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बाबा साहब अंबेडकर की 134वीं जयंती समाजवादी पार्टी कार्यालय पर श्रद्धा, संकल्प और समर्पण के साथ मनाई गई


विजन लाइव/ग्रेटर नोएडा
भारत के संविधान निर्माता, महान समाज सुधारक और भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती पर समाजवादी पार्टी कार्यालय ग्रेटर नोएडा में एक भव्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन केवल एक स्मरण नहीं, बल्कि उनके विचारों को आत्मसात करने और सामाजिक न्याय की दिशा में संकल्पबद्ध होने का अवसर बना।

कार्यक्रम का शुभारंभ और श्रद्धांजलि

कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि के साथ हुई। सभी कार्यकर्ताओं ने संविधान निर्माता को नमन करते हुए समानता, सामाजिक न्याय और बंधुत्व के सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लिया।

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी ने कहा,

"बाबा साहब ने भारत को ऐसा संविधान दिया जिसमें सभी वर्गों को बराबरी का दर्जा मिला। आज हम जो भी लोकतांत्रिक अधिकार भोग रहे हैं, उसका श्रेय उस महान दूरदर्शी व्यक्तित्व को जाता है।”

वरिष्ठ नेताओं की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम में अनेक वरिष्ठ नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा शामिल हुए। मुख्य अतिथियों में महासचिव सुधीर तोमर, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी, पूर्व जिलाध्यक्ष बीर सिंह यादव, इन्द्र प्रधान, डॉ. महेंद्र नागर, फकीर चंद नागर, सुनील भाटी 'देवटा', गजराज नागर, देवेंद्र टाइगर, अजय चौधरी, विक्रम टाइगर, यूनुस प्रधान, समीर भाटी (बोड़ाकी), विनोद लोहिया, सुदेश भाटी, नवीन भाटी, विकास भनौता, हिमांशु भाटी, कपिल ननका, अमित राणा, सीपी सोलंकी, अनूप तिवारी, राजीव भाटी, सूर्यप्रकाश, और कई अन्य गणमान्य लोग शामिल रहे।


एडवोकेट मनोज भाटी (बोड़ाकी) का प्रेरणादायक उद्बोधन

कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा एडवोकेट मनोज भाटी (बोड़ाकी), पूर्व अध्यक्ष, जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन, गौतमबुद्धनगर का भावपूर्ण वक्तव्य। उन्होंने कहा:

"बाबा साहब अंबेडकर केवल संविधान निर्माता नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। अधिवक्ता होने के नाते मैं यह महसूस करता हूँ कि उन्होंने न्याय व्यवस्था को जो सम्मान और अधिकार दिए, उसकी रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। समाज के हर वर्ग को न्याय दिलाना और संविधान की मूल भावना को जीवित रखना हम अधिवक्ताओं का कर्तव्य है। आज जरूरत है कि हम शिक्षित हों, संगठित हों और संघर्ष करें — यही उनकी दी गई सबसे बड़ी सीख है।"

सामाजिक समरसता और संवैधानिक चेतना का संदेश

राजकुमार भाटी ने कहा,

"आज जब लोकतंत्र और संविधान को चुनौती दी जा रही है, ऐसे समय में बाबा साहब के विचारों को अपनाना ही एकमात्र रास्ता है।"

डॉ. महेंद्र नागर ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा,

"यदि बाबा साहब के विचारों को युवा अपनाएं, तो वे अपने जीवन के साथ-साथ समाज को भी बदल सकते हैं। शिक्षा, संघर्ष और संगठन – यही बदलाव का मूल मंत्र है।"

कार्यक्रम का उद्देश्य और निष्कर्ष

इस आयोजन का उद्देश्य बाबा साहब के विचारों को जन-जन तक पहुँचाना और संविधान की मूल भावना की रक्षा के लिए समाज को जागरूक करना रहा। कार्यक्रम के अंत में सभी ने एक स्वर में संविधान के मूल सिद्धांतों पर चलने, सामाजिक समानता स्थापित करने और जातिविहीन भारत बनाने का संकल्प लिया।