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जेवर एयरपोर्ट: वादों के बोझ तले दबता भविष्य, रोजगार के लिए दर-दर भटकते प्रभावित किसान परिवारों के युवा

मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी" / ग्रेटर नोएडा
देश के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में शुमार जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को विकास और रोजगार का प्रतीक बताया गया था, लेकिन हकीकत यह है कि इसी “विकास” की बुनियाद रखने वाले किसान परिवारों के युवा आज अपने हक के लिए संघर्ष को मजबूर हैं। सरकार द्वारा किए गए वादों की लंबी फेहरिस्त के बीच प्रभावित युवाओं का सब्र अब जवाब देने लगा है।
स्थायी रोजगार की मांग को लेकर जेवर एयरपोर्ट से प्रभावित किसान परिवारों के युवाओं ने सूरजपुर स्थित समाजवादी पार्टी जिला कार्यालय पहुंचकर सपा जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी से मुलाकात की और अपनी पीड़ा साझा की। युवाओं का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि अधिग्रहण के समय स्पष्ट घोषणा की थी कि जिन किसानों की जमीन ली जाएगी, उनके परिवार के एक सदस्य को स्थायी नौकरी अथवा 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस भरोसे पर करीब 750 परिवारों ने स्थायी रोजगार का विकल्प चुना, लेकिन 7 साल से अधिक समय बीतने के बाद भी एक भी ठोस नियुक्ति नहीं हो सकी।
स्थायी नौकरी के नाम पर ठेका सिस्टम का धोखा
प्रभावित युवाओं ने आरोप लगाया कि जब वे अपने अधिकार की बात करते हैं, तो उन्हें स्थायी नौकरी की बजाय पेटी ठेकेदारों के जरिए सिक्योरिटी गार्ड जैसे अस्थायी पदों पर लगाने की पेशकश की जाती है। उनका कहना है कि यह न केवल वादाखिलाफी है, बल्कि उनके भविष्य के साथ खुला छल भी है।
सपा का भरोसा: सड़क से सदन तक संघर्ष
इस मौके पर सपा जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी ने युवाओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि यह केवल रोजगार का मुद्दा नहीं, बल्कि विश्वास और न्याय का सवाल है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष रखा जाएगा और प्रभावित युवाओं के हक के लिए ठोस रणनीति तैयार की जाएगी।
सुधीर भाटी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा सरकार का गरीब, किसान और नौजवान से कोई सरोकार नहीं है। “भाजपा सरकार विकास के नाम पर चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही है, जबकि जमीन देने वाले किसान परिवारों के युवा आज भी बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।” उन्होंने साफ कहा कि समाजवादी पार्टी सड़क से लेकर सदन तक युवाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करेगी।
स्थानीय प्रतिनिधियों पर भी उठे सवाल
युवाओं ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि वे जमीनी समस्याओं से दूर केवल फर्जी उपलब्धियों के प्रचार में लगे हुए हैं, जबकि प्रभावित परिवारों की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है।
आंदोलन की आहट
बैठक में पूर्व प्रत्याशी नरेंद्र नागर, विधानसभा अध्यक्ष ठाकुर राजेश सिंह रोही, अनूप तिवारी, प्रदीप रावत, राकेश बैसला सहित कई सपा नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। युवाओं के तेवर देखकर साफ संकेत मिल रहे हैं कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो यह मुद्दा आने वाले समय में बड़े जन आंदोलन का रूप ले सकता है।
"विजन लाइव" का विश्लेषण
जेवर एयरपोर्ट भले ही उड़ान भरने को तैयार हो, लेकिन उससे प्रभावित किसान परिवारों के युवाओं का भविष्य आज भी जमीन पर अटका हुआ है—अब सवाल यह है कि सरकार कब अपने वादों को हकीकत में बदलेगी?