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गैंगस्टर एक्ट में बड़ा फैसला: सुंदर भाटी समेत 10 दोषियों को 9-9 वर्ष की सजा



🟥 — आठ आरोपियों की सजा पूरी; दो को भेजा गया जेल

       क्राइम रिपोर्टर / ग्रेटर नोएडा

गौतमबुद्धनगर की कासना कोतवाली में दर्ज बहुचर्चित गैंगस्टर एक्ट केस में जिला अदालत ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी समेत 10 दोषियों को 9-9 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने सभी दोषियों पर 20-20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने पर दो महीने अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

8 दोषियों की ओर से पूर्व में सजा पूरी करने पर उन्हें रिहा कर दिया गया, जबकि सिंहराज व ऋषिपाल को शेष सजा के लिए जेल भेज दिया गया है।


🔹 दोषी पाए गए आरोपी

  • सुंदर भाटी
  • सिंहराज
  • विकास पंडित
  • योगेश
  • ऋषिपाल
  • बॉबी उर्फ शेरसिंह
  • सोनू
  • यतेन्द्र चौधरी
  • अनूप भाटी
  • दिनेश भाटी

🔹 मामला क्या था? (8 फरवरी 2015 का हत्याकांड)

नियाना गांव में एक शादी से लौट रहे दादूपुर के ग्राम प्रधान एवं सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके सरकारी गनर भूदेव शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
हमले में एक हमलावर जतिन खत्री भी मारा गया था।

जांच में सामने आया कि—

✔ स्क्रैप, सरिया और पानी सप्लाई को लेकर
✔ सुंदर भाटी और नागर के बीच लंबे समय से वर्चस्व की रंजिश चल रही थी।
✔ इसी विवाद को लेकर हत्या की सुपारी दिए जाने का आरोप लगा।

कुल 13 आरोपियों पर केस दर्ज हुआ था।
साल 2021 में इसी हत्याकांड में 12 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।
यह मामला अभी हाई कोर्ट में अपील पर लंबित है।


🔹 कोर्ट में क्या दलीलें हुईं?

अभियोजन पक्ष

  • आरोपियों ने संगठित गिरोह बनाकर आर्थिक लाभ के लिए हत्या और गंभीर अपराध किए
  • ऐसे संगठित अपराध को रोकने के लिए कड़ी सजा अत्यंत आवश्यक

बचाव पक्ष

  • अधिकांश आरोपी पहले ही लंबे समय तक जेल में सजा काट चुके हैं
  • उन्हें रिहा किया जाए

सभी तथ्यों और साक्ष्यों पर विचार करने के बाद अदालत ने अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।


🔹 तीन दशक का खूनी इतिहास: सुंदर भाटी का अपराध सफर

पश्चिमी यूपी व दिल्ली-एनसीआर में सुंदर भाटी का नाम तीन दशक से खौफ का पर्याय माना जाता रहा है।

उसका अपराध नेटवर्क:

✔ रंगदारी
✔ सुपारी किलिंग
✔ फैक्टरी–ठेकेदारी पर कब्जा
✔ स्क्रैप और सरिया चोरी
✔ जमीन विवादों में दबंगई

2015 में गौतमबुद्धनगर जेल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के साथ वायरल फोटो ने उसकी पहुंच को और उजागर किया था।

उस पर यह भी आरोप लगा कि उसने अपने प्रतिद्वंदी व पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन नरेश भाटी की हत्या कराई।


🔹 भाटी गैंग का नेटवर्क

  • स्क्रैप व स्टील का अवैध कारोबार
  • हथियार सप्लाई
  • वसूली और दबंगई
  • कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं में संदिग्ध भूमिका

यूपी पुलिस की 65 टॉप माफियाओं की सूची में उसका नाम दर्ज है।


🔹 जेल से छूटने के बाद फिर बढ़ी हलचल

अक्टूबर 2024 में जमानत पर बाहर आने के बाद—

  • वेस्ट यूपी में उसके वर्चस्व की हलचल बढ़ी
  • नोएडा में स्टील व स्क्रैप कारोबार पर कब्जे को लेकर चर्चाएँ तेज हुईं
  • प्रतिद्वंदी अनिल दुजाना की 2023 में मुठभेड़ में मौत के बाद
    भाटी के नेटवर्क के फिर मजबूत होने के संकेत मिले

पुलिस लगातार निगरानी में थी, लेकिन कोई नई आपराधिक गतिविधि साबित नहीं हुई।

अब गैंगस्टर एक्ट में 9 साल की सजा ने उसके नेटवर्क पर बड़ा ब्रेक लगा दिया है।


🔹 वेस्ट यूपी में संगठित अपराध पर कड़ा संदेश

सुनवाई में लंबे अंतराल और हाई–प्रोफाइल पृष्ठभूमि के बाद आया यह फैसला
वेस्ट यूपी में संगठित अपराध पर कड़ा संदेश माना जा रहा है।