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बड़ी खबर:- म्यूटेशन से लेकर इनकम, कास्ट और डोमिसाइल जैसे सर्टिफिकेट तक मे रिश्वतखोरी का खेल

महिला लेखपालों ने रिश्वतखोरी के खेल में कई लोगों के सर्टिफिकेट निरस्त किए
डीएम ने दिए जांच के आदेश और पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की
मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी" / ग्रेटर नोएडा
गौतमबुद्धनगर की सदर तहसील में म्यूटेशन से लेकर इनकम, कास्ट और डोमिसाइल जैसे सर्टिफिकेट तक मे रिश्वतखोरी का जमकर खेल चल रहा है। लेखपाल बगैर पैसे के रिपोर्ट तक नहीं लगाते हैं। यह रिश्वतखोरी के खुले आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता ऋतुराज शर्मा पुत्र महावीर शर्मा निवासी बिरौडी चक्रसेनपुर, ग्रेटर नोएडा ने शिकायत डीएम मनीष कुमार वर्मा से की है। शिकायतकर्ता ऋतुराज शर्मा ने डीएम को अवगत कराया है कि सदर तहसील में बिना रिश्वतखोरी के कोई भी काम नहीं हो पाता है। तहसील में दो महिला लेखपाल तो ऐसी भी हैं जो पैसे ने मिलने पर खुली धमकी भी देती है। यह महिला लेखपाल दिल्ली में रहती हैं और वहां से कैब के द्वारा यहां कुछ पल के लिए आती है। यह महिला लेखपाल गांव में जाकर वेरिफिकेशन करने की कभी सहमत नहीं उठाती बल्कि रुपए लेकर काम कर फिर उड़न छू हो जाती हैं। शिकायत पत्र में ऋतुराज शर्मा ने यह भी अवगत कराया है कि गांव  बिरौडी चक्रसेनपुर के ही कालू पुत्र स्वर्गीय बाबू, आशीष पुत्र कालू, अंकित शर्मा पुत्र स्वर्गीय मुरारी, राजबाला पत्नी स्वर्गीय ज्ञानचंद,  यश मावी भी पुत्र कालू, निशा मावी पुत्री कालू आय निवास और वारिसान प्रमाण पत्रों को रिश्वत ने दिए जाने पर निरस्त कर दिया है। जब महिला लेखपालों से गांव में जाकर वेरिफिकेशन कर रिपोर्ट लगाने की बात की गई तो उन्होंने साफ कह दिया कि 5 हजार रुपया दे दो, तो बनाएंगे वरना नहीं बनाएंगे, चाहे जहां शिकायत कर लो। शिकायतकर्ता ऋतुराज शर्मा ने पत्र में डीएम से आय जाति निवास वारिसान पत्र जारी करवाते हुए दूसरी महिला लेखपालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उधर डीएम मनीष कुमार वर्मा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं और पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।