विजन लाइव/ग्रेटर नोएडा
नॉलेज पार्क-3 स्थित आईआईएमटी कॉलेज आफ लॉ में सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स का विधिवत उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में फोरेंसिक साइंस लैब में सहायक निदेशक डा. अरुणा मिश्रा और दिल्ली पुलिस में विधिक सलाहकार ताबिश सरोश का स्वागत आईआईएमटी कॉलेज समूह के एक्सक्यूटिव डॉयरेक्टर डॉ. जेके शर्मा और कॉलेज ऑफ लॉ की निदेशिका डॉ. मोनिका रस्तोगी ने किया। इसी के साथ ही लाँ कालेज में सेंटर फॉर क्रिमिनल इन्वेस्टी- रोशन एवं फोरेंसिक साइंस की शुरुआत की गई। इसको लेकर अप्रैल 2023 से एक त्रैमासिक पाठ्यक्रम भी शुरू हो जाएगा। इसी के तहत आईआईएमटी कॉलेज ऑफ लॉ और ताबिश सरोश असोसिएटस एवं विधिक फर्म के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इस मौके पर डॉ. अरूणा मिश्रा ने कि फोरेंसिक जांच को लेकर कहा कि फोरेंसिक जांच एक संदिग्ध के बारे में निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए एक अपराध से संबंधित सभी भौतिक सबूतों का संग्रह और विश्लेषण है। यह निर्धारित करने के लिए कि अपराध कैसे हुआ, जांचकर्ता रक्त, तरल पदार्थ, या उंगलियों के निशान, अवशेष, हार्ड ड्राइव, कंप्यूटर या अन्य तकनीक की जांच करेंगे। वहीं ताबिश सरोश ने छात्रों के सामने फोरेंसिक जांच मॉडल पेश किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों को बताया कि फोरेंसिक जांच का प्रकार अपराधों के इर्द-गिर्द घूमता है। इन जांचों में प्रयुक्त फोरेंसिक वैज्ञानिक साक्ष्य को उजागर कर सकता है जो एक अपराधी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत या साक्ष्य प्रदान कर सकता है। ये तरीके पुराने सबूतों को खारिज करने में भी मदद कर सकते हैं जो किसी ऐसे व्यक्ति की रिहाई का कारण बन सकते हैं जिसे गलत तरीके से दोषी ठहराया गया था। इस मौके कॉलेज के छात्र और कई फैक्लटी के लोग उपस्थित रहे।