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दादरी में महान क्रांतिकारी राजा राव उमराव सिंह गुर्जर को श्रद्धांजलि

🇮🇳 168वें बलिदान दिवस पर गुर्जर विद्या सभा और शिक्षण संस्थानों ने किया स्मरण

   Vision Live  / दादरी 
1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीद, दादरी रियासत के राजा राव उमराव सिंह गुर्जर के 168वें बलिदान दिवस पर मंगलवार को गुर्जर विद्या सभा, दादरी की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।


⚔️ राजा राव उमराव सिंह गुर्जर का योगदान

इतिहास गवाह है कि राजा राव उमराव सिंह गुर्जर ने नवाब बलिदाद खां और हजारों क्रांतिकारियों के साथ मिलकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ी।

  • 30 मई 1857 को हिण्डन नदी (गाजियाबाद) के तट पर अंग्रेजों से भयंकर युद्ध कर कई अफसरों को मार गिराया।
  • सिकंदराबाद और बुलंदशहर के कोषागार व जेल पर कब्जा किया, अंग्रेज अफसरों को खदेड़ा और बुलंदशहर को अंग्रेजी शासन से मुक्त कराया।
  • दिल्ली के लाल किले में बहादुर शाह जफर द्वितीय को पुनः सम्राट घोषित कराने में अग्रणी भूमिका निभाई।

लेकिन 28 सितम्बर 1857 को गुलावठी (बुलंदशहर) में निर्णायक युद्ध के दौरान धोखे से उनकी सेना बिखर गई और अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ लिया। 29 सितम्बर 1857 को बुलंदशहर में हाथियों से कुचलवाकर काला आम चौराहे पर पेड़ से लटका दिया गया, ताकि जनता में भय उत्पन्न किया जा सके। उसी दौरान दादरी, सिकंदराबाद और दनकौर क्षेत्र के दर्जनों क्रांतिकारियों को भी फांसी दी गई।


🌸 168वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि

गुर्जर विद्या सभा, दादरी द्वारा संचालित सभी शिक्षण संस्थानों –

  • मिहिर भोज बालक इंटर कॉलेज,
  • मिहिर भोज बालिका इंटर कॉलेज,
  • स्नातकोत्तर महाविद्यालय,
  • बालिका स्नातकोत्तर महाविद्यालय,
  • जू.हा. स्कूल,
  • आईटीआई और
  • मिहिर भोज सार्वजनिक पुस्तकालय

में राजा राव उमराव सिंह गुर्जर और उनके सहयोगियों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

इसके अलावा कोतवाली दादरी के सामने स्थित प्रतिमा पर भी माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया।


🙏 गणमान्य लोगों की उपस्थिति

इस अवसर पर गुर्जर विद्या सभा के सचिव रामशरण नागर एडवोकेट, उपाध्यक्ष देवेन्द्र टाइगर एडवोकेट, ईश्वर भाटी (सचिव, बालिका डिग्री कॉलेज), दिनेश भाटी एडवोकेट (प्रबंधक, बालिका इंटर कॉलेज), राजेश प्रधान (प्रबंधक, इंटर कॉलेज), दीपक नागर (वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता) सहित क्षेत्र के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

सभी ने एक स्वर में कहा कि –

“राजा राव उमराव सिंह गुर्जर और उनके साथियों का बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। नई पीढ़ी को उनके साहस और देशभक्ति से प्रेरणा लेनी चाहिए।”


✨  दादरी रियासत के शेर, राजा राव उमराव सिंह गुर्जर

168 वर्ष पूर्व अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती देने वाले दादरी रियासत के शेर, राजा राव उमराव सिंह गुर्जर की गाथा आज भी स्वतंत्रता प्रेमियों को नई ऊर्जा और प्रेरणा देती है। दादरी में मनाया गया यह बलिदान दिवस केवल श्रद्धांजलि का कार्यक्रम नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए वीरता, त्याग और राष्ट्रभक्ति का पाठ है।