मौहम्मद इल्यास-"दनकौरी"/गौतमबुद्धनगर
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, नवाचार और विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावशाली शोध के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य छात्रों को उन्नत ज्ञान, कौशल और सोच प्रदान करना है, ताकि वे भविष्य में वैश्विक स्तर पर अपने क्षेत्रों में योगदान कर सकें। प्रो रविंद्र कुमार सिन्हा के सक्षम नेतृत्व में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है, वर्ष 2024 में शैक्षिक, शोध और उद्योगिक-सहयोग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में कई अभिनव पहल की हैं, जो छात्रों के लिए एक बेहतरीन अनुभव और भविष्य की दिशा में योगदान दे रही हैं। कुलपति प्रो सिंहा ने कुछ प्रमुख उपलब्धियों को बताया जैसे:
1. साइबर सुरक्षा प्रयोगशाला और ड्रोन प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना: जीबीयू ने साइबर सुरक्षा प्रयोगशाला और ड्रोन प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की है। इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय को भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), भारत सरकार के माध्यम से ड्रोन पायलट प्रशिक्षु प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार प्राप्त हुआ है। यह पहल छात्रों को इन उभरती हुई प्रौद्योगिकियों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है, जो भविष्य की कार्यबल आवश्यकताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
2. कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र की स्थापना और उद्योग सहयोग: उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय परिसर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) केंद्र स्थापित करने के लिए 50 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी, जिसमें से 50% अर्थात 25 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है। यह वित्तीय समर्थन, माइक्रोसॉफ्ट, एचसीएल जैसे उद्योगों के सहयोग से विश्वविद्यालय को ए.आई. के क्षेत्र में एक उन्नत केंद्र स्थापित करने में मदद करेगा, जो शोध और नवाचार को बढ़ावा देगा और छात्रों को इस उभरते हुए क्षेत्र में कौशल विकास का अवसर प्रदान करेगा।
3. 14 नए शैक्षिक कार्यक्रमों की शुरुआत: 2024 में विश्वविद्यालय ने 14 नए शैक्षिक कार्यक्रमों की शुरुआत की है, जिनमें बीएससी (फोरेंसिक विज्ञान), एलएलएम (पार्ट-टाईम), एमटेक (सिविल इंजीनियरिंग - पार्ट-टाईम) और अन्य कार्यक्रम शामिल हैं। इसके साथ ही, विश्वविद्यालय ने एनसीटीई द्वारा अनुमोदित आईटीईपी (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) कार्यक्रमों जैसे बीए -बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड की पेशकश की। इनमें से बीएससी-बीएड सबसे अधिक लोकप्रिय कार्यक्रम के रूप में उभरा है। विश्वविद्यालय को आईटीईपी कार्यक्रम सभी धाराओं में ऑफर करने की अनुमति प्राप्त है, और इसी वर्ष आईटीईपी कार्यक्रम की अखिल भारतीय समीक्षा बैठक भी विश्वविद्यालय में आयोजित की गई थी।
4. आईबीएम के साथ ज्ञान प्रसार: विश्वविद्यालय ने आईबीएम जैसे वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मिलकर डेटा विज्ञान, बिजनेस एनालिटिक्स, और एआई-मशीन लर्निंग में सहयोगात्मक कार्यक्रमों की पेशकश की। यह सहयोग छात्रों को उद्योग विशेषज्ञों से सीखने और भविष्य की नौकरियों के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त करने का मौका प्रदान करता है।
5. विश्वविद्यालय का विश्वविद्यालय डे टन के साथ सहयोग: जीबीयू ने अमेरिका के विश्वविद्यालय डे टन के साथ भी साझेदारी की है, ताकि ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक्स और संबंधित विषयों में संयुक्त शिक्षण की पेशकश की जा सके और पिछले सत्र में डायटन विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने ऑनलाइन लेक्चर दिया भी। इस सहयोग से छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्नत प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी और अनुभव प्राप्त होगा, जो उन्हें वैश्विक करियर के अवसरों के लिए तैयार करेगा।
6. मूल्यवर्धित कार्यक्रमों की शुरुआत: इस वर्ष विश्वविद्यालय ने संगीत और नृत्य, प्रदर्शन कला, वेदों का विज्ञान, हिन्दू अध्ययन जैसे मूल्यवर्धित कार्यक्रमों की भी शुरुआत की। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों को सांस्कृतिक जागरूकता, समग्र विकास और पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा देना है।
7. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और सत्रों का आयोजन: GBU ने इस वर्ष कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, कार्यशालाओं और आमंत्रित व्याख्यानों का आयोजन किया। विश्वविद्यालय ने कई प्रमुख शैक्षिक संस्थानों और उद्योगों के साथ समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर भी हस्ताक्षर किए, जिससे छात्रों और शिक्षकों के लिए शोध और सहयोग के अवसर बढ़े।
कुलपति प्रो सिंहा ने यह भी दवा किया है कि इस नए वर्ष 2025 में उत्तर प्रदेश का इकलौता गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के प्रमुख उपलब्धियां का इतिहास लिखने के लिए तैयार है।