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इंडिया गठबंधन 2024 में जीतने के लिए मिलकर चुनाव लड़ेगा ?

भाजपा लोगों की नसों में खून की तरह पहुंच गई है
चौधरी शौकत अली चेची
 इंडिया गठबंधन 2024 में जीतने के लिए मिलकर चुनाव लड़ेगा और बीजेपी को हराने की रणनीति बना रहा है? लेकिन कैसे विपक्षी पार्टियों का टीवी डिबेट में जाने से लाभ मिलता  नजर नहीं  आ रहा है। आज के दौर में मोबाइल फोन टेलीविजन से बेहतर काम कर रहा है। व्हाट्सएप ,ट्यूटर, फेसबुक ,इंस्टाग्राम, पब्लिक एप इनके माध्यम से लोगों तक जानकारियां पहुंच रही हैं। टीवी डिबेट से केवल सत्ता में बैठी सरकार को ही लाभ मिलता साफ नजर आ रहा है । अच्छे और सच्चे पत्रकारों ने यूट्यूब चैनल के माध्यम से बीजेपी की नींद उड़ा रखी है, लेकिन विपक्षी पार्टियों के प्रवक्ता टीवी डिबेट के माध्यम से बीजेपी को संजीवनी दे रहे हैं । विपक्षी पार्टियों को समझना होगा लापरवाह रणनीति से जनता का दिल जीतना आसान नहीं। देश में अंधभक्त अभी भी चरम सीमा पर है, जिन लोगों को अपने एवं अपने घर परिवार के बारे में जानकारी नहीं होती, वह दूसरों को ज्ञान दे रहे हैं। आचार संहिता लगने मे लगभग 2 महीने शेष हैं, इंडिया गठबंधन का सीट बटवारा एवं इंडिया गठबंधन के घटक दल का प्रत्याशी चुनाव मैदान में कब आएगा और कौन आएगा ? जनता को मालूम ही नहीं हो पा रहा है। सत्ता में बैठे लोगों ने अब से लगभग 6 महीने पहले अपने प्रत्याशी चिन्हित कर लिए हैं।  ईवीएम मशीन बड़ा सवाल है ,लेकिन विपक्ष को धरातल पर जाकर भी तो काम करना होगा। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सड़क पर जाकर विपक्ष को क्या जनता की बात नहीं रखनी चाहिए। चुनाव में हार मिली और विपक्ष ने सिर्फ एवं का ठीकरा फोड़ कर अपनी नाकामयाबी से इतिश्री मान ली यह एक रवैया बना लिया है। जबकि सत्ता पक्ष की बात करें तो यह लोग हर 24 घंटे और साल के 365 दिन क्षेत्र में रहते हैं ।  बीजेपी के पदाधिकारी हर गली मोहल्ले में नजर आ रहे है। विपक्षी पार्टियों के पदाधिकारी कार्यकर्ता खोजने से भी नहीं दिखाई देते। बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी पार्टियों को हर गली मोहल्ले में हर जाति धर्म का पदाधिकारी खड़ा करना होगा। भारत जोड़ो यात्रा, न्याय  यात्रा ,यूपी जोड़ो यात्रा काफी नहीं है ,क्योंकि नेताओं की जेब में वोट नहीं होती। किसी भी पार्टी का पदाधिकारी कार्यकर्ता ही वोटर से वोट दिलाने में मुख्य रोल अदा करता है। किसी भी राजनीतिक पार्टी की गलत नीतियों या उपलब्धियां लोगों को बताता है वोट दिलाने से पहले दारू की बोतल शूट साड़ी चंद रुपए पार्टी का पदाधिकारी कार्यकर्ता वोटर तक पहुंचाता  है।
इसीलिए इंडिया गठबंधन के घटक दलों को टीवी डिबेट, कॉन्फ्रेंस ,ट्यूटर से हटकर गांव गली मोहल्ले सड़कों पर सच्चाई और सभी के हक अधिकार के लिए संघर्ष करना होगा ,जिसका की अभी ताजा उदाहरण ड्राइवरो ने एकता दिखाई और केंद्र ने तुरंत ही ड्राइवरो पर लगाया हुआ कानून वापस कर लिया। आस्था वादी एवं भावनात्मक मुद्दों से बीजेपी को लाभ मिलता है । इंडिया गठबंधन को इन पर कोई चर्चा या बयान नहीं देना चाहिए।  जनता के मुख्य अधिकार हैं भ्रष्टाचार ,अत्याचार  बलात्कार, हत्या  आत्महत्या, बेरोजगारी ,महंगाई ,तानाशाही कानून का दुरुपयोग यह बाते सुर्खियों में रहेंगी तो लोगों की अंधभक्ति भी दूर हो जाएगी और गोदी मीडिया ताले लगने की कगार पर आ जाएगी।  मुख्य बिंदु विपक्ष को समझना होगा मतदाताओं का मिजाज बदल चुका है ,चुनावी रणनीतियां भी बदल चुकी हैं । भाजपा लोगों की नसों में खून की तरह पहुंच गई है। आपकी लड़ाई मोदी से नहीं है ,आपकी लड़ाई आपके पड़ोसी से सहकर्मी से दोस्त से रिश्तेदार से इन सबको समझा दीजिए यानी  पड़ोसी दोस्त रिश्तेदार को जीतना जरूरी है, भाजपा अपने आप हार जाएगी। कुछ ऐसा महसूस होता है विपक्षी पार्टियों के बीच भी जाति और धर्म की नफरत दिखाई देती है ,दलाली दिखाई देती है ,विपक्षी पार्टियों के अंदर आरएसएस बीजेपी के कार्यकर्ता घुसे हुए हैं। चापलूस लोगों को तवज्जो दी जा रही है ,शायद विपक्षियों की रणनीतियों को बीजेपी तक पहुंचा रहे हैं । विपक्ष की रणनीतियों को आगे नहीं बढ़ने दे रहे तथा पदाधिकारी कार्यकर्ता बनाने में संकोच एव गोत्र जाति धर्म का इमोशनल संदेश दे रहे हैं। सभी को यह भी समझना होगा ,भारत देश के निवासी देश की तरक्की में सभी समुदाय के लोग अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं । एकता ,जागरूकता, भाईचारा ही तरक्की एवं मजबूती का रास्ता है । झूठ ,गुमराह ,नफरत से किसका भला होता है या हो  रहा है ,दूर दृष्टि की जरूरत है ।
लेखक:--चौधरी शौकत अली चेची, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सह प्रवक्ता,भाकियू( पथिक) है।