डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रीय शिक्षाविद सम्मान के विजेताओं के नाम हुए घोषित
Vision Live/Noida
यूएनआई ग्लोबल इंटेलेक्चुअल फाउंडेशन (यूनिजिफ) द्वारा महर्षि यूनिवर्सिटी में आयोजित ग्लोबल लीडर्स कांफ्रेंस और डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रीय शिक्षाविद सम्मान समारोह कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से शिक्षाविद शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के परिवार से शामिल हुए उनके पोते, सुदिक्षा ग्रुप के चेयरमैन डॉ सुब्रमण्यम शर्मा एवं अन्य अतिथियों ने किया। गगन पब्लिक स्कूल के बच्चों ने खूबसूरत प्रस्तुति देकर समां बांधा।
यूनिजिफ़ की फाउंडर डॉ रचना भीमराजका ने सभी का स्वागत किया और कहा कि यह शिक्षक दिवस का पांचवा जश्न है जो यूनिजीफ द्वारा मनाया जा रहा है। मुझे खुशी है कि एक आमंत्रण पर देश के विभिन्न प्रांतों से शिक्षाविद एकजुट हुए और कार्यक्रम में शामिल होकर हमें अनुग्रहित किया। यह शिक्षक दिवस का जश्न विशेष है क्योंकि इसमें देश के लगभग सभी राज्यों से शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल हुए है जो ग्लोबल लीडर्स कांफ्रेंस में अपने विचार साझा करने के साथ ही डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रीय शिक्षाविद सम्मान से भी सम्मानित किए जायेंगे।
महर्षि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ भानुप्रताप सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर कार्य करना यूनिवर्सिटी का उद्देश्य है जिसके लिए संस्थान लगातार पूर्ण समर्पण से कार्य कर रहा है। साथ ही हम शिक्षाविदों के सहयोग के लिए भी हमेशा तत्पर है। साथ ही महर्षि ग्रुप के प्रेजेंटेशन में संस्था के 100 से अधिक देशों में विस्तार और भारत में 15 महर्षि विद्या मंदिर की विस्तृत जानकारी दी गई। तत्पश्चात मिनिस्टर ऑफ फाइनेंस एंड स्किल गवर्नमेंट ऑफ आंध्र प्रदेश के ओएसडी डॉ कार्तिकेय आनंद, शोभित यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रंजीत सिंह, ग्लोकल यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर पंकज कुमार मिश्रा, मेवाड़ यूनिवर्सिटी की डायरेक्टर डॉ अलका, गुजरात से डॉ पीके राजपूत सहित अन्य लोगों के स्वागत कार्यक्रम के साथ कार्यक्रम आगे बढ़ा।
ग्लोबल लीडर्स कांफ्रेंस के प्रथम सत्र में कौशल और उद्यमिता पर पैनल डिस्कशन में होस्ट विनीश नायडू की अध्यक्षता में डॉ कार्तिकेय, डॉ विकास धवन, रंजीत सिंह, डॉ पंकज कुमार मिश्र, सुदीप प्रधान आदि ने कौशल विकास को 21वीं सदी में सफलता के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया और कहा कि युवाओं को उद्यमिता के दृष्टिकोण को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने में सहभागी बनना चाहिए जिसमें समस्त शिक्षण संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। इसलिए यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि जिम्मेदार अभिभावक के रूप में युवाओं को नए नए कौशल विकसित करने को प्रेरित करे और शिक्षण संस्थानों को उद्यमिता अनुकूल वातावरण तैयार कर युवा उद्यमियों को बढ़ावा देना चाहिए तभी समाज में लीडर्स निकलेंगे।
कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति महान शिक्षाविद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पोते और सुदिक्षा ग्रुप के चेयरमैन डॉ सुब्रमण्यम शर्मा ने कहा कि देश में उद्यमिता को लेकर दृष्टिकोण बदलने की जरूरत है। वहीं उन्होंने सुदीक्षा ग्रुप की सफलता की यात्रा साझा करते हुए कहा कि जब युवाओं में अपने देश अपने समाज की सेवा करने की प्रेरणा को बढ़ावा मिलेगा, तभी नए उद्यमी निकलेंगे जो रोजगार देने के साथ साथ नवाचार से समस्याओं का समाधान भी निकलेंगे जो विकास के गति देगा। साथ ही उन्होंने कहा कि कुशल बनने के लिए कौशल के साथ ही दृष्टिकोण भी जरूरी है।
कार्यक्रम में देश के 200+ उत्कृष्ट शिक्षाविदों को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रीय शिक्षाविद सम्मान प्रदान किया गया जिसमें बागपत के शिक्षा रत्न अमन कुमार सहित विभिन्न शैक्षिक संस्थानों से जुड़े शिक्षाविद, महत्वपूर्ण सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और शैक्षिक नवाचार से जुड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी पुरस्कृत किया गया। शिक्षा रत्न ने आभार जताते हुए आयोजक डॉ रचना भीमराजका को प्रोत्साहन पत्र से सम्मानित किया। कार्यक्रम में कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरुणाचल तक के शिक्षाविद, यूनिजिफ के प्रयासों से एक मंच पर इकट्ठा होकर शिक्षा क्रांति की आवाज को बुलंद करने में सहभागी बने।
ग्लोबल लीडर्स कांफ्रेंस के द्वितीय सत्र में होस्ट डॉ भट्टाचार्य एसके राठौर की अध्यक्षता में 21वीं सदी के कौशल विषय पर मिस फरजाना, अमोल अरोड़ा, डॉ सौरभ कुमार अग्रवाल, सोनी विल्दी, डॉ अशोक कुमार आदि ने अपने विचार साझा किए। वक्ताओं ने कहा कि कम्युनिकेशन, कोलेबोरेशन, सेल्फ हेल्प, टेक्नोलॉजी आदि को उद्यमिता विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। मिस फरजाना ने कहा कि शिक्षकों की भूमिका वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बदल रही है और उनको विद्यार्थियों के अनुकूल सकारात्मक वातावरण का निर्माण करते हुए उनमें जिज्ञासा का निर्माण और नए नए अनुभव प्रदान करना चाहिए जिसके लिए जीवन पर्यंत सीखने के दृष्टिकोण और टीचर ट्रेनिंग कार्यक्रमों की बेहद आवश्यकता है। साथ ही भारतीय दर्शन में निहित संस्कार और मूल्यों का मानव जीवन की सफलता पर प्रभाव विषय पर मंथन किया।
वहीं ब्रेन वंडर्स कंपनी ने अपना प्रस्तुतिकरण दिया। जिसके विषय में जानकारी देते हुए कंपनी के प्रतिनिधि विनीश नायडू ने उन सभी विषयों पर बात की जो विद्यार्थी की परफॉर्मेंस को बढ़ाने में सहायक होते है एवं फिंगरप्रिंट के माध्यम से व्यक्तित्व पहचान संबंधी प्रोडक्ट का प्रस्तुतिकरण दिया