एससी, एसटी ,ओबीसी और अल्पसंख्यक अपने हक अधिकार के लिए जागो
चौधरी शौकत अली चेची
भारत के एससी, एसटी ,ओबीसी और अल्पसंख्यक अपने हक अधिकार के लिए जागो। पेश हैं कुछ आंकड़े जो लगभग 95% सही हो सकते हैं ।
राष्ट्रपति सचिवालय कुल पद 49 , अपर कास्ट 45, एससी एसटी 4, ओबीसी 0 । मंत्रियो के कैबिनेट सचिव कुल पद 20 ,अपर कास्ट 19 ,एससी -एसटी 1,ओबीसी 0। प्रधानमंत्री कार्यालय कुल पद 35, अपर कास्ट 33 ,एससी- एसटी 2 ,ओबीसी 0। कृषि एवं सिंचाई विभाग कुल पद 274 ,अपर कास्ट 259, एससी एसटी 15 ,ओबीसी 0 । रक्षा मंत्रालय कुल पद 1379, अपर कास्ट 1331, एससी-एसटी 48 ,ओबीसी 0। समाज कल्याण एवं हैल्थ मंत्रालय कुल पद 209 ,अपर कास्ट 192 ,एससी एसटी 17, ओबीसी 0.। वित्त मंत्रालय कुल पद 1008, अपर कास्ट 942 ,एससी एसटी 66 ,ओबीसी 0 । गृह मंत्रालय कुल पद 409, अपर कास्ट 377 ,एससी एसटी 19 ,ओबीसी 13। श्रम मंत्रालय कुल पद 74, अपर कास्ट 70 ,एससी एसटी 4 ,ओबीसी 0। रसायन एवं पेट्रोलियम मंत्रालय.कुल पद 121,अपर कास्ट 112 ,एससी एसटी 9 ,ओबीसी 0 । राज्यपाल एवं उपराज्यपाल कुल पद 27 ,अपर कास्ट 25 ,एससी एसटी 0, ओबीसी 2। विदेश मे राजदूत कुल पद 140 ,अपर कास्ट 140 ,एससी एसटी ,ओबीसी 0। विश्वविद्यालय के कुलपति
कुल पद 108, अपर कास्ट 108 ,एससी एसटी ,ओबीसी 0। प्रधान सचिव पद 26 ,अपर कास्ट 26 ,एससी एसटी, ओबीसी 0 । हाइकोर्ट के न्यायाधीश कुल पद 330, अपर कास्ट 326, एससी एसटी 4 ,ओबीसी 0 । सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश कुल पद 33 ,अपर कास्ट 33, एससी एसटी, ओबीसी 0। IAS अधिकारी कुल पद 3600 ,अपर कास्ट 2950, एससी एसटी 600 ,ओबीसी 50। PTI कुल पद 2700 ,अपर कास्ट 2700, एससी एसटी, ओबीसी 0। शंकराचार्य कुल 5 ,अपर कास्ट 5 ,एससी एसटी ओबीसी 0। अब यहां आरक्षण से वंचितो को 5 किलो चावल ,गेहूँ, नमक मिल गया और चपरासी, मास्टर, पटवारी, आदि में नौकरी लग जाये ,इसे आरक्षण समझ रहे हैं । बिना IAS की परीक्षा पास किए किसी वर्ग-विशेष के लोगों को सीधे संयुक्त-सचिव बना दिया जाता है।
लॉकडाउन में मुख्यमंत्री,प्रधानमंत्री मंदिरों में जाते हैं या विवाह-पार्टी अटैंड करते हैं । दूसरी तरफ मरीजों व मजदूरों को सड़क पर मुर्गा बनाकर पीटा जाता है ,जिसे तीर कमान बनाना भी नहीं आता उस कम्पनी को सीधे राफेल लड़ाकू विमान बनाने का ठेका दे दिया जाता है। एक ही तरह् के मुकदमे में यादव को जेल और मिश्रा को बेल मिल जाती है तो यहाँ दिखाई साफ दिखाई देता है, जाति एवं वर्ग का विशेष ख्याल । हजारों-करोड़ रूपयों का कर्ज माफ और दस-बीस हज़ार रूपये के लिये कुर्की की जाती है । प्राईमरी स्कूल खोलने लायक भी इंफ्रास्ट्रक्चर न होने के बावज़ूद कागज़ी जियो यूनिवर्सिटी"को 10,000 करोड़ रूपये मिलते हैं । "सेंटर आफ एक्सीलेंस" बनाने के लिये सेनाध्यक्षों की पूरी टोली एक वर्ग से आती है। पिछड़े वर्ग के बदमाशों को अपराधी और सवर्ण वर्ग के बदमाशों को बाहुबली कहा जाय तो क्या इन्हीं मुख्य बिंदुओं को आरक्षण कहते हैं ।
संविधान में संख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व अपने प्रत्येक नागरिक को प्रदान किया है। भारत में अपर कास्ट की लगभग 15% है। लोकसभा में अपर कास्ट: 80%, राज्यसभा में अपर कास्ट 96% ,अपर कास्ट राज्यपाल 50%, कैबिनेट सचिव अपर कास्ट 33% ,मंत्री सचिव में अपर कास्ट 54% ,अतिरिक्त सचिव अपर कास्ट 62%, पर्सनल सचिव अपर कास्ट 70%, यूनिवर्सिटी में वाईस चांसलर अपर कास्ट 91%, सुप्रीम कोर्ट में अपर कास्ट जज 96%, हाई कोर्ट में जज अपर कास्ट 80% ,भारतीय राजदूत अपर कास्ट 81% ,पब्लिक अंडरटेकिंग केंद्रीय अपर कास्ट 87% ,बैंकों में अपर कास्ट 57%, एयरलाइन्स में अपर कास्ट 61% ,IAS अपर कास्ट 72% ,IPS अपर कास्ट 61% ,टीवी कलाकार एव बॉलीवुड अपर कास्ट 83% ,CBI, ed, कस्टम, अपर कास्ट 72%, मिडिया में उच्च पदों में अपर कास्ट 90% ,SC,ST को 22.5% आरक्षण नौकरी एवं राजनीति में मिला है, बाकी क्षेत्रों में नहीं । जनसंख्या आरक्षण 100% में एससी 15% ,आरक्षण 15% ,एसटी 7.5% ,आरक्षण 7.5%, ओबीसी 52% आरक्षण 27 % अल्पसंख्यांक 10.5% आरक्षण 0% ,कुल्ल संख्या 85%, आरक्षण 49.5% ,SC, ST, OBC जनसंख्या 85% है ,आरक्षण सिर्फ 49.5%.जनरल या ओपन कैटेगिरी की जनसंख्या 15%, आरक्षण 50.5% इन आंकडों को देख कर वास्तव में तथाकथित आरक्षण कोन ले रहा है । जाति और धर्म की चाशनी में एससी एसटी ओबीसी का कोटा 77 सालों से भरा ही नहीं गया है।
ओबीसी इस समय लगभग लगभग 60% आरक्षण कोटा है 27.5% उपर से क्रिमिलेयर का आर्थिक आधार लगा दिया। इसी कारण से ओबीसी का कोटा 4.1% ही भरा हुआ है। लैटरल एंट्री फॉर्मूला आरक्षण को समाप्त करता हुआ साफ नजर आ रहा है। जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी जातिगत जनगणना के आधार पर सभी को आरक्षण का अधिकार मिलना चाहिए।
शिक्षा एवं जागरूकता से ही तरक्की मिलती है अंधभक्ति एवं जाति धर्म की द्वेष भावना से बर्बादी मिलती है, शिक्षा ही शेरनी का दूध है जिसने कलम और दिमाग का सही इस्तेमाल किया वही सिकंदर,, एकता जागरूकता भाईचारा जिंदाबाद (जय संविधान)
लेखक:---चौधरी शौकत अली चेची, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,
भाकियू (अंबावता) एवं पिछड़ा वर्ग उ0 प्र0 सचिव (सपा) है।