Vision Live/Greater Noida
श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के तत्वाधान में गोस्वामी सुशील जी महाराज के दिशा निर्देशन में रामलीला का मंचन राजस्थान के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों द्वारा किया जा रहा है । रामलीला मैदान ऐच्छर पाई सेक्टर में मंचन में मुख्य अतिथि डॉ महेश शर्मा जी (सांसद एव पूर्व केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार),रमेश बिधुरी जी (पूर्व सांसद दक्षिणी दिल्ली लोकसभा) रहे। श्री धार्मिक रामलीला कमेटी,ऐच्छर, सेक्टर पाई-4, ग्रेटर नोएडा के अध्यक्ष आनंद भाटी ने बताया कि
मंचन का शुभारंभ गणेश पूजन के साथ शुरू हुआ। प्रभु श्री राम के साथ चार भाइयों ने शिक्षण का कार्य गुरु वशिष्ट जी के आश्रम में पूर्ण किया शिक्षा लेने के बाद चारों भाइयों का राजमहल में वापस आगमन हुआ पूरी अयोध्या खुशियों में झूम रही थी। उधर रावण का अत्याचार इतना बढ़ा हुआ था कि उसके संरक्षण में कुछ राक्षस ऋषि मुनियों के यज्ञों में हर प्रकार की बाधा डाला करते थे इस समस्या से निवृत होने के लिए महर्षि विश्वामित्र अयोध्या नगरी राजभवन पधारे और उन्होंने महाराज दशरथ से प्रभु श्री राम और भैया लक्ष्मण को साथ ले जाने के लिए विनती की, महाराज दशरथ ने असहमति जताई और कहा राम के अलावा आप कुछ भी मांग लीजिए मैं प्रदान कर दूंगा । श्री धार्मिक रामलीला कमेटी ग्रेटर नोएडा के अध्यक्ष श्री भाटी ने यह भी बताया कि इस बीच कुल गुरु वशिष्ट जी के बीच बचाव करने पर महाराज दशरथ तैयार हो गए और उन्होंने प्रभु श्री राम और भैया लक्ष्मण को महर्षि विश्वामित्र के साथ जाने की आज्ञा दी। ऋषि आश्रम पर यज्ञ की रक्षा करते समय सुबाहु औ मारीच इत्यादि अनेक राक्षसों ने यज्ञ में विघ्न उत्पन्न करने के लिए अनेक उपाय करने में सक्रिय होने लगे ,लेकिन प्रभु श्री राम उनके हर प्रयास को विफल कर यज्ञ की रक्षा करते रहे और उन राक्षसों का विनाश भी किया । तत्पश्चात महर्षि विश्वामित्र को जनकपुरी से माता सीता के स्वयंवर का आमंत्रण मिला, रास्ते में मारीच की माता और रावण की नानी ताड़का का जो महामायावी राक्षसनी थी, उसका वध कर प्रभु श्री राम ने जनमानस को भय मुक्त बनाया। आगे बढ़ने पर ऋषि गौतम की पत्नी जो ऋषि गौतम के श्राप से पाषाण बनी थी उनको मुक्ति दिलाई और जनकपुरी में राज दरबार में अपनी उपस्थिति से महाराज दशरथ को अवगत कराया। गुरु पूजा के लिए प्रभु श्री राम भैया लक्ष्मण के साथ पुष्प वाटिका में पुष्प लेने गए जहां माता सीता गौरी पूजन के लिए उपस्थित हुई थी। यह अद्भुत मनोरम दृश्य जो माता सीता और परमपिता परमेश्वर श्री राम के इस धरा धाम पर आने के बाद वह ऐतिहासिक क्षण था जब दोनों एक दूसरे के आमने-सामने पहली बार मिले और एक दूसरे को देखते ही मंत्र मुग्ध हो गये, जैसे समय ठहर गया हो संवाद रुक गए हों । अद्भुत और अविस्मरणीय क्षण।इन अद्भुत और पावन लीलाओं का सभी क्षेत्रवासियों ने आज आनंद लिया और अपने जीवन को धन्य बनाया। सनातन संस्कृति और आधुनिक तकनीक के मिश्रण के साथ अद्भुत बहु मंचीय ध्वनि एवं प्रकाश प्रस्तुति के साथ भक्तों ने आज की सभी कथाओं का भरपूर आनंद लिया।
इस अवसर पर संस्था के संस्थापक गोश्वामी सुशील जी महाराज, राजकुमार नागर,पंडित प्रदीप शर्मा, शेर सिंह भाटी, संरक्षक हरवीर मावी,नरेश गुप्ता,सुशील नागर, बालकिशन सफीपुर,सतीश भाटी, यशपाल भाटी,अध्यक्ष आनन्द भाटी,महासचिव ममता तिवारी,कोषाध्यक्ष अजय नागर, मिडिया प्रभारी धीरेंद्र भाटी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेश शर्मा बदौली, सुभाष भाटी, उमेश गौतम, पवन नागर, विजय अग्रवाल, रोशनी सिंह, चैनपाल प्रधान, मनोज गुप्ता, प्रवीण भाटी, सत्यवीर सिंह मुखिया, सुनील बंसल जितेंद्र भाटी, फिरे प्रधान, पीपी शर्मा, रकम सिंह, योगेंद्र नागर, अतुल आनंद, जयदीप सिंह, वीरपाल मावी, दिनेश गुप्ता, विमलेश रावल, मयंक चंदेल, यशपाल नगर, गीता सागर, ज्योति सिंह आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।