना सेवाएं गांधी के जीवन और आंदोलनों को दर्शाने वाली फिल्में स्मारक समारोह आदि  स्वतंत्रता के संघर्ष में उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए याद किया जाता है उनके उद्देश्य एक ऐसे नए समाज का निर्माण करना था जो अहिंसक और इमानदार व्यवहार करता हो गांधी जी ने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते समय संयम और करुणा दोनों का अनुपालन करने की सलाह दी और स्वयं इनका पालन करके मिसाल कायम करते हुए नेतृत्व प्रदान किया वह अपना शौचालय स्वयं साफ करते थे और आसपास के वातावरण की स्वच्छता सुनिश्चित करते थे सभी को स्वच्छता अभियान का संदेश दिया  पानी कम से कम बर्बाद हो और अहमदाबाद में इस बात पर विशेष ध्यान दिया कि दूषित जल साबरमती के जल में ना मिले गांधी जयंती के समय राज घाट नई दिल्ली में प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री महात्मा गांधी के इसमार्ग पर प्रार्थना के दौरान मौजूद रहते हैं, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था गांधीजी का पसंदीदा भक्ति गीत रघुपति राघव राजा राम उनकी याद में गाया जाता है भारत में स्कूल कॉलेजों द्वारा हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा सरकारी संस्थाओं में भी इस तरह के आयोजन किए जाते हैं और छात्र छात्राएं उत्साह से गांधी जयंती समारोह में भाग लेते हैं इस दिन पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है छात्र-छात्राओं द्वारा बापू के सत्य और अहिंसा संदेश पर आधारित  गीत गाया जाता है तथा कविताओं का पाठ करते हैं और गांधीवादी दर्शन पर अपनी खुद की जगह पेश करते हैं छोटे बच्चे इस कार्यक्रम को गांधी जी की पोशाक के साथ राष्ट्रवादी गीतों की प्रस्तुति देकर मनाते हैं तथा छात्र बैनर का उपयोग करते हुए रैली में भाग लेते हैं जो पूरे देश में शांति और अहिंसा के महत्व को दर्शाता है। 

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पूरे भारत में लोग प्रार्थना सेवा स्मारक समारोह और श्रद्धांजलि देते हैं कला विज्ञान और निबंध की प्रतियोगिताओं का प्रदर्शन कर अहिंसक जीवन जीने के लिए पुरस्कार की प्रस्तुति होती हैं पूरे भारत में लोगों द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमा पर सुंदर फूलों की माला और फूल अर्पित की जाती हैं कुछ लोग इस दिन मांस और शराब से बचते हैं महात्मा गांधी जी को पांच बार नोबेल शांति पुरस्कार से नामित किया गया महात्मा गांधी जी 4 महाद्वीपों और 12 देशों में नागरिक अधिकार आंदोलन के लिए जिम्मेदार माने जाते थे 1913 से 1938 तक वे लगभग 79000 किलोमीटर चलेमहात्मा गांधी ने बोअर युद्ध सेना में सेवा की भयानक युद्ध के चित्र को देखकर उन्होंने हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने की ठानी गांधी जी  ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता थे उनका जीवन गांधीजी को विरोध करने और भारतीयों के अधिकारों की मांग के लिए उनके अहिंसक तरीके के लिए जाना जाता था उन्होंने अपने कुछ सबसे कठिन समय के माध्यम से भारत का नेतृत्व किया जो अंततः 1947 में भारतीय स्वतंत्रता की ओर ले गया

लेखकः. चौधरी शौकत अली चेची किसान एकता संघ (संगठन) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष  हैं।