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ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी बुलेटिन

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने निवास प्रमोटर्स का आवंटन किया निरस्त

--प्रोजेक्ट अधूरा होने और बकाया भुगतान न करने पर की कार्रवाई
--प्राधिकरण का 18 करोड़ रुपये का बकाया भी नहीं दे रहा प्राधिकरण
विजन लाइव/ ग्रेटर नोएडा
 ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने निवास प्रमोटर्स के सेक्टर-10 स्थित ग्रुप हाउसिंग भूखंड का आवंटन रद्द कर दिया है। प्रोजेक्ट को पूरा न करने और बकाया भुगतान न करने पर प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की है। इस भूखंड के सापेक्ष बिल्डर पर करीब 18.68 करोड़ रुपये बकाया था। कई बार नोटिस जारी करने के बावजूद जमा नहीं कर रहा था। प्राधिकरण इस भूखंड को अपने कब्जे में लेकर नई स्कीम के जरिए आवंटित करेगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर लंबे अर्से से बकाया रकम का भुगतान न करने और परियोजना को पूरा न करने वाले आवंटियों के खिलाफ प्राधिकरण लगातार कार्रवाई कर रहा है। प्राधिकरण ने अब निवास प्रमोटर्स के सेक्टर-10 स्थित ग्रुप हाउसिंग भूखंड का आवंटन रद्द किया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह ने बताया कि सेक्टर 10 का जीएच-वन भूखंड को 2011 में कंसोर्सियम के माध्यम से आवंटित किया गया था। आवंटियों की मांग पर 2012 में इस भूखंड का चार हिस्सों में उप विभाजन किया गया। इस भूखंड का एक हिस्सा जीएच-वन डी को निवास प्रमोटर्स ने खरीदा। 2012 में ही निवास प्रमोटर्स के पक्ष में लीज डीड कर दी गई। बिल्डर को उस समय तक बकाया अतिरिक्त प्रतिकर का भुगतान करने के लिए प्राधिकरण ने नोटिस भेजा। प्रमोटर्स ने अतिरिक्त प्रतिकर का भुगतान नहीं किया। प्राधिकरण की तरफ से कई बार नोटिस भी जारी की गई। प्रमोटर के अनुरोध पर प्राधिकरण ने बकाया पेमेेंट का रि-शेड्यूलमेंट भी किया गया। 2018 में प्रमोटर पर मूल किस्त, रि-शेड्यूलमेंट किस्त और प्रतिकर को मिलाकर करीब 18.69 करोड़ रुपये की देयता हो गई। 2022 तक बिल्डर पर देयता बढ़कर 39.67 करोड़ रुपये हो गई। प्राधिकरण की तरफ से एक बार फिर अंतिम नोटिस जारी की गई। प्रमोटर ने न तो बकाया धनराशि जमा कराई गई और न ही प्रोजेक्ट को पूरा किया गया। एस्क्रो खाता भी नहीं खुलवाया गया, जिसके कारण प्राधिकरण ने अब आवंटन निरस्त कर दिया है। प्राधिकरण इस प्लॉट को शीघ्र ही अपने कब्जे में लेकर नई स्कीम के जरिए आवंटित करेगा। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि प्राधिकरण का बकाया भुगतान न देने और परियोजना को पूरा न करने वाले किसी भी आवंटी को बख्शा नहीं जाएगा। उनके आवंटन रद्द किए जाएंगे।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 8 बिल्डर भूखंडों की योजना को किया रोल ओवर
-इन भूखंडों के लिए 03 अप्रैल तक करा सकते हैं ऑनलाइन पंजीकरण
-सभी 8 भूखंडों की कीमत रिजर्व प्राइस के आधार पर 738 करोड़ रुपये
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक बार फिर बिल्डर भूखंडों की योजना को रोल ओवर कर दिया है। अब इस स्कीम के 8 भूखंडों के लिए 03 अप्रैल तक ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। इन 08 भूखंडों के आवंटन से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को रिजर्व प्राइस के आधार पर करीब 738 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। भूखंडों का आवंटन ई-ऑक्शन से होगा। इन भूखंडों के आवंटन होने पर 10 हजार नए फ्लैट बन सकेंगे।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर बिल्डर विभाग की तरफ से दिसंबर में बिल्डर भूखंडों की योजना लांच की गई थी। इस योजना के 3 भूखंडों का ऑनलाइन ऑक्शन के जरिए आवंटन कर दिया गया। शेष 8 भूखंडों की योजना को रोल ओवर करते हुए आवेदन की तिथि बढ़ा दी गई है। इसके ब्रोशर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट (http://www.greaternoidaauthority.in) पर उपलब्ध हैं। इनको डाउनलोड किया जा सकता है। इन भूखंडों के लिए एसबीआई पोर्टल (https://etender.sbi) के जरिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट से भी इसका लिंक दिया गया है। इस योजना में पंजीकरण की अंतिम तिथि 03 अप्रैल है। पंजीकरण शुल्क, ईएमडी (अर्नेस्ट मनी डिपोजिट) और प्रोसेसिंग फीस 05 अप्रैल तक जमा की जा सकती है। डॉक्यूमेंट सबमिट करने की अंतिम तिथि 07 अप्रैल को शाम पांच बजे तक है। आवंटन होते ही इन भूखंडों पर पजेशन भी मिल जाएगा। इस योजना के जरिए 8 भूखंडों के जरिए कुल 1.84 लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित करने की योजना है। ये भूखंड ओमीक्रॉन वन ए, जीटा वन, ईटा टू, सिग्मा थ्री, सेक्टर-36, ओमीक्रॉन वन ए और म्यू में स्थित हैं। ये भूखंड 10120 वर्ग मीटर से लेकर 39321 वर्ग मीटर एरिया तक के हैं। इन सभी 08 भूखंडों के आवंटन होने पर करीब 10 हजार नए फ्लैट बन सकेंगे। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में ग्रीनरी एनसीआर में सबसे अधिक है। इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टीविटी के लिहाज से अन्य शहरों के मुकाबले ग्रेटर नोएडा बेहतर है। रिहायश के लिए ग्रेटर नोएडा बहुत बेहतर विकल्प है।

जनसुनवाई की शिकायतें लंबित रखने पर होगी सख्त कार्रवाई 
--जनसुनवाई में सीईओ ने सभी विभागीय अधिकारियों को दी कड़ी चेतावनी
--शिकायतें लेकर आने वालों से मिलने और उनको हल करने के दिए निर्देश
 ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को जन सुनवाई की। सीईओ ने चेतावनी दी कि जन सुनवाई में आने वाली शिकायतों को लेकर बैठे रहने और उन शिकायतों‌ का निस्तारण न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।
सीईओ ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि शिकायत लेकर आने वाले फरियादियों से मिलें, उनकी शिकायतों को सुनकर हल करें। अगर शिकायतें ऐसी हैं, जिनके निस्तारण में वक्त लगना है, तो उसे स्पष्ट समय बता दें। उन्होंने चेतावनी दी कि बिना मिले किसी न लौटाएं, अगर ऐसी शिकायत उनको प्राप्त होती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीईओ की तरफ से जनसुनवाई की शिकायतों पर निर्देशित करने के बाद भी निस्तारण न होने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे अधिकारियोें व कर्मचारियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। जन सुनवाई में लीज प्लान जारी करने में देरी की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सीईओ रितु माहेश्वरी ने सभी वर्क सर्किल प्रभारियों से कहा है कि तय समयसीमा में लीज प्लान जारी न हुए तो संबंधित वर्क सर्किल प्रभारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तत्काल की जाएगी। ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित एरिया में अतिक्रमण को रोकने के लिए सभी वर्क सर्किल व भूलेख विभाग को पुलिस-प्रशासन के सहयोग से कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जन सुनवाई के दौरान एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ अमनदीप डुली, ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव, हिमांशु वर्मा,  ओएसडी विषु राजा, ओएसडी रजनीकांत, जीएम आरके देव समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

  ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बकाया न देने वाले बकायेदारों की जारी होगी आरसी

--सीईओ रितु माहेश्वरी ने की बिल्डर व संस्थागत विभाग की समीक्षा
--एमओयू करने वाले निवेशकों को भूखंड देने पर विचार-विमर्श हुआ

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को बिल्डर व संस्थागत विभाग की समीक्षा की। सीईओ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्राधिकरण की बकाया धनराशि का भुगतान न करने वाले बकाएदारों को शीघ्र ही आरसी जारी किए जाएं। उनके खाली प्लॉट को सील करके अपने कब्जे में लेकर नई स्कीम के जरिए आवंटित किए जाएं।
बिल्डर विभाग की तरफ से प्रोजेक्ट वाइज तैयार की गई रिपोर्ट की समीक्षा करतेे हुए सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि जिन बिल्डरों ने प्रोजेक्ट पूरे नहीं किए हैं और लंबे समय से प्राधिकरण की बकाया धनराशि का भी भुगतान नहीं कर रहे हैं, ऐसे बिल्डरों को तत्काल आरसी जारी करें। उनकी अनसोल्ड प्रॉपर्टी को सील करते हुए उसे अपने कब्जे में ले लेें। कोर्ट या एनसीएलटी में चल रहे प्रकरणो पर इस तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी। बिल्डर प्रोजेक्टों के जिन टावरों में लोग रह रहे हैं, उन पर भी यह कार्रवाई नहीं की जाएगी। सीईओ ने ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के दौरान ग्रेटर नोएडा में निवेश के लिए हुए एमओयू की भी समीक्षा की। रितु माहेश्वरी ने कहा कि निवेशकों की जरूरत के हिसाब से भूखंड नियोजित कर स्कीम के जरिए आवंटित किए जाएं, ताकि निवेशक ग्रेटर नोएडा में निवेश कर सके और युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सके। सीईओ ने बिल्डर विभाग के बाद संस्थागत विभाग का भी रिव्यू किया। बकायेदारोें पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सीईओ ने खाली भूखंडों को कब्जे में लेकर आगामी स्कीम में शामिल करने को कहा है, ताकि नए निवेशकों को मौका मिल सके। सीईओ ने एमओयू को निवेश में कनवर्ट कराने के लिए निवेशकों को जरूरत के हिसाब से भूखंड उपलब्ध कराने के निर्देष दिए। समीक्षा बैठक के दौरान एसीईओ अदिति सिंह, ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव, ओएसडी हिमांशु वर्मा, ओएसडी नवीन कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

   ग्रेटर नोएडा के 32 और आवासीय भूखंडों का हुआ ई-ऑक्शन

--रिजर्व प्राइस से 155 फीसदी अधिक कीमत पर बिका सेक्टर दो का भूखंड
--रिजर्व प्राइस से 32 भूखंडों की कीमत 25.78 करोड़, अब 77.03 करोड़ मिलेंगे
--एसबीआई पोर्टल के जरिए 30 मार्च तक चलेगा भूखंडों का ऑनलाइन ऑक्शन

 ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आवासीय भूखंड योजना का मंगलवार को भी ऑनलाइन ऑक्शन हुआ। तीसरे दिन 32 भूखंडों का ऑनलाइन ऑक्शन हुआ। रिजर्व प्राइस से इन भूखंडों की कीमत लगभग 25.78 करोड़ रुपए थी, लेकिन ऑनलाइन ऑक्शन से ये भूखंड 77.03 करोड़ रुपए में बिके हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर संपत्ति विभाग ने बीते 20 जनवरी को 166 आवासीय भूखंडों की योजना लॉन्च की थी।  इस योजना में 162 वर्ग मीटर से लेकर 738 वर्ग मीटर एरिया तक के भूखंड शामिल किए गए हैं। ये भूखंड ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 2, सेक्टर चाई थ्री, फाई थ्री, डेल्टा टू, डेल्टा थ्री, सिग्मा 2, सिग्मा वन में स्थित हैं। रविवार से इन भूखंडों का एसबीआई पोर्टल के जरिए ऑनलाइन ऑक्शन हो रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आनंद वर्धन ने बताया कि मंगलवार को 32 भूखंडों का ऑनलाइन ऑक्शन हुआ। ये सभी 220 वर्ग मीटर के भूखंड हैं।  एसीईओ ने बताया कि सेक्टर दो स्थित 220 वर्ग मीटर का एक भूखंड निर्धारित रिजर्व प्राइस से लगभग 155 फीसदी अधिक दर पर बिका है। इस भूखंड का रिजर्व प्राइस 87.12 लाख रुपए तय की गई थी, लेकिन यह भूखंड 13552000 रुपए में बिका है। उन्होंने बताया कि इन सभी 32 भूखंडों के रिजर्व प्राइस के हिसाब से 25.78 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान था, लेकिन ये सभी भूखंड रिजर्व प्राइस से अधिक कीमत पर बिके, जिसके चलते अब प्राधिकरण को 90 दिनों में 77.03 करोड़ रुपए की प्राप्ति होगी। आवंटन की प्रक्रिया पूरी होते ही आवंटियों को पजेशन भी दे दिया जाएगा। आनंद वर्धन ने बताया कि शेष बचे हुए भूखंडों का ऑक्शन 29 व 30 मार्च को भी होगा। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने आवासीय भूखंड रिजर्व प्राइस से अधिक दरों पर बिकने से खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हरियाली और इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते ग्रेटर नोएडा एनसीआर का सबसे अच्छा शहर है। इसके लिए ज्यादा कीमत देने को भी तैयार हैं।