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स्वच्छता में प्रतिस्पर्धा, जिम्मेदारी और इनाम—ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अनूठी पहल


— मौहम्मद इल्यास “दनकौरी” / ग्रेटर नोएडा
शहर को स्वच्छ, सुंदर और पर्यावरण–अनुकूल बनाने की दिशा में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक अहम कदम उठाया है। स्वच्छता को केवल सरकारी जिम्मेदारी न मानते हुए अब इसे सकारात्मक प्रतिस्पर्धा से जोड़ दिया गया है। इसी सोच के तहत प्राधिकरण ने बल्क वेस्ट जनरेटरों के लिए स्वच्छता रैंकिंग प्रतियोगिता शुरू की है, जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली रिहायशी और गैर रिहायशी संस्थाओं को एक लाख रुपये तक का पुरस्कार दिया जाएगा।
यह प्रतियोगिता न केवल सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने का माध्यम बनेगी, बल्कि सोसाइटियों और संस्थानों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम–2016 के प्रति जागरूक और जिम्मेदार भी बनाएगी। ग्रेटर नोएडा में अधिकांश रिहायशी सोसाइटियां बल्क वेस्ट जनरेटर की श्रेणी में आती हैं, जिन पर अपने कूड़े के पृथक्करण और निस्तारण की जिम्मेदारी होती है। इसी जिम्मेदारी को अवसर में बदलने के उद्देश्य से यह पहल की गई है।
इनाम के साथ सम्मान भी
प्रतियोगिता में रिहायशी और गैर रिहायशी—दोनों श्रेणियों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली संस्थाओं को एक–एक लाख रुपये, द्वितीय को 75 हजार रुपये, तृतीय को 50 हजार रुपये तथा सांत्वना पुरस्कार के रूप में दो–दो संस्थाओं को 25–25 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी। विजेताओं को आगामी फरवरी में प्रस्तावित पुष्प प्रदर्शनी के दौरान सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाएगा, जिससे स्वच्छता को सामाजिक प्रतिष्ठा भी मिलेगी।
ऑनलाइन आवेदन, विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन
प्रतियोगिता के लिए ऑनलाइन आवेदन 26 दिसंबर से शुरू हो चुके हैं और 9 जनवरी 2025 अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। आवेदन केवल ऑनलाइन लिंक
👉 https://ee-eu.kobotoolbox.org/x/Z9rqNgu9
के माध्यम से स्वीकार किए जाएंगे।
प्राधिकरण द्वारा तय किए गए विभिन्न मानकों पर विशेषज्ञों की टीम आवेदनों का मूल्यांकन करेगी, जिसमें कूड़ा पृथक्करण, कंपोस्टिंग, स्वच्छ परिसर, जागरूकता गतिविधियां और नियमों का पालन प्रमुख आधार होंगे।
स्वच्छता को जनआंदोलन बनाने की कोशिश
प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित यह प्रतियोगिता स्वच्छता को जनआंदोलन का रूप देने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने ग्रेटर नोएडा की सभी सोसाइटियों और संस्थानों से इसमें बढ़–चढ़कर हिस्सा लेने की अपील करते हुए कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों का पालन कर हम न केवल अपने परिसर को बल्कि पूरे शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बना सकते हैं।
स्पष्ट है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की यह पहल स्वच्छता को सिर्फ अभियान नहीं, बल्कि प्रतिस्पर्धा, सम्मान और सामूहिक जिम्मेदारी का रूप दे रही है—जहां सफाई करने वाले सिर्फ विजेता नहीं, बल्कि शहर के असली नायक बनेंगे।