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जीएल बजाज में “इमोशनल वेलबीइंग” पर कार्यशाला का आयोजन, भावनात्मक संतुलन को लेकर छात्रों में बढ़ी जागरूकता


सुश्री दिव्या शाह और श्वेता ग्रोवर ने दिए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े व्यावहारिक सुझाव

 मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/ग्रेटर नोएडा

जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च के परिसर में मंगलवार को "इमोशनल वेलबीइंग" विषय पर एक प्रेरक और जागरूकता बढ़ाने वाली कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई, जिससे माहौल में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिकता का संचार हुआ।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि रहीं सुश्री दिव्या शाह, जो हैप्पीफाई की सह-संस्थापक, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित पत्रकार, और इमोशनल वेलबीइंग विशेषज्ञ हैं। उन्होंने इमोशनल हाइजीन, इनर चाइल्ड, सहानुभूति और भावनात्मक समझ जैसे विषयों पर विचार साझा किए। उन्होंने छात्रों को आत्म-समझ के लिए विभिन्न इंटरैक्टिव एक्टिविटी में भाग दिलवाया और भावनात्मक संतुलन के महत्व को रेखांकित किया।

कार्यशाला की दूसरी प्रमुख वक्ता थीं सुश्री श्वेता ग्रोवर, जो परामर्श मनोवैज्ञानिक एवं प्रमाणित एनएलपी प्रैक्टिशनर हैं। उन्होंने एंग्जाइटी, बॉडी इमेज, जेंडर सेंसिटिविटी और लाइफ स्किल्स जैसे आधुनिक दौर के मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “सफलता की यात्रा आत्म-समझ और भावनात्मक संतुलन से प्रारंभ होती है।”

कार्यक्रम के दौरान अतिथियों को संस्थान की ओर से "ग्रीन ग्रीटिंग" के रूप में पौधों की भेंट दी गई, जो विकास, आशा और उपचार का प्रतीक रहे। यह सम्मान डॉ. आनंद राय (प्रोग्राम चेयरपर्सन) और डॉ. अरविंद कुमार भट्ट (प्रोफेसर) द्वारा प्रदान किया गया।

इस आयोजन के फैकल्टी कोऑर्डिनेटर डॉ. पूजा सिंह और प्रो. अमृता जैन रहीं, जिनके मार्गदर्शन में यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों और अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।

कार्यशाला ने न केवल छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य की जटिलताओं को समझने में मदद की, बल्कि उन्हें भावनात्मक रूप से सशक्त बनने की दिशा में एक ठोस कदम भी दिया।