गौतमबुद्धनगर में फिर बसपा को लगा झटका----- जेवर विधानसभा के पूर्व बसपा प्रत्याशी नरेंद्र भाटी डाढा सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल
“भारतीय जनता पार्टी में मुझे भविष्य नजर आया, वहां जाने से पहले मैंने अपने समाज, साथियों को समर्थकों से व्यापक बातचीत की
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
गौतमबुद्धनगर की जेवर विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड चुके एडवोकेट नरेंद्र भाटी डाढा अपने सैकडों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए हैं। इससे जहां बसपा सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री कु0 मायावती के इस गृह जनपद में बसपा को न केवल झटका लगा है बल्कि बसपा सूपडा साफ होने के करीब तक पहुंच गई है। उधर गौतमबुद्धनगर भाजपा का गढ बनता चला आ रहा है। दूसरे दलों को छोड कर भाजपा में शामिल होने का सिलसिला विधानसभा चुनावों से लेकर अभी तक चला आ रहा है। पूर्व विधानसभा प्रत्याशी एडवोकेट नरेंद्र भाटी डाढा ने भाजपा में शामिल होने के बाद ग्राम डाढा स्थित कार्यालय पर समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक आहूत की और भाजपा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुचांने का संकल्प व्यक्त किया। इस मौके पर भाजपा नेता एडवोकेट नरेंद्र भाटी डाढा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी राष्ट्र हितैषीकार्यशैली व उत्तर प्रदेश के ओजस्वी मुख्यमंत्री महंत आदित्यनाथ योगी की विचारधारा से प्रभावित होकर भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी व क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बैनीवाल, ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर व जिला पंचायत अध्यक्ष गौतमबुद्धनगर अमित चौधरी के समक्ष अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।
सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित और जन भावना को देखते हुए उन्होंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया है, बसपा के बारे में अतीत पर वह कुछ खास नही कहना चाहते है, क्योंकि कुछ कहने के लिए रह भी नही गया है। “भूतकाल को छोड़कर वर्तमान पर ध्यान देना जरूरी है। वर्तमान भाजपा है। बसपा पास्ट बन चुकी है। अगर समाज का भला करना है तो भारतीय जनता पार्टी है।“ “भविष्य भाजपा में है। इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने बसपा के टिकट पर जेवर से चुनाव लड़ा था और 45,256 वोट हासिल किए थे। उन्होंने कहा कि “पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बहन मायावती ने मनोयोग से उम्मीदवारों को सहयोग नहीं किया था। जिसकी वजह से हमें बेहद कठिन दौर में चुनाव लड़ना पड़ा। अब भी पार्टी अपनी भूमिका का सही निर्वाह नहीं कर पा रही है। जिले में गुटबंदी बुरी तरह हावी है। ऊपर सुनवाई नहीं होती है। बहुजन समाज पार्टी एक तरह से पास्ट बन चुकी है। वर्तमान भारतीय जनता पार्टी है और भविष्य भी वहीं है।
एडवोकेट नरेंद्र भाटी डाढा के साथ भाजपा में शामिल होने वालों में मुख्य रूप से विजय भाटी पूर्व अध्यक्ष एशियन पेंट्स कंपनी, महेश भाटी, परीक्षित नागर, अमरजीत, अजीपाल, मोहित भाटी अस्तौली, पंकज खारी तिलपता, सतीश कनारसी, मनीष कनारसी, जयकरण दादूपुर, संजय नवादा और राजू कसाना आदि सैकडों की संख्या में समर्थक रहे। भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने रालोद और बसपा के कई बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल कराया। इसमें मेरठ, गाजियाबाद, बागपत बुलंदशहर के नेता शामिल है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भाजपा किसी दल के नेताओं के तोड़ती नहीं है बल्कि उन्हें जोड़ती है, जो भाजपा की विचारधारा से जुड़े होते हैं।
भाजपा में ’सबका साथ, सबका विकास’ के लिए काम करूंगाः एडवोकेट नरेंद्र भाटी डाढा
एडवोकेट नरेंद्र भाटी डाढा छात्र राजनीति से आए हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में छात्र संघ के महासचिव रहे। दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा। समाजवादी पार्टी से पॉलीटिकल करियर की शुरुआत की। राजस्थान सरकार के खिलाफ गुर्जर आरक्षण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। इसके बाद कांग्रेस में आए और 2017 तक काम किया। साल 2017 में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। नरेंद्र भाटी कहते हैं, “इस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सर्वोपरि नेता हैं। उनके बराबर का कोई दूसरा नेता भारत में नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गिनती तो दुनिया के शीर्ष नेताओं में है। इन दोनों नेताओं ने समाज के प्रत्येक वर्ग को आकर्षित किया है। आज भारतीय जनता पार्टी व्यापक जनाधार वाला संगठन है।“ “मेरे समाज ने आदेश दिया“ नरेंद्र डाढ़ा ने आगे कहा, “भारतीय जनता पार्टी में मुझे भविष्य नजर आया। वहां जाने से पहले मैंने अपने समाज, साथियों को समर्थकों से व्यापक बातचीत की। सभी लोगों ने कहा कि अपने क्षेत्र और समाज की भलाई के लिए भारतीय जनता पार्टी में जाना उचित है। लिहाजा, मैंने जन भावनाओं की कद्र करते हुए भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की है। मैं पार्टी की नीतियों पर आगे चलकर ’सबका साथ, सबका विकास’ के लिए काम करूंगा।