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विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में गलगोटिया विश्वविद्यालय के छात्रों का शानदार प्रदर्शन


विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में गलगोटिया विश्वविद्यालय के छात्रों का शानदार प्रदर्शन — जीते गोल्ड, सिल्वर और कांस्य पदक
सिमरन शर्मा और प्रीति पाल ने दिलाए भारत को गौरव — दोनों को मिले दो-दो मेडल


Vision Live/ Yeida City 

गलगोटिया विश्वविद्यालय ने एक बार फिर साबित किया है कि यहां की प्रतिभा न केवल शिक्षा और नवाचार में, बल्कि खेलों में भी विश्व स्तर पर चमक बिखेर रही है। हाल ही में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025, जो दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में संपन्न हुई, उसमें विश्वविद्यालय की छात्राओं सिमरन शर्मा और प्रीति पाल ने देश का परचम लहराते हुए गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए।

सिमरन शर्मा ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति और उत्कृष्ट प्रदर्शन के दम पर महिलाओं की 100 मीटर टी-12 स्पर्धा में मात्र 11.95 सेकंड में दौड़ पूरी कर स्वर्ण पदक जीता। वह इस श्रेणी में 12 सेकंड की बाधा पार करने वाली एकमात्र प्रतिभागी रहीं। यही नहीं, सिमरन ने 200 मीटर टी-12 में 24.46 सेकंड का रिकॉर्ड समय दर्ज कर सिल्वर मेडल जीतने के साथ एशियन रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। इस शानदार उपलब्धि से न केवल गलगोटिया विश्वविद्यालय बल्कि पूरे देश का मान बढ़ा।

वहीं, विश्वविद्यालय की एक और प्रतिभाशाली खिलाड़ी प्रीति पाल ने भी अपने दमदार प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया। उन्होंने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में दो कांस्य पदक हासिल कर यह साबित किया कि मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। प्रीति पाल के साहस और दृढ़ निश्चय ने भारत की पदक तालिका में महत्वपूर्ण योगदान दिया और महिला खिलाड़ियों के लिए एक नई मिसाल कायम की।

इस अवसर पर गलगोटिया विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने दोनों छात्राओं को बधाई देते हुए कहा,

“सिमरन और प्रीति ने अपने जुनून, मेहनत और अनुशासन से यह सिद्ध किया है कि गलगोटिया विश्वविद्यालय प्रतिभा को केवल शिक्षा तक सीमित नहीं रखता, बल्कि उसे वैश्विक मंच तक पहुँचाने के लिए हर संभव अवसर प्रदान करता है।”

विश्वविद्यालय के चांसलर श्री सुनील गलगोटिया ने दोनों खिलाड़ियों के जज़्बे की सराहना करते हुए कहा,

“यह उपलब्धियाँ हमारे विश्वविद्यालय की समर्पित खेल नीति और विद्यार्थियों के आत्मविश्वास का परिणाम हैं। सिमरन और प्रीति जैसी छात्राएँ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं। हम सभी विद्यार्थियों से अपेक्षा करते हैं कि वे भी इन्हीं की तरह अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करें।”

इन उपलब्धियों के साथ गलगोटिया विश्वविद्यालय ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि वह शिक्षा, अनुसंधान और खेल—तीनों ही क्षेत्रों में देश का अग्रणी संस्थान है।

सिमरन शर्मा और प्रीति पाल की सफलता न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है।
उनकी यह कहानी आने वाली युवा पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बनी रहेगी।