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न्यायाधीशों ने दिया एमिटी लॉ स्कूल के छात्रों को सफलता का मंत्र

विजन लाइव/ ग्रेटर नोएडा
एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी लॉ स्कूल द्वारा ‘‘जलवायु परिवर्तन और उसका व्यापार एवं रिफ्यूजी सुरक्षा पर प्रभाव’’ विषय पर आयोजित त्रिदिवसीय 13वें एमिटी इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता 2023 का आज समापन हो गया। समापन समारोह में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गिरिश कथपालिया, न्यायाधीश सौरभ बनर्जी, न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा और एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय द्वारा विजयी टीमों को पुरस्कृत किया गया। इस टीम में देश विदेश से कुल 36 टीमों ने हिस्सा लिया।
इस त्रिदिवसीय 13वें एमिटी इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता 2023 में नोएडा के सिंबायसिस लॉ स्कूल की टीम को प्रथम विजेता का स्थान, मुबंई के प्रवीन गांधी कॉलेज ऑफ लॉ की टीम को द्वितीय विजेता का स्थान प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त नोएडा के सिंबायसिस लॉ स्कूल टीम को बेस्ट मेमोरियल अवार्ड प्राप्त हुआ। आर्मी इंस्टीटयूट ऑफ लॉ मोहाली के छात्र आदित्य देव को बेस्ट ओरलिस्ट और हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की सुश्री माही अग्रवाल को बेस्ट रिसर्चर अवार्ड प्रदान किया गया।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गिरिश कथपालिया ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज मै जो कुछ भी हूं वह अपने शिक्षकों के कारण हंू। मै आपके मध्य चल रही अनिश्चिता को समझ सकता हूं क्योकी आपकी उम्र मे ंहम भी उस अनिश्चितता की सुरंग से गुजर चुके है कि हमारा भविष्य क्या होगा। यकीन माने जीवन में यह अनिश्चितता जीवन भर रहेगी इसलिए केवल कड़ी मेहनत को अपनी शक्ति बनाये। जीवन में कौन क्या बनेगा भले ही यह अनिश्चित हो लेकिन कड़ी मेहनत से सफलता प्राप्त होगी यह निश्चित है। उन्होनें कहा कि जब आप शिक्षा पूर्ण करके बाहर जाये तो उनकी आवाज बने जिनकी कोई नही सुनता और उनके अधिकारों के लिए कार्य करें। अपनी व्यवसायिक यात्रा को सकारात्मकता के साथ प्रारंभ करें। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सौरभ बनर्जी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमेशा याद रखे कि आप एक अधिवक्ता से पहले एक मनुष्य है और अधिवक्ता होने के साथ भी आप एक मनुष्य है इसलिए सदैव मानवता पूर्ण व्यवहार व कार्य करें। सदैव अच्छे बने, अच्छा कार्य करें और अच्छे विचार रखे, जीवन में सफलता अवश्य प्राप्त होगी। उन्होनें छात्रो से कहा कि सीएमडब्लू पर विश्वास रखे जिसमें आई कैन, आई मस्ट और आई विल शामिल है। जीवन मे सफलता के लिए आपको सही समय पर और सही स्थान पर ‘‘ना’’ कहना भी आना चाहिए। जीवन में कभी भी सीखना ना छोड़े, प्रश्न पूछने मे ंना हिचकिचायें या अगर आपको नही पता तो स्पष्ट कहें कि मुझे जानकारी नही है। कभी भी स्वंय की तुलना किसी अन्य से ना करें। अपने कार्यो से अपने अभिभावकों, शिक्षकों और देश को गौरवांवित करें।
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी बेहद भाग्यशाली है क्योकी आपकों एमिटी जैसे शिक्षा के मंदिर में पढ़ने का अवसर मिल रहा है। उन्होनंें छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि इस अवसर का लाभ उठाये और जीवन में जो वस्तुए आपका समय नष्ट करती है उनकों पहचाने, वक्त को लक्ष्य हासिल करने में लगाये। सर्वप्रथम लक्ष्य निर्धारित करे, जब तक आप लक्ष्य निर्धारण नही करते तब तक उसे पा नही सकतेे। जीवन में परिवार, मित्र, कार्यरूथल सभी आवश्यक है किंतु स्वंय को ना भूलें। सदैव कार्य और जीवन मे संतुलन बना कर चले। सदैव दयालु एंव सहायक बनें और अगर कही अन्याय देखें तो उसके खिलाफ आवाज उठाये। उन्होनें कहा कि इस मूट कोर्ट प्रतियोगिता से छात्रों को व्यवसायिक जीवन का प्रयोगिक ज्ञान होगा।
एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस 13वें एमिटी इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता 2023 में देश के विभिन्न राज्यों से 36 टीमों ने हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। मूट कोर्ट में हिस्सा लेना आपके भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इससे जहंा छात्रों एक शोध करने, अपनी बात रखने, समूह कार्य करने, विश्लेषण करने के अवसर प्राप्त होते है वही व्यवसायिक जीवन की प्रयोगिक जानकारी भी होती है। एमिटी हम हर छात्र को सफलता की कहानी बनाना चाहते है और इसी क्रम में इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
इस अवसर पर एमिटी लॉ फांउडेशन के एडिशनल वाइस चेयरमैन एवं पूर्व न्यायाधीश राजेश टंडन ने अपने विचार रखे और अतिथियों द्वारा मूट कोर्ट पर आधारित पुस्तक का अनावरण किया। कार्यक्रम में एमिटी लॉ स्कूल कीे एडिशनल डायरेक्टर डा शेफाली रायजादा ने अतिथियों का स्वागत किया और कंनवेनर डा भावना बत्रा द्वारा मूट कोर्ट के नतीजों की घोषणा की गई। कार्यक्रम में एमिटी लॉ स्कूल केे एडिशनल डायरेक्टर डा आदित्य तोमर और डा अरविंद भानू भी उपस्थित थे।