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ग्रेटर नोएडा में किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस नहीं लिए गए तो प्राधिकरण का घेराव किया जाएगा


 भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष डॉ विकास जतन प्रधान ने  सरकार को चेताया 
मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/ग्रेटर नोएडा
गौतमबुद्धनगर में अन्नदाता किसानों की बात को नहीं सुना जा रहा है, यह भाजपा सरकार की बेरुखी ही नहीं बल्कि एक तानाशाही का सूचक भी है। जिले के ग्रेटर नोएडा शहर में किसानों पर एफआईआर होना
बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है , जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह बात भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष डॉ विकास जतन प्रधान ने भाजपा सरकार को चेताते हुए कही है। भारतीय किसान यूनियन अंबावता के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष डॉ विकास जतन प्रधान ने कहा है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पूरी तरह से भ्रष्टाचार के आकंठ में डूब चुका है , यही कारण है कि किसानों की कोई भी बात नहीं सुनी जा रही है। किसान अपने हकों के लिए आवाज बुलंद करते हैं लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी टालू रवैया अपनाए हुए रहते हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अनदेखी के कारण आज भी किसान आबादी जैसे प्रकरण के लिए किसान दफ्तरों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं। हाल ही में ऐसा ही प्रकरण ग्रेटर नोएडा में सामने आया है जब किसानों के हकों को लेकर प्राधिकरण कार्यालय में गए लोगों की न केवल बात सुनी गई बल्कि उन पर एफआईआर दर्ज करवा कर तानाशाही का परिचय भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जाना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि तानाशाही भरा भी है। भाजपा सरकार और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की इस ओछी हरकत को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि
 ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा किसानों पर एफआईआर करना दुर्भाग्यपूर्ण है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण लगातार किसानों का शोषण कर रहा है। इस घटना को लेकर भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के कार्यकर्ताओं में रोष है। अगर किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे वापस नहीं हुए तो प्राधिकरण का घेराव किया जाएगा!