तीनों प्रमुख किसान संगठनों की साझा घोषणा, हक की लड़ाई में एकता का आह्वान
मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/गौतमबुद्धनगर
किसानों के अधिकारों और न्यायोचित मांगों को लेकर किसान संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में किसान एकता संघ, भारतीय किसान परिषद और अखिल भारतीय किसान सभा ने एकजुट होकर आगामी 29 मई को कलेक्ट्रेट कूच का ऐलान किया है। आंदोलन के मुख्य स्वर—"किसान एकता संघ जिंदाबाद", "भारतीय किसान परिषद जिंदाबाद", "अखिल भारतीय किसान सभा जिंदाबाद"—के साथ यह संघर्ष निर्णायक मोड़ पर पहुँच चुका है।
आंदोलन की मुख्य मांगों में शामिल हैं:
- बैकलीज आबादियों को नियमित किया जाए
- 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून तत्काल लागू किया जाए
- प्रत्येक प्रभावित को 10% प्लॉट का अधिकार मिले
- सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा बढ़ाया जाए
- किसानों पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार द्वारा गठित हाई पावर कमेटी ने आंदोलन के दबाव में किसानों की समस्याओं को स्वीकार करते हुए कई सिफारिशें की हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- मुआवजे में तात्कालिक वृद्धि
- आबादियों का शीघ्र समाधान
- भूमिहीन परिवारों को वेंडिंग जोन की दुकानों में 40% आरक्षण
चौधरी शौकत अली चेची, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किसान एकता संघ व पिछड़ा वर्ग सचिव, उत्तर प्रदेश (सपा) ने कहा, “हमारी यह लड़ाई MSP की गारंटी समेत 23 बिंदुओं पर आधारित है। पिछले साल दिसंबर में सरकार ने मुख्य किसान नेताओं को जेल भेजकर आंदोलन को कुचलने की कोशिश की, लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। जब तक हर मुद्दे पर न्याय नहीं मिलता, आंदोलन जारी रहेगा।”
उन्होंने क्षेत्र के सभी प्रभावित किसानों, मजदूरों, गरीबों और वंचित वर्गों से आह्वान किया कि वे 29 मई 2025 को अधिकतम संख्या में कलेक्ट्रेट पहुँचें और आंदोलन को ऐतिहासिक बनाएँ।
"किसान, मजदूर, गरीब व वंचितों के हक और सम्मान में — किसान संघर्ष मोर्चा मैदान में!"