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7 देशों के वैश्विक फ़ार्मा लीडर्स का संगम — ‘फार्मइनोवेट 2025’ में फार्मास्युटिकल अनुसंधान का भव्य वैश्विक मंच


 Vision Live / ग्रेटर नोएडा

गलगोटियास कॉलेज ऑफ फार्मेसी में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘फार्मइनोवेट समिट-2025’ ने इस वर्ष वैश्विक स्तर पर नई ऊँचाइयाँ छू लीं। “अणु से औषधि : दवा विकास, दवा वितरण तकनीक और जीवनरक्षक उपचार” विषय पर आधारित इस सम्मेलन में 7 देशों — स्वीडन, आयरलैंड, ब्राज़ील, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, भारत समेत कई अग्रणी राष्ट्रों के शीर्ष शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों और उद्योग विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।

शिक्षा व अनुसंधान के प्रति प्रतिबद्धता का सशक्त संदेश

कॉलेज के अध्यक्ष श्री सुनील गलगोटिया ने कार्यक्रम की सफलता पर पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि “गलगोटियास संस्थान वैश्विक स्तर पर फार्मेसी शिक्षा और अनुसंधान को नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध है।”

मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि ऐसे मंच न केवल ज्ञान-विनिमय को गति देते हैं, बल्कि उद्योग-अकादमिक सहयोग के नए अवसर भी निर्मित करते हैं।


पहले दिन वैश्विक शोध जगत की ऐतिहासिक प्रस्तुतियाँ

1. कैंसर उपचार का नया अध्याय — स्वीडन

उप्साला विश्वविद्यालय, स्वीडन के प्रोफेसर व्लादिमिर टॉल्माचेव ने इंजीनियर्ड स्कैफोल्ड प्रोटीन आधारित कैंसर-लक्ष्यीकरण तकनीक पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया।
उन्होंने बताया कि विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए प्रोटीन भविष्य में कैंसर उपचार को अधिक सटीक, प्रभावी और सुरक्षित बनाएंगे।

2. जीन-थेरेपी की अगली पीढ़ी — आयरलैंड

डबलिन विश्वविद्यालय, आयरलैंड के प्रोफेसर वेनशिन वांग ने उच्च-क्षमता जीन-डिलीवरी सिस्टम पर बात की और बताया कि आधुनिक जैव-सामग्री पुनर्योजी चिकित्सा में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं।

3. नैनो-टेक + माइक्रो करंट का भविष्य — ब्राज़ील

साओ पाउलो विश्वविद्यालय, ब्राज़ील की प्रोफेसर रेनाटा वियाना लोपेज़ ने नैनोटेक्नोलॉजी और हल्के विद्युत संकेतों के माध्यम से बाधा-पार दवा वितरण पर प्रभावशाली प्रस्तुतिकरण दिया, जो भविष्य की सटीक औषधि प्रणाली का आधार बन सकता है।

4. दवाओं के ठोस-रूप के रहस्य — डेनमार्क

कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एच.सी. थॉमस राडेस ने दवाओं की घुलनशीलता और जैव-उपलब्धता से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की और अमोर्फ यौगिकों पर नई तकनीकें साझा कीं।

5. उद्योग–अकादमिक सहयोग — ऑस्ट्रेलिया

क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के डॉ. हरेंद्र पारेख ने बताया कि उद्योग और विश्वविद्यालयों के बीच रणनीतिक सहयोग दवा विकास में नवाचार को कई गुना तेज कर सकता है।


1300+ पंजीकरण और 400 शोध सार — अभूतपूर्व वैश्विक प्रतिसाद

सम्मेलन में शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह के साथ मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतीकरण किए।
कार्यक्रम को 1300 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए, जबकि 400 से अधिक शोध-सार प्रस्तुतियाँ समीक्षा हेतु प्राप्त हुईं।

चयनित शोध-सारों को स्कोपस-सूचीबद्ध ‘जर्नल ऑफ एप्लाइड फार्मास्यूटिक्स’ में प्रकाशित किया गया — जिससे शोधकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली।


गलगोटियास कॉलेज ऑफ फार्मेसी ने रखा वैश्विक नवाचार का स्वर्ण-स्तरीय मंच

‘फार्मइनोवेट 2025’ न केवल फार्मास्युटिकल विज्ञान के लिए वैश्विक विशेषज्ञों का एक शक्तिशाली मंच बना, बल्कि भारत को दवा-विज्ञान एवं नवोन्मेष के क्षेत्र में अग्रणी स्थान देने की दिशा में भी एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ।