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2024 में किसकी सरकार, आत्म चिंतन करने की जरूरत?


चौधरी शौकत अली चेची
2024 में किसकी सरकार आत्म चिंतन करने की आवश्यकता है। बेरोजगारी, महंगाई  ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। 1 दिन में कई-कई बदलें  सूट 24 घंटे झूठ पर झूठ चारों तरफ मच रही है गोदी मीडिया एवं अंध भक्तों एवं सत्तापक्ष की लूट एक असत्य को सौ बार सत्य बताया जाए तो लोग सच मान ही लेते हैं। 67 साल में लगभग देश पर 54 लाख करोड़ रुपए का कर्ज और 9 साल में देश पर कर्ज हुआ लगभग 155 लाख करोड़ रुपए। छोटे व्यापारी ,छोटे बिजनेसमैन ,छोटे दुकानदार, छोटे उद्योगपति एवं ज्वेलर्स अनाज फल सब्जी के आडती मछुआरे ,पुलिसकर्मी ,डॉक्टर ,नर्स छोटे हॉस्पिटल स्कूल मालिक ,टीचर ,प्रोफेसर, सेना के जवान ,सफाई कर्मी, ट्रांसपोर्ट मालिक, रोडवेज बस कर्मी ,ड्राइवर, कर्मचारी रेलवे कर्मचारी ,बैंक कर्मचारी ,यूनिवर्सिटी ,स्कूल कॉलेज के विद्यार्थी आदि सभी ने अपने हक अधिकार और सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लगातार विरोध आंदोलन किए हैं । अगर गहराई से समझा जाए तो देश के सभी समुदाय के लोगों ने मोदी सरकार में अपने हक अधिकार एवं बीजेपी की गलत नीतियों का विरोध सबसे ज्यादा हुआ है और हो रहा है जिसमें देश की लगभग 80% जनता शामिल है। एनआरसी, सीएए ,मदरसे ,धारा 370, तीन तलाक के विरोध को मुस्लिम कम्युनिटी से जोड़ दिया गया । तीन कृषि बिल कानून के विरोध को अलगाववादी, पाकिस्तानी ,खालिस्तानी आंदोलन जीवी परजीवी से जोड़ दिया लेकिन देश का स्वाभिमान  देश की तरक्की का प्रतीक अन्नदाता ने मोदी सरकार को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। अब देश की आन बान शान समाज और देश का गौरव महिला पहलवान अपने हक अधिकार इंसाफ के लिए जंतर मंतर पर बैठी हैं, उनको एक समुदाय से जोड़कर नारी शक्ति का अपमान किया जा रहा है । नई संसद के उद्घाटन के समय महिला पहलवानों के साथ सरकार द्वारा सबसे शर्मनाक बर्ताव किया गया है, जबकि भारत की पावन धरती पर नारी शक्ति की नौ रूपों में पूजा की जाती है। इन्हें इंसाफ कब मिलेगा अंदाजा लगाना मुश्किल है, जबकि देश के तीनों मुख्य पिलर न्यायपालिका, शासन-प्रशासन साथ ही देश की तरक्की जनता के पैसे से ही चलते हैं, लेकिन  अपने हक अधिकार की मांग उठाने पर कब कौन सी मुसीबत आ जाए अंदाजा लगाना मुश्किल है?  नए संसद भवन का उद्घाटन कई प्रसन्न चिन्ह खड़े कर रहा है। 2014 से अब तक एकता जागरूकता भाईचारा रसातल में जाता दिखाई दे रहा है।
जय जवान- जय किसान, तिरंगा भारत की शान 2024 में किसका क्या होगा अंजाम, खूब घूमे चारों धाम ( जय हिंद) ।

लेखक:- चौधरी शौकत अली चेची, राष्ट्रीय महासचिव
 भाकियू (बलराज) है।