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ऊंची दनकौर में बुलडोज़र गरजा :- 4.6 हेक्टेयर (46,000 वर्ग मीटर) सरकारी/प्राधिकरण की भूमि से कब्जा हटाया



दनकौर में 4.6 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमणमुक्त, 500 करोड़ रुपये की प्राधिकरण संपत्ति वापस कब्जे में

मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/ यीडा सिटी
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने सोमवार को बड़े पैमाने पर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाते हुए ग्राम दनकौर की लगभग 4.6 हेक्टेयर (46,000 वर्ग मीटर) सरकारी/प्राधिकरण की भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करा लिया। इस भूमि का अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 500 करोड़ रुपये आंका गया है।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर चलाए गए इस अभियान का नेतृत्व विशेष कार्य अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने स्वयं मौके पर रहकर किया। कार्रवाई में यीडा के राजस्व विभाग, परियोजना विभाग, दनकौर थाना पुलिस, प्राधिकरण के सुरक्षा बलों के साथ कई जेसीबी मशीनों की तैनाती की गई। अभियान में विशेष कार्याधिकारी शिवौतार सिंह, सहायक पुलिस आयुक्त अरविंद सिंह, तथा तहसीलदार मनोज कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।


अवैध निर्माण जमींदोज, भूमि विकास परियोजनाओं के लिए सुरक्षित

अभियान के दौरान खसरा संख्या 211 पर बने अवैध टीनशेड, पक्की-कच्ची दीवारें, झोपड़ियां तथा अन्य स्थायी-अस्थायी निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया।
इस कार्रवाई से यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल के इंटरचेंज के पास स्थित महत्वपूर्ण औद्योगिक एवं शहरी विकास परियोजनाओं के लिए आरक्षित पूरी भूमि सुरक्षित कर ली गई है।


सख्त संदेश: ‘अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं’

अभियान का नेतृत्व कर रहे विशेष कार्य अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने स्पष्ट चेतावनी दी कि प्राधिकरण की संपत्ति पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा सख्ती से रोका जाएगा।
उन्होंने कहा—
“आज दनकौर में 46,000 वर्ग मीटर से अधिक भूमि, जिसकी कीमत लगभग 500 करोड़ रुपये है, को अतिक्रमण मुक्त कराना यीडा की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। विकास परियोजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन के लिए प्राधिकरण की हर इंच भूमि को सुरक्षित करना हमारी प्राथमिकता है।”

यीडा प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में किसी भी व्यक्ति द्वारा प्राधिकरण की भूमि पर अतिक्रमण करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई, लागत वसूली, और आवश्यकता पड़ने पर आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।


अभियान आगे भी जारी रहेगा

प्राधिकरण के अनुसार अतिक्रमण हटाओ अभियान निरंतर जारी रहेगा, ताकि औद्योगिक, शहरी एवं बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं में किसी भी प्रकार की बाधा न आए।