BRAKING NEWS

6/recent/ticker-posts


 

27,000 स्कूलों को बंद करने के फैसले पर गरमाई सियासत, आम आदमी पार्टी ने किया जोरदार विरोध


"बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़", कहा– आम आदमी पार्टी


 मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/ग्रेटर नोएडा 

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 27,000 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के फैसले ने शिक्षा जगत और सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। आम आदमी पार्टी ने इस फैसले के खिलाफ ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर कड़ा विरोध दर्ज कराया। आम आदमी पार्टी के तेवर से साफ है कि यह मुद्दा आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकता है। शिक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर लिया गया कोई भी फैसला अब बिना जनप्रतिनिधियों और जनता की राय के टिक नहीं पाएगा।

"यह संविधान और शिक्षा के अधिकार पर सीधा हमला"
आप किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कमांडो अशोक ने सरकार के निर्णय को शिक्षा के अधिकार और सर्वशिक्षा अभियान जैसी ऐतिहासिक योजनाओं पर “कुठाराघात” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम देश के भविष्य – बच्चों – के साथ अन्याय है और संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

"कम उपस्थिति सिर्फ बहाना है"
पश्चिमी प्रांत प्रभारी रंजना तिवारी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, “कम उपस्थिति” के नाम पर स्कूल बंद करना निंदनीय है। उन्होंने कहा, “शिक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने की ज़रूरत है, कमजोर करने की नहीं।”

दिल्ली-पंजाब मॉडल की दी सलाह
आप नेताओं ने दिल्ली और पंजाब की शिक्षा नीतियों की सफलता का उदाहरण देते हुए उत्तर प्रदेश को इससे सीख लेने की सलाह दी। उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी ने अपने शासित राज्यों में सरकारी स्कूलों की हालत में ऐतिहासिक सुधार किए हैं।

फैसला वापस लो, वरना जनआंदोलन तय
पार्टी ने सरकार से तत्काल इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी कि यदि सरकार ने कदम पीछे नहीं खींचे, तो आम आदमी पार्टी प्रदेशभर में ज़ोरदार जनआंदोलन शुरू करेगी।

मौजूद रहे कई वरिष्ठ नेता
इस मौके पर पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना अजहर, जिला अध्यक्ष राकेश अवाना, संदीप भाटी और विपिन समेत कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। सभा में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और स्थानीय लोग भी मौजूद थे।