विजन लाइव/लखनऊ
साहित्य और लेखन को केवल सृजन का माध्यम न मानते हुए अब इसे रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कौशल के रूप में मान्यता दिलाने की ओर कदम बढ़ाया गया है। इसी क्रम में आज लखनऊ में एक अहम पहल हुई, जब ललित फाउंडेशन के संस्थापक अंतरराष्ट्रीय कवि अमित शर्मा और संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशल कुशलेन्द्र ने उत्तर प्रदेश के कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा।
इस ज्ञापन में हिन्दी कविता, गद्य लेखन, कंटेंट राइटिंग और स्क्रिप्ट राइटिंग को कौशल विकास मंत्रालय की योजनाओं में औपचारिक रूप से शामिल करने की मांग की गई। दोनों साहित्यकारों ने कहा कि इन क्षेत्रों में कार्यरत रचनाकारों को प्रशिक्षण, आर्थिक सहायता और सरकारी योजनाओं से जोड़कर रचनात्मक प्रतिभा को राष्ट्रीय विकास से जोड़ा जा सकता है।
अमित शर्मा ने इस अवसर पर कहा:
“कविता और साहित्यिक लेखन केवल भावना की अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का औजार है। इसे कौशल विकास के तहत लाकर नई पीढ़ी को संवेदनशील, सृजनशील और आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।”
वहीं कुशल कुशलेन्द्र ने कहा:
“आज कंटेंट और स्क्रिप्ट राइटिंग मीडिया, विज्ञापन और मनोरंजन जगत की रीढ़ बन चुके हैं। इन्हें औपचारिक प्रशिक्षण और संरचना में लाना समय की मांग है।”
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि डिजिटल युग में कंटेंट क्रिएशन, स्क्रिप्ट लेखन और रचनात्मक लेखन से जुड़े कार्य न केवल रोजगार के नए आयाम खोल रहे हैं, बल्कि फ्रीलांसिंग और स्टार्टअप कल्चर को भी बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में सरकार द्वारा इन्हें मान्यता देना और संरचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराना, हज़ारों युवाओं के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने प्रतिनिधियों की बात को गंभीरता से लेते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि इस प्रस्ताव पर विभागीय स्तर पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा:
“रचनात्मकता और भाषा-सम्पदा जैसे कौशलों को संरक्षित और प्रोत्साहित करना हमारी प्राथमिकता है। यदि साहित्यिक लेखन रोजगार सृजन में सहायक हो सकता है, तो उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।”
इस पहल को साहित्यिक समुदाय ने “ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम” बताया है। लेखकों, शिक्षाविदों और युवाओं में इस समाचार को लेकर उत्साह देखा गया, क्योंकि यह पहल भविष्य में साहित्य को सामाजिक और आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक ठोस प्रयास सिद्ध हो सकती है।