1. गलगोटिया विश्वविद्यालय में 77वें सेना दिवस के अवसर पर रक्तदान शिविर का किया गया आयोजन।
2. 77वें सेना दिवस के अवसर पर गलगोटिया विश्वविद्यालय के चांसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि देशभक्ति, एकता और वीरता का महान उत्सव है सेना दिवस।
Vision Live/ Yeida City
77वां सेना दिवस पूरे देश में गर्व और उत्साह के साथ मनाया गया। यह ऐतिहासिक अवसर हमें उस गौरवशाली पल की याद दिलाता है जब 15 जनवरी 1949 को जनरल के.एम. करिअप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे।
यह शौर्य दिवस हमारे सैनिकों के अदम्य साहस, अटूट समर्पण और बलिदान को सम्मानित करता है, जो हमारी मातृभूमि की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। इस मौके पर देशभर में भव्य परेड, सैन्य प्रदर्शनी और पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। इन आयोजनों में सशस्त्र बलों की शक्ति और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया, जो हर भारतीय के लिए एक गर्व का विषय है।
इस पावन दिवस पर गलगोटिया विश्वविद्यालय के चांसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि आज के दिन पूरे देश भर में हमारे वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और पूर्व सैनिकों को उनके अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया। आगे उन्होंने कहा सेना दिवस न केवल हमारी सेना की वीरता को सलामी देने का अवसर है, बल्कि यह देशवासियों के ह्रदय में देशभक्ति और एकता की भावना को भी प्रोत्साहित करता है। देशभक्ति, एकता और वीरता का महान उत्सव है सेना दिवस।
गलगोटियास विश्वविद्यालय ने भी इस शुभ अवसर पर अपने देश की सेना के वीरों के सम्मान में अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए एक “रक्तदान शिविर” और “पोस्टर प्रतियोगिताओं” का आयोजन किया। इन आयोजनों में छात्रों और कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और समाज को सेवा का संदेश भी दिया।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के सीईओ डा० ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि हमारे देश की सेना के वीर जवान हमारे लिये भगवान का ही दूसरा रूप हैं। पूरा देश उनके अदम्य साहस और उनकी कर्तव्यपरायणता को नमन करता है। सेना दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारे सैनिकों का बलिदान और समर्पण ही है, जो हमारे देश को सुरक्षित और मजबूत बनाए हुए है। इस पावन दिन पर राष्ट्र के वीर नायकों को शत शत नमन।