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भारत के 127 करोड़ लोग हिंदू नहीं, मूल निवासी

चौधरी शौकत अली चेची
 अनाप-शनाप कानूनों से देश और  जनता बर्बादी की तरफ जा रहे हैं । लगभग 2% लोग भ्रम में डालकर विश्वासघात करने वाले लगातार  तरक्की कर मालामाल होते ही जा रहे हैं । बजट का लगभग 39% से अधिक पेंशन पर खर्च होता है। लगभग 60% से अधिक सफेदपोश लोगों के ऐसो आराम पर खर्च हो जाता है, लगभग 35% भ्रष्टाचार के जरिए रसातल में ही चला जाता है ।  लगभग 15% आम लोगों की सुविधा के लिए खर्च हो पाता है टीवी व अखबारों के लेखों में अपवाद छोड़कर शायद ही कोई बजट के दस्तावेज का अध्ययन करता है। सत्ता में बैठे लोग खुद को बुद्धिजीवी व लोकप्रिय बनाने के लिए चंद घंटों में सरकारी खजाने में से करोड़ों रुपए हवा में उड़ा देते हैं । इस समय देश पर लगभग 155 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बताया जा रहा है, लेकिन सत्ता पक्ष व गोदी मीडिया व अंधभक्तों की नजरों में सब चंगा सी।
दिलचस्प यह भी है परिवर्तन के नाम पर तानाशाही व्यवस्था की स्थापना जरूर दुनिया के अनेक देशों में भी हुई है।।देश में हजारों ऐसी घटनाएं घटी जो सोचने पर मजबूर करती हैं। अभी हाल ही में ताजा मामला कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा पर हुई कानूनी कार्रवाई तथा पिछले कुछ महीने से देश की राजधानी दिल्ली में एमसीडी चुनाव को लेकर  महापौर बनने पर  हमारे देश के नेताओं द्वारा आपस में हुई अभद्रता से जनता को गलत मैसेज दिया,  जो भारतीय संस्कृति और मानवता के खिलाफ संदेश है। जिन नेताओं की जनता चापलूसी कर जय जय कार करती है  सभी को समझना चाहिए क्या वह नियम कानून के रास्ते पर चल रहे हैं या अपने निजी स्वार्थ में जनता में गलत संदेश दे रहे हैं। किसी पर भी आरोप लगाना आसान हो गया है, सिद्ध करने के लिए सालों गुजर जाते हैं जाति और धर्म के नाम पर बांटने वाले देशवासी संविधान में दिए असल अधिकार को भूलकर एक दूसरे पर कीचड़ उछालने में  दोषी समझने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे ,जबकि हमारा प्रिय भारत अनेक तरह की फुलवारी की बगिया जैसा माना गया है ,जिसकी खुशबू देश के कोने मैं महक रही है, लेकिन अनेक तरह की खुशबू को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। यह सच है कि भारत के 127 करोड़ लोग हिंदू नहीं मूल निवासी हैं। 1995 ई. तथा 2017 ई. में सुप्रीम कोर्ट ने यह साबित कर दिया कि हिंदू कोई धर्म नहीं है।।आजकल  जिधर देखो उधर हिन्दू या हिन्दुस्थान  यही नाम नजर आता है । खासकर ये जातिवादी पार्टियों कि एक बड़ी पहचान है, हिन्दू शब्द कहा से आया?  हिन्दू शब्द से किसको फायदा  किसको नुक्सान है ऐसे  सवाल बार-बार उठाए जाते हैं  ?।देश के  24 करोड़ से भी ज्यादा मुसलमान हिन्दू नहीं है लगभग 3 करोड़ क्रिश्चियन हिन्दू नहीं  लगभग 4 करोड़ सिख हिन्दू नहीं  यानि की इस देश की 32 करोड़ आबादी हिन्दू नहीं है।।(SC) (ST) हिन्दू नहीं  अगर SC हिन्दू होते तो उनको वेद, पुराण, रामायण और अन्य धर्मग्रन्थ पढ़ने का अधिकार होता। उनको मंदिर में जाने का अधिकार होता । पुजारी बनने का अधिकार होता ,वही बात आदिवासियों के बारे में भी है।।SC  ST आदिवासी  लगभग 30 करोड़  अर्थात SC, ST और माइनॉरिटी लगभग 62 करोड़ आबादी हिन्दू नहीं।
पिछड़ी जाति/OBC अन्य पिछड़ी जाती  जैसे  यादव, अहीर, भुजबल, वन्नियार, कश्यप, कुमहार, गडरिया, कोइरी, मौर्य, सैनी, आदि इनकी  आबादी 65 करोड से भी ज्यादा हो सकती है  मगर  देश कि जातिवादी सरकार उनकी गिनती नहीं करना चाहती है,  अगर पिछड़ी जाति के लोगों का  पता चल जाएगा और मेजोरिटी होने के बावजूद उनकी भागीदारी नौकरी, मीडिया, न्यायपालिका आईएएस आईपीएस और अन्य क्षेत्रों में कम ही है, इसीलिए उनकी जनगणना से सरकार के खिलाफ विद्रोह हो सकता है। अगर OBC लोग हिन्दू होते तो उनको भी उपनयन का अधिकार मिलता, उनका भी संस्कार होता। उनके लिए बनाये गए मंडल कमीशन के लिए विरोध नहीं होता । देश के 65 करोड़ ओबीसी लोग भी हिन्दू नहीं है। यानि की 62 + 65 =127 करोड़ हिन्दू नहीं है
भारत देश कि जनसँख्या लगभग 140 करोड़ है 140-127=13 करोड़ लोग ही हिन्दू हैं।।मगर क्या ये 13 करोड़ लोग वाकई में हिन्दू है,  जी नहीं ।।यूनिवर्सिटी ऑफ़ युताहा (University Of Utaha) के माइकल बमशाद के मुताबिक जो खुद को ऊँची जाति के मानते हैं, वह ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य इनका DNA मध्य एशिया के कास्पियन सागर है वहां के लोगों से 99.99% मिलता जुलता है इसीलिए ये 13 करोड़ आबादी भी हिन्दू नहीं है।
इस प्रकार यह सिद्ध हुआ कि इस देश में हिन्दू कोई नहीं है। भारतीय संविधान लिखते वक्त संविधान में हिन्दू शब्द नहीं डाला है संविधान में  देश का नाम इंडिया अर्थात भारत लिखा है संविधान में बाबासाहब ने लिखा है कि इंडिया यानि भारत एक संयुक्त राज्य होगा।कहा जाता है भारत 500 सालो से पूर्व से अस्तित्व में है।
Article 1(1) of the Indian Constitution : “India, that is Bharat, shall be a Union of States
हिन्दू का मतलब अरबी और पर्शियन भाषा में गुलाम, दास, गाली इत्यादि बताया जाता है। स्वामी दयानंद सरस्वती भी अपने समाज को हिन्दू नहीं बल्कि आर्य समाज कह गए  हैं। हिन्दू शब्द इस देश के किसी भी धार्मिक ग्रन्थ में, पुराणो में या स्मृतियों में नहीं पाया जाता है मगर उसका असली नाम आर्य या ब्राह्मण धर्म है कुछ ब्राह्मण, बनिया और क्षत्रिय लोग खुद को और  देश के सभी गैर मुसलमानो को हिन्दू इसलिए बोलते हैं ताकि उनका  देश पर केंद्र की राजनीति, न्यायपालिका, मीडिया, सरकारी नौकरिया  अन्य क्षेत्रों में जो कब्ज़ा है वह बरकरार रहे  हिन्दू कहने से और कहलवाने से सच्च और दुश्मन दिखायी नहीं देता है, भ्रम की स्थिति बरकरार रहे ।
सब भारत के लोगों सुन लो सब की वाणी, सच्चाई की खातिर कभी  मत करना नादानी जिन्होंने देश की खातिर कुर्बान करी जिंदगानी ,निर्दोष पर रहम करो मानवता की खातिर आंखों में भर लो पानी (जय हिंद)
लेखक:- चौधरी शौकत अली चेची किसान एकता संघ के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष हैं।