Vision Live/Greater Noida
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में स्थित महात्मा जोतिबा फूले ध्यान केन्द्र में एकदिवसीय विपस्सना कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। साऊथ कोरिया से पधारे कोरिया मेडीटेशन टीचर एसोसिएशन के प्रमुख पूजनीय भन्ते धम्मदीप ने बौद्ध साहित्य में वर्णित सतिपट्ठानसुत्त के आधार पर न केवल
विपस्सना के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला,अपितु उन्होंने
प्रतिभागियों को विपस्सना का अभ्यास भी करवाया। इसके बाद, उन्होंने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर भी दिये तथा उनकी उत्सुकताओं को शान्त किया। भन्ते धम्मदीप ने मानव जीवन में विपस्सना की उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसके अभ्यास से व्यक्ति अपनी अकुशल भावनाओं जैसे लोभ-लालच, ईर्ष्या-द्वेष, क्रोध, अहंकार, घृणा से मुक्ति पाकर सुखी जीवन व्यतीत कर सकता है। इसके साथ ही, जी.बी.यू. के कुलपति प्रो. आर.के. सिन्हा ने अपने सम्बोधन में बौद्ध अध्ययन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण पक्षों को रखा। जी आई यू क्यू सी फॉरम द्वारा माइंड ओवर मैटर विषय पर प्रदर्शन किया गया। बौद्ध अध्ययन विभाग में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं द्वारा बुद्ध वन्दना एवं परित्तपाठ के साथ ही कार्यक्रम की विधिवत् शुरूआत हुई। अतिथियों सहित डॉ. चन्द्रशेखर पासवान, डॉ. अरविन्द कुमार सिंह, डॉ. सिवासाई, डॉ. ज्ञानादित्य शाक्य, डॉ. प्रियदर्शिना मित्रा, विक्रम सिंह यादव आदि द्वारा बुद्धमूति के समक्ष पुष्पार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन किया गया। संकाय की डीन प्रो. श्वेता आनन्द ने स्वागत भाषण दिया। विपस्सना कोर्स के
समन्वयक एवं बौद्ध अध्ययन के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनीष मेश्राम ने सभी प्रतिभागियों प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की। बौद्ध अध्ययन की शोध छात्रा कविता ने भन्ते धम्मदीप का परिचय देते हुए कार्यक्रम का सफल
संचालन किया। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किये गए। इसमें देश-विदेश के विदेशी बौद्ध भिक्षु एवं भिक्षुणियों सहित 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों,
कर्मचारियों, छात्र-छात्रों सहित देश-विदेश के कई बौद्ध अनुयायियों तथा साधकों ने भाग लिया।