किसान एकता महासंघ ने सौंपा 8 सूत्रीय ज्ञापन, 30 जुलाई को सलारपुर अंडरपास पर महापंचायत का ऐलान
"अब अधिकार लेकर ही लौटेंगे" — किसान एकता महासंघ का ऐलान, 30 जुलाई को होगी ऐतिहासिक महापंचायत
📍 मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी" / यीडा सिटी
क्षेत्रीय किसानों की लंबित समस्याओं और अधिकारों को लेकर किसान एकता महासंघ ने शुक्रवार को यमुना विकास प्राधिकरण कार्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के नाम 8 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। महासंघ ने एलान किया कि यदि समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं किया गया तो 30 जुलाई को सलारपुर अंडरपास पर महापंचायत के माध्यम से बड़ा आंदोलन किया जाएगा। किसानों का यह संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर है। प्रशासन की अगली कार्रवाई यह तय करेगी कि बातचीत होगी या संघर्ष।
🔹 ज्ञापन सौंपने का नेतृत्व और उद्देश्य
ज्ञापन सौंपने का नेतृत्व राष्ट्रीय संरक्षक बाली सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कसाना ने किया। इस दौरान एसीओ नागेंद्र सिंह, एसीओ कपिल सिंह और ओएसडी अजय शर्मा को ज्ञापन सौंपा गया।
संगठन के जिला अध्यक्ष अरविंद सेक्रेटरी ने कहा कि—
"किसानों की मांगों को वर्षों से नजरअंदाज किया जा रहा है। बार-बार प्राधिकरण के चक्कर काटने के बाद भी समाधान नहीं मिल पा रहा। किसान अब थक चुका है।"
📜 किसानों की प्रमुख 8 मांगे:
- अधिग्रहित भूमि के बदले 10% आवासीय भूखंड
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पूर्ण रूप से लागू किया जाए
- आबादी निस्तारण की पारदर्शी प्रक्रिया
- अधिग्रहण की गई भूमि की बैक लीज बहाल की जाए
- विस्थापित किसानों को शिफ्टिंग प्लॉट दिया जाए
- यमुना एक्सप्रेसवे से प्रभावित किसानों को 64.7% अतिरिक्त मुआवजा
- प्रभावितों को आवासीय भूखंड आवंटित किए जाएं
- रोजगार, शिक्षा व चिकित्सा की सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं
🗣️ राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कसाना का चेतावनी भरा उद्बोधन:
“किसान अब और इंतजार नहीं करेगा। हमने बार-बार अधिकारियों से आग्रह किया, मगर हर बार सिर्फ वादे मिले, समाधान नहीं।
30 जुलाई को सलारपुर अंडरपास पर होने वाली महापंचायत अब औपचारिकता नहीं, निर्णायक जनआंदोलन होगी। अगर हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो किसान ऐसा जनसैलाब लेकर आएंगे, जो प्राधिकरण और शासन की नींव हिला देगा।
यह आंदोलन किसी व्यक्ति का नहीं, पूरे क्षेत्र के किसानों की लड़ाई है — और अब किसान अधिकार लेकर ही लौटेगा!”
🚜 30 जुलाई को आर-पार की लड़ाई का ऐलान
ज्ञापन देने के बाद सैकड़ों किसान प्राधिकरण कार्यालय पर एकजुट हुए और सरकार को चेताया कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो 30 जुलाई की महापंचायत ऐतिहासिक जन आंदोलन में बदल जाएगी।
👥 ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख नाम:
बाली सिंह, रमेश कसाना, पप्पू प्रधान, डॉ. जाफर खान, इंद्रपाल सिंह, अमित नागर, राजवीर ठेकेदार, हरेंद्र कसाना, नीरज कसाना, गिर्राज कसाना, सावित्री देवी, रज्जाक ठेकेदार, मनीष भाटी मलके नगर, कर्मवीर भाटी, सुरेंद्र नागर, कुलदीप राजपूत, कपिल शर्मा, जितेंद्र भाटी, जेपी चौहान, प्रशांत कनारसी, अवीश कसाना, सरजीत कसाना सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।