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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 126 वीं बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णय
ग्रेटर नोएडा के 5100 करोड़ रुपये के बजट पर लगी बोर्ड की मुहर
--2017-18 के बाद इस साल प्राधिकरण का सबसे बड़ा बजट
--जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे लगभग 2000 करोड़ रुपये
--विकास कार्यों पर 1714 करोड़ रुपये की रकम होगी खर्च
--सेक्टरों व गांवों के विकास व स्वास्थ्य पर खर्च होंगे 1400 करोड़
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के
लिए 5104 करोड़ रुपये बजट को मंजूरी दे दी है। औद्योगिक विकास आयुक्त व नोएडा- ग्रेटर
नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन संजीव मित्तल की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित
बोर्ड बैठक में इस पर मुहर लग गई है। यह वित्तीय वर्ष 2017-18 के
बाद सबसे बड़ा बजट है। इस बार के बजट में
सर्वाधिक जोर जमीन अधिग्रहण, इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने और
गांवों व सेक्टरों के विकास कार्यों पर दिया गया है। कोरोना संकट से निपटने के बाद ग्रेटर नोएडा ने
एक बार फिर विकास की तेज रफ्तार पकड़ ली है। इस बार के बजट में इसकी झलक दिखाई
पड़ेगी। खासकर लैंड बैंक बढ़ाने पर खासा जोर दिया जा रहा है। बैठक के बाद ग्रेटर
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में ग्रेटर
नोएडा के प्रति औद्योगिक निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ा है। तमाम निवेशक उद्योग
लगाने के लिए जमीन मांग रहे हैं। उनको जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्राधिकरण लगातार
प्रयासरत है। इस वजह 2022-23 के
बजट में जमीन अधिग्रहण पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इसके लिए करीब 2000
करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। प्राधिकरण इस साल कैपिटल व इंफ्रास्ट्रक्चर
बढ़ाने पर भी प्राधिकरण विशेष फोकस कर रहा है। इसके लिए लगभग 1714
करोड़ रुपये का बजट तय किया है। अन्य राजस्व व्यय के रूप में ग्रेटर नोएडा के
सेक्टरों व गांवों के विकास, स्वास्थ्य सेवाओं आदि पर इस साल लगभग 1400
करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने का लक्ष्य है। वहीं, इस साल
प्राधिकरण को लगभग 7322 करोड़ रुपये की आमदनी होने का अनुमान है,
जिसमें
आवंटियों से प्राप्त होने वाली रकम के साथ ही अन्य राजस्व भी शामिल हैं। वहीं,
कोरोना
संकट के बावजूद बीते वित्तीय वर्ष में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को करीब 2200
करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है। इस बैठक में औद्योगिक विभाग के अपर मुख्य
सचिव अरविंद कुमार वर्चुअल रूप से मौजूद रहे। वहीं, नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु
माहेश्वरी, यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, ग्रेटर
नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह, दीप चंद्र व अमनदीप डुली, ओएसडी
सचिन सिंह समेत बोर्ड सदस्यों के रूप में कई अधिकारीगण मौजूद रहे।
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विगत वर्षों के बजट पर एक नजर
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वर्ष---------बजट
2017-18--6443
2018-19--3639
2019-20--4260
2020-21--4369
2021-22--4398
2022-23--5040
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नोट--बजट की रकम करोड़ रुपये में हैं।
1714 करोड़ रुपये से शहर के विकास को मिलेगी रफ्तार
--बोर्ड बैठक में इन अहम परियोजनाओं के बजट को मिली मंजूरी
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट शहर में विकास की गति को और रफ्तार देगा। प्राधिकरण ने विकास व निर्माण कार्यों के लिए 1714 करोड़ रुपये का बजट रखा है। यह रकम में नए सेक्टरों के विकास, ग्रेनो वेस्ट के चार मूर्ति चौक पर अंडरपास, फुटओवर ब्रिज, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में डिग्री कॉलेज, ग्रेनो वेस्ट में प्राधिकरण का नया दफ्तर, गांवों व सेक्टरों में खेल के मैदान, ग्रेनो वेस्ट में स्टेडियम, एयरपोर्ट व मेट्रो, गोशाला, गोबर गैस प्लांट, स्मार्ट मीटर, परी चौक पर बस-बे, पी थ्री गोलचक्कर के पास ब्रिज, सूरजपुर- कासना का विकास, ट्रकों व क्रेन के लिए पार्किंग, अल्फा -वन की मार्केट का पुर्नउद्धार आदि कई परियोजनाओं पर खर्च की जाएगी।
नए सेक्टरों के विकास पर खर्च होंगे 400 करोड़
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस साल कई नए सेक्टरों को विकसित करने की योजना बना रहा है। इसके आंतरिक व बाह्य विकास कार्यों पर 400 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य है। इस मद में सेक्टर के अंदर व बाहर की सड़कें, नाली, सीवर, पार्क आदि विकास कार्य शामिल हैं।
एसटीपी के लिए 80 करोड़ तय
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तीन नए एसटीपी बनाने जा रहा है। इस साल इन तीनों के निर्माण के लिए 80 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया है। इनमें से एक एसटीपी ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर एक में बनेगा। इसकी कुल क्षमता 80 एमएलडी होगी। पहले चरण में इसकी क्षमता 20 एमएलडी होगी। बाद में जरूरत के हिसाब से इसकी क्षमता बढ़ाकर 80 एमएलडी तक की जाएगी। दूसरा एसटीपी ईकोटेक 12 में 12 एमएलडी क्षमता का और तीसरा नॉलेज पार्क फाइव में 20 एमएलडी क्षमता का एसटीपी बनाया जाएगा।
60 करोड़ रुपये चार मूर्ति चौक पर बनेगा अंडरपास
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गौड़ चौक (चार मूर्ति चौक) पर ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए अंडरपास बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए कंसल्टेंट एजेंसी राइट्स से रिपोर्ट तैयार करा ली गई है। इसे बनाने में करीब 60 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले साल इस पर 27 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है। प्राधिकरण बोर्ड ने इस पर मंजूरी दे दी है।
एफओबी के लिए 20 करोड़ तय
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहर में कई जगह एफओबी बनाने जा रहा है। सूरजपुर- कासना रोड पर कैलाश अस्पताल के सामने, कलेक्ट्रेट के सामने और जगत फार्म के सामने फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए टेंडर भी जारी हो चुके हैं। शहर में 7 फुटओवर ब्रिज और बनाए जाएंगे। इसके लिए प्राधिकरण बोर्ड ने 20 करोड़ रुपये बजट मंजूर किए हैं।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनेगा डिग्री कॉलेज
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में तेजी से आबादी बढ़ रही है, लेकिन वहां डिग्री कॉलेज का अभाव है। प्राधिकरण ने डिग्री कॉलेज बनाने का निर्णय लिया है। प्रारंभिक बजट के रूप में एक करोड़ रुपये प्राधिकरण बोर्ड ने पास किए हैं।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्राधिकरण ऑफिस पर खर्च होंगे 16.50 करोड़
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण एक दफ्तर बनवा रहा है। यहां एसीईओ स्तर के अधिकारी रोजाना बैठेंगे। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की समस्याओं का समाधान करेंगे। प्राधिकरण ने इस साल के लिए 5 करोड़ रुपये तय किए हैं। ग्रेनो प्राधिकरण के नॉलेज पार्क स्थित दफ्तर में अवशेष कार्यों एवं फसाड लाइट पर करीब 11.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
सेक्टरों व गांवों में खेल सुविधाएं बढ़ाने पर जोर
खेलो इंडिया मुहिम के तहत खेल के प्रति युवाओं में रुझान बढ़ाने की दिशा में भी प्राधिकरण ने कदम बढ़ाए हैं। खेल सुविधाओं को बढ़ाने के लिए इस साल 6.10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक बनाने पर 1.60 करोड़ रुपये खर्च होंगे। गांवों व सेक्टरों में 10-10 खेल के मैदान बनाने पर 13.50 करोड़ रुपये और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए प्रारंभिक बजट के रूप में 1 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
तीन साल में गांवों व सेक्टरों में बनेंगे सामुदायिक केंद्र
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अगले तीन साल में गांवों व सेक्टरों में सामुदायिक केंद्र बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए 40 करोड़ रुपये के बजट तय किए गए हैं। इससे शादी-समारोह के आयोजनों के लिए सेक्टरवासियों को इधर-उधर परेशान नहीं होना पड़ेगा।
ईआरपी के लिए 25 करोड़
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ईआरपी (इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) सिस्टम पर तेजी से काम कर रहा है। इसके बाद आवंटियों से जुड़ीं अधिकतर सेवाएं सेल्फ सर्विस मोड में आ जाएंगी। आवंटी खुद से उन सेवाओं का लाभ ले सकेगा। उसके लिए किसी प्राधिकरणकर्मी की जरूरत नहीं पड़ेगी। ईआरपी को पूरा करने के लिए प्राधिकरण ने 25 करोड़ रुपये बजट तय किए हैं।
एयरपोर्ट व मेट्रो के लिए 380 करोड़
जेवर में नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण चल रहा है। दूसरे चरण के एयरपोर्ट की जमीन अधिग्रहण की तैयारी है। इसे देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। प्राधिकरण ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच चल रही मेट्रो के संचालन के लिए 20 करोड़ और ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट तय किये हैं।
गोबर गैस प्लांट, गोशाला व मवेशियों के लिए हॉस्पिटल व बनेंगे
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक और गोशाला बनाने का निर्णय लिया है। साथ ही मवेशियों के लिए एक हॉस्पिटल भी बनाया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण ने 8 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। ग्रेटर नोएडा में गोबर गैस प्लांट बनाए जाएंगे। प्राधिकरण ने इसके लिए दो करोड़ रुपये का बजट तय किया है। गैस का इस्तेमाल फ्यूल के रूप में किया जाएगा, जबकि खाद का हरियाली बढ़ाने में उपयोग हो सकेगा।
ग्रेनो में बनेगा इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर
ग्रेटर नोएडा में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा। इसे बनाने की शुरुआत इसी साल होगी। पहले चरण में 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे शहर की सुरक्षा भी पुख्ता करने में मदद मिलेगी।
पानी की बर्बादी रोकने को लगेंगे स्मार्ट वाटर मीटर
पानी की बर्बादी रोकने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपने एरिया में स्मार्ट वाटर मीटर लगाएगा। 3 साल में सभी जगह स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे। लोग जितने पानी का उपयोग करेंगे, उतने का बिल देना पड़ेगा। वर्तमान समय में इसके लिए चार्जेस फिक्स हैं। इसके लिए प्राधिकरण ने 20 करोड़ रुपये का बजट तय किया है।
फाई वन में बनेगा एक मेगावाट का सोलर प्लांट
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक मेगावाट का सोलर प्लांट और बनाने का निर्णय लिया है। यह सोलर प्लांट भी मौजूदा प्लांट के पास सेक्टर फाई वन में ही बनेगा। इसके लिए प्राधिकरण ने 5 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। इसके अलावा हवेलिया नाले पर दो मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट भी प्रस्तावित है, जिसे अगले साल बनाया जाएगा।
पी थ्री गोलचक्कर व परी चौक पर ट्रैफिक जाम होगा कम
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पी थ्री गोलचक्कर पर लगने वाले ट्रैफिक जाम को खत्म करने का प्लान भी बना लिया है। रेडिसन के सामने सेक्टर पी थ्री के बीच ब्रिज बनाया जाएगा। इसके बन जाने से कासना की तरफ से आने वाले वाहन पी थ्री गोलचक्कर आए बिना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट की तरफ जा सकेंगे। इससे पी थ्री गोलचक्कर पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। इसके लिए प्राधिकरण ने 20 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। इसके साथ ही परी चौक गोलचक्कर पर बस -बे बनाया जाएगा। इस पर करीब 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
नए सिरे से विकसित होंगे सूरजपुर व कासना कस्बे
सूरजपुर व कासना को नए सिरे से विकसित किया जाएगा। इनके विकास पर करीब 50-50 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस साल प्रस्ताव तैयार कर कंसल्टेंट चयनित करने, परियोजना रिपोर्ट तैयार कराने और टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर 31 मार्च तक काम कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसे देखते हुए प्राधिकरण ने दोनों कस्बों के लिए पहले साल में 10-10 करोड़ रुपये का बजट तय किया है।
बस शेल्टरों व बस स्टॉपों पर खर्च होंगे 6.50 करोड़
प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा के निवासियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए लोकल बस सेवा पहले ही शुरू कर चुका है। अब ग्रेटर नोएडा के सभी प्रवेश द्वारों को दुरुस्त करने, बस स्टॉप व बस शेल्टरों को चमकाने के लिए 6.50 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। बस शेल्टरों को आधुनिक व सुविधा युक्त बनाया जाएगा।
नोएडा-ग्रेनो लिंक रोड के लिए 26 करोड़ का बजट
एलजी चौक से नोएडा के सेक्टर 146 के बीच हिंडन पर बन रहे पुल के लिंक रोड को बनाने के लिए प्राधिकरण ने 26 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। इससे नोएडा ग्रेटर नोएडा के बीच आवाजाही और सुगम हो जाएगी। परी चौक पर ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा।
ट्रकर्स कॉर्नर के लिए पांच करोड़
ग्रेटर नोएडा में सिरसा प्रवेश द्वार के पास ट्रकर्स कॉर्नर विकसित किया जा रहा है। इस पर काम शुरू हो चुका है। प्राधिकरण ने इसके काम को और गति देने के लिए पांच करोड़ रुपये के बजट तय किए हैं। ईस्टर्न पेरिफेरल से ग्रेटर नोएडा की तरफ आने वाले वाहन ट्रकर्स कॉर्नर में रुक कर विश्राम कर सकेंगे। उनके जरूरत की सभी सुविधाएं यहां विकसित की जाएंगी।
अल्फा वन को पुर्नउद्धार के लिए 10 करोड़
-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर अल्फा वन की मार्केट को नए सिरे से विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 10 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
ट्रकों व क्रेन के लिए बनेगी पार्किंग
ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग जगहों पर क्रेन व ट्रकों की पार्किंग चिंहित कर उन्हें विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण बोर्ड ने दो करोड़ रुपये तय किए हैं।
वेंडर मार्केट व शॉप-क्योस्क बनाने के लिए 19 करोड़
ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग जगहों पर क्योस्क व दुकानें बनाने के लिए भी तैयारी कर ली है। कई पुराने सेक्टरों में वेंडर मार्केट भी चिंहित बनाई जा रहीं हैं। इनके निर्माण में करीब 19 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्राधिकरण बोर्ड ने इस पर भी मंजूरी दे दी है।
हरियाली व ओपन जिम पर खर्च होंगे 76 करोड़
इस साल ग्रेटर नोएडा का फोकस हरियाली बढ़ाने और फिटनेस के लिए ओपन जिम पर भी विशेष फोकस रहेगा। इसके लिए 76 करोड़ रुपये के बजट तय किए गए हैं, जिसमें से नए पार्कों को विकसित करने समेत अन्य उद्यान कार्यों पर 40 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हैप्पीनेस पार्क पर 8 करोड़, फिटनेस ट्रेल पर 8 करोड़, ओपन जिम पर 10 करोड़ और ग्रीन बेल्ट को विकसित करने पर 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
अब ऑक्शन से होगा सभी तरह के भूखंडों का आवंटन
--ऑक्शन से संपत्तियों की आवंटन प्रक्रिया में और आएगी पारदर्शिता
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने अब सभी तरह के भूखंडों (औद्योगिक, संस्थागत, आईटी, बिल्डर, आवासीय भूखंड आदि ) का आवंटन ऑक्शन के जरिए करने का निर्णय लिया है। हालांकि धार्मिक स्थलों के भूखंडों को ऑक्शन से बाहर रखा गया है। नोएडा एयरपोर्ट, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो, आईआईटीजीएनएल की इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब जैसी परियोजनाओं के चलते विगत कुछ वर्षों में ग्रेटर नोएडा में निवेश की गति ने रफ्तार पकड़ी है। औद्योगिक भूखंडों की मांग बढ़ी है। प्राधिकरण की मंशा है कि औद्योगिक भूखंडों का आवंटन उन उद्यमियों को ही किया जाना चाहिए, जो सही मायने में उद्योग लगाना चाह रहे हैं, ताकि यहां के युवाओं को रोजगार मिल सके। इसलिए प्राधिकरण बोर्ड ने तय किया है कि अब धार्मिक स्थलों को छोड़कर शेष सभी तरह के भूखंडों का आवंटन ऑक्शन के जरिए ही होगा। गौरतलब है कि बिल्डर और वाणिज्यिक भूखंडों का आवंटन पहले से ही ऑक्शन के जरिए होता रहा है। अब औद्योगिक, संस्थागत व आईटी के भूखंड भी ऑक्शन के जरिए आवंटित किए जाएंगे। इससे पारदर्शिता भी आएगी। प्राधिकरण बोर्ड ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
ग्रेनो प्राधिकरण में लागू होगा पीडब्ल्यूडी का शेड्यूल ऑफ रेट
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के परियोजना विभाग के कार्यों के एस्टीमेट व टेंडर के लिए यूपी पीडब्ल्यूडी की प्रक्रिया को लागू करने का निर्णय लिया गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भी अब पीडब्ल्यूडी के शेड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) लागू होगा। इस प्रस्ताव पर प्राधिकरण बोर्ड ने मुहर लगा दी है। इसके चलते प्राधिकरण एरिया में विकास कार्यों, खासकर रोड व अन्य कार्यों की गुणवत्ता और बेहतर होगी। दरअसल, दिल्ली में सीपीडब्ल्यूडी के डीएसआर के आधार पर विकास कार्य होते हैं। एक बार डीएसआर तय होने के बाद कई साल तक चलता रहता है, जबकि निर्माण सामग्री व अन्य आइटम के रेट लोकल फैक्टर की वजह से बदलते रहते हैं। पीडब्ल्यूडी एसओआर रेट में निर्माण सामग्री, टैक्स, लोकल फैक्टर आदि को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर बदलाव होता रहता है। इसके लागू होने के बाद प्रोजेक्ट का और सटीक आकलन निकल सकेगा। सटीक एस्टीमेट होने से टेंडर निकलने पर पहले से अधिक कॉन्ट्रैक्टर हिस्सा ले सकेंगे। अच्छे कॉन्ट्रैक्टरों के चयन से कार्यों की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।
अब 3750 रुपये में किसानों से जमीन खरीदेगा ग्रेनो प्राधिकरण
--ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने दी मंजूरी
--अब तक 3500 रुपये था भूमि क्रय मूल्य
-- नया क्रय मूल्य 01 अप्रैल से होगा लागू
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंगलवार को किसानों को बड़ी सौगात दे दी है। किसानों से सीधे जमीन खरीदने के रेट में प्राधिकरण ने 250 रुपये का इजाफा कर दिया है। बोर्ड ने क्रय मूल्य 3500 रुपये प्रति वर्ग मीटर से बढ़ाकर 3750 रुपये कर दिया है। नई दरें 01 अप्रैल से लागू मानी जाएंगी। इससे प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया के अंतर्गत आने वाले गांवों के हजारों किसानों को फायदा होगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन संजीव मित्तल की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न बोर्ड बैठक में सीईओ नरेंद्र भूषण की तरफ से किसानों से सीधे जमीन खरीदने के लिए क्रय मूल्य को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया। बोर्ड ने इसे स्वीकार कर लिया और क्रय मूल्य 3500 रुपये प्रति वर्ग मीटर में 250 रुपये की वृद्धि करते हुए 3750 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधीन आने वाले गांवों में किसानों से सीधे जमीन खरीदने के लिए क्रय मूल्य 2016 में 3500 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय किया गया था। अब इसमें इजाफा कर दिया गया है। सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक निवेश के लिए निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। देश ही नहीं, विदेशी कंपनियां भी उद्योग लगाने के लिए जमीन मांग रही हैं। प्राधिकरण किसानों से जमीन खरीदकर औद्योगिक सेक्टरों को विकसित करना चाह रहा है, ताकि यहां औद्योगिक निवेश और बढ़े और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मिल सकें। एक अप्रैल 2022 से किसानों से नए रेट पर जमीनें खरीदने का निर्णय लिया गया है।