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तीन कृषि काले कानून बिल लगभग देश की 80 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करेंगे

 


भाजपा की गलत नीतियों के कारण भारत देश लगभग 25 वर्ष पीछे चला गया

 


चौधरी शौकत अली चेची


भारत का ताना-बाना उजड़ती फुलवारी घर-घर में सोच हुई न्यारी, सबका साथ सबका विकास अच्छे दिन बुरे दिनों में बदल गए। चाय बेची किसी ने नहीं देखा, देश बेचा जा रहा है सारी दुनिया देख रही है। फकीर आदमी  945000 का सूट पहनकर  3 करोड़ 35 लाख में बेच रहा है। जाति धर्म की नफरत का चश्मा चढ़ा कर देश को बर्बाद कर दिया। असली, नकली और हिंदू मुस्लिम तथा देशद्रोही का जहर जनता के दिलों में भर दिया। देश में मुस्लिम क्या गैर मुस्लिम भी इन सारी नीतियों से बबार्द हो रहा है। सबसे पहले लाल किले को गिरवीं रख दिया और अब सरकारी संस्थाएं बेची जा रही हैं। सांसदों के गोद  लिए गांव  घुटनों पर नहीं चल पाए दूसरों के कामों के ही रिबन काटे जा रहे हैं। पाकिस्तान का कुछ बिगड़ा नहीं, चीन भी अलग से गुर्रा रहा है। विदेशी नीति धूमिल हो गई, पड़ोसी मुल्क नाराज हैं।  अंधभक्त, गोदी मीडिया भाजपा सरकार की हर बर्बादी को ऐतिहासिक बता रही है। आपसी मनमुटाव, बेरोजगारी, महंगाई से किसानों, आमजन, गरीब, मजदूरों की जान जा रही है। सीमा पर जवानों की शहादत लगातार हो रही है। देश की नारी अपनी इज्जत सम्मान को नहीं बचाने पर खून के आंसू रो रही है। किसान और किसानों के बेटों को आपस में लड़वाया जा रहा है। जीएसटी का दिया पैसा पता कहां गया वर्ल्ड में भारत गरीबी में 144 वे स्थान पर पहुंच गया। जीडीपी रसातल में चली गई। हक की आवाज या सच्चाई उजागर करने वालों को अलगाववादी, आतंकवादी, देशद्रोही, पाकिस्तानी, खालिस्तानी और गुंडे मवाली के नाम से पुकार कर लाठी-डंडे आदि से पिटाई कर संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। भ्रष्टाचार, अत्याचार, बलात्कार, बेरोजगारी, महंगाई, जाति धर्म की नफरत दुगनी हो गई, लेकिन किसानों की आय दुगनी नहीं हो पाई। अन्नदाता को भगवान कहा जाता है भगवान के नाम पर वोट लेकर सत्ता में बैठी है भाजपा। अपनी जायज हक को लेकर अन्नदाता


घर बार छोड़कर सर्द मौसम में सड़कों पर भटक रहा है। निजी स्वार्थ में केंद्र सरकार किसानों को मूर्ख समझ कर गुमराह कर रही है जिन बुद्धिहीन लोगों को यह जानकारी नहीं खेत में पानी कब लगेगा बीज कितना डालेगा, खाद कितना डालेगा, लागत कितनी आएगी, इनकम कितनी होगी आदि मुख्य बिंदुओं की जानकारी नहीं होते हुए किसानों तथा विपक्षियों पर आरोप लगाकर सत्ता पक्ष की दलाली कर रहे हैं। देश का किसान खून के आंसू रो रहा है दर्द उसी को होता है जिसे चोट लगती है ऊपर वाले की लाठी में आवाज नहीं होती। किसानों पर जुर्म सबसे बड़ा पाप है, सत्ता आनी जानी है, कर्म का फल जरूर भोगना पड़ता है। जो किसान का नहीं वह किसी का नहीं समझना यह भी है तीन कृषि काले कानून बिल लगभग देश की 80 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करेंगे। विदेशों के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति व जागरूक लोग भी इन बिलों का विरोध कर रहे हैं। देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है भाजपा के बनाए  कानूनों पर लगातार विरोध होते रहे है, विकास पुरुष चौकीदार 56 इंची सीने वाले जानते कुछ नहीं है और मानते किसी की नहीं है। इतिहास के पन्नों में लिखें अंग्रेजी शासन की कहानियों को ताजा करती नजर आ रही है। वर्ल्ड मै भारत का नाम रोशन करने वाला देश की आर्थिक स्थिति को संभालने वाला देश की सीमाओं की रक्षा करने वाला किसान ही है। किसान से बड़ा मुख्य योगदान देश के लिए और किसी का है ही नहीं। भाजपा की गलत नीतियों के कारण भारत देश लगभग 25 वर्ष पीछे चला गया।

लेखकः- चौधरी शौकत अली चेची भारतीय किसान यूनियन ( बलराज  ) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष  हैं।