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दहेज की बलि चढ़ी एक और बेटी: ईशिका भाटी हत्याकांड में न्याय की मांग को लेकर बागपत SSP कार्यालय का घेराव

Vision Live  / बागपत/दादरी
दहेज की कुप्रथा ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर दिया। 10 लाख रुपये और स्कॉर्पियो कार की मांग पूरी न होने पर ईशिका भाटी नामक विवाहिता की बेरहमी से हत्या कर दिए जाने के मामले में न्याय की मांग को लेकर आज बढ़पुरा (दादरी) क्षेत्र के ग्रामीणों व पीड़ित परिजनों ने बागपत SSP कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक मामले में केवल एक ही गिरफ्तारी हुई है, जबकि अन्य आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।
ग्रामीणों और परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे आरोपियों के हौसले बुलंद हैं। प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन ने 48 घंटे के भीतर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि तय समय में उचित कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण धरना-प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे।
क्या है पूरा मामला
यह हृदयविदारक घटना बागपत जिले के गोटरा गांव की है। पीड़िता ईशिका भाटी, पुत्री जितेंद्र भाटी (निवासी: गांव बढ़पुरा, तहसील दादरी, जिला गौतम बुद्ध नगर) की शादी 23 नवंबर 2023 को गोटरा (बागपत) में पूरे रीति-रिवाज और धूमधाम से की गई थी। पिता ने अपनी हैसियत से अधिक खर्च कर बेटी को विदा किया।
शादी के शुरुआती समय में सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन कुछ समय बाद ससुराल पक्ष द्वारा दहेज की मांग शुरू कर दी गई। इसकी जानकारी ईशिका ने अपने मायके वालों को दी। दोनों परिवारों के बीच समझौता भी हुआ और ईशिका ससुराल में ही रहने लगी।
आरोप है कि बाद में फिर से 10 लाख रुपये और स्कॉर्पियो कार की मांग शुरू हो गई। ईशिका ने असमर्थता जताई, जिसके बाद 24 दिसंबर 2024 को उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैला दिया है।
ग्रामीणों की दो टूक
प्रदर्शनकारियों ने कहा—
“अगर अपराधियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन तेज किया जाएगा। दहेज के लालच में बेटियों की हत्याएं बंद होनी चाहिए। समाज को तय करना होगा कि दहेज के लोभियों को अपनी बेटियां देना बंद करें, तभी बेटियां सुरक्षित रहेंगी।”
यह मामला न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि समाज से दहेज जैसी अमानवीय प्रथा को जड़ से खत्म करने की कठोर और सामूहिक पहल की मांग भी करता है।