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बडा खुलासा----- बाल्मिकी समाज के मरघट और समाधियो पर दबंगों का कब्जा

 






बडा खुलासा----- बाल्मिकी समाज के मरघट और समाधियो पर दबंगों का कब्जा

यदि उनके पूजा स्थलों और शमशान से कब्जा नही हटाया गया तो गांव से पलायन करने के लिए मजबूर हो जाएंगेः बाल्मिकी समाज

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/बुलंदशहर

बुलंदशहर जिला के रसूलपुर रिठोरी गांव में दबंगों द्वारा बाल्मिकी समाज के शमशान और धर्मस्थलों पर कब्जा किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। शमशान के साथ ही समाधियां भी बनी हुई है दंबगों के द्वारा कब्जा किए जाने से बाल्मिकी समाज के लोगों को समाधियांं पर पूजा अर्चना किए जाने में दिक्कते पैदा हो रही है। बाल्मिकी समाज के लोगांं ने साफ किया है कि यदि उनके पूजा स्थलों और शमशान से कब्जा नही हटाया गया तो गांव से पलायन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। इस मामले की शिकायत तहसीलदार, उपजिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी, सिकंद्राबाद विधायक और मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री तक से की गई है प्रधानमंत्री भारत सरकार को लिखे गए पत्र में रसूलपुर रिठोरी के ग्रामीणों ने अवगत कराया है कि प्रार्थीगण ग्राम पोस्ट रसूलपुर रिठोरी, परगना तहसील सिकन्द्राबाद, जिला बुलन्दशहर उ० प्र० के गरीब माल्मीकि समाज के लोग हैं तथा वाल्मीकि समाज के मात्र 10 घर है तथा विशेष बिरादरी के करीब 500 घर हैं। विशेष बिरादारी लोगों द्वारा पूर्व से ही वाल्मीकि समाज को ईर्ष्या से देखा जाता है और मारपीट करते रहते हैं। विशेष बिरादरी के मदन पुत्र पन्नालाल, ऐदल, मुन्शी, नौबत, श्यौदान सिंह, राकेश, प्रेम, उमेश ने करीब 20 वर्ष पहले शमशान खाता संख्या.458 के गाटा संख्या.1688 रकबई 0.2530 है० मरघट दर्ज है, पर जबरदस्ती कब्जा लेने के लिये बुजुगों के साथ बुरी तरह से मारपीट, उत्पीड़न प्रताड़ित करके गांव से भगा दिया था।











यही नहीं दिनांक 02.04.2021 को उपरोक्त मदन, ऐदल, मुन्शी, नौबत, श्यौदान सिंह, राकेश, प्रेम उमेश आदि लोगों ने दाह संस्कार स्थल मरघट/ शमशान पर जबरदस्ती गाली, गलौंच मारपीट करके कब्जा करके शमशान से भगा दिया था। मरघट की जमीन पर इन दबंग लोगों ने खरजा भी लगवा दिया है। पत्र में बाल्मिकी समाज के लोगों ने यह भी अवगत कराया है कि इन लोगों के हौंसले इतने बुलन्द हैं कि हमारी  बुजुगों की समाधियां तोड़कर मिट्टी में दाब दी गयी हैं और अपने मकान आदि बनाकर अपना कब्जा कर रखा है। पत्र में प्रधानमंत्री से मांग की गई है कि  अतः आपसे प्रार्थना है कि हमारे भरघट गाटा संख्या.1658 स्थित ग्राम रसूलपुर रिठोरी परगना तहसील सिकन्द्राबाद, जिला बुलन्दशहर की पैमाईश कराकर अवैध कब्जा हटवाने के आदेश पारित करने की कृपा करें तथा उक्त लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही कराये जाने की कृपा करें। हमारे साथ न्याय नहीं किया गया तो हम पहले की भांति गांव से पलायन करने को मजदूर होंगे। प्रधानमंत्री के साथ ही पीडित लोगों ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल और जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, उपजिलाधिकारी सिकंद्राबाद, तहसीलदार सिकंद्राबाद और विधायक सिकंद्राबाद लक्ष्मीराज सिंह से भी की है।

 

राजस्व अभिलेखों में भी दर्ज है, मरघट

राजस्व अभिलेखांं की मानें तो बाल्मिकी समाज के मरघट दर्ज हैं। मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल से आई शिकायत के निस्तारण क्रम में तहसीलदार सिकंद्राबाद की ओर से इस मामले की जांच कराई गई। तहसीलदार सिकंद्राबाद ने दिनांक 08-10-2022 को जिलाधिकारी बुलंदशहर को सौंपी गई रिपोर्ट में खुलासा किया है कि राजस्व निरीक्षक चोला से इस मामले की जांच कराई गई। राजस्व निरीक्षक चोला द्वारा अपनी जांच आख्या में अवगत कराया गया है कि ग्राम रसूलपुर रिठोरी, परगना तहसील सिकंद्राबाद, जिला बुलंदशहर में उपस्थित होकर राजस्व टीम द्वारा गाटा संख्या 1658 रकबा 0.2530 हे0 के संबंध में राजस्व अभिलेखों का परीक्षण किया गया, अभिलेखांं में उक्त गाटा संख्या 1658 रकबा 0.2530 हे0 मरघट के रूप में दर्ज हैं, जिसकी निशानदेई आवेदकों की उपस्थिति में करा दी गई है। जिसमें एक व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जा करके मकान बना लिया गया है। 





इस मामले में न्यायालय तहसीलदार सिकंद्राबाद के यहां धारा-67 में वाद दायर किया गया है तथा शेष अवैध कब्जेदारों के खिलाफ पूर्व में ही लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3/4 भारतीय दंड संहिता की सुंसगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक कार्यवाही कर दी गई है। उपजिलाधिकारी सिकंदाबाद ने भी दिनांक 29-10-2022 को इसी प्रकार एक रिपोर्ट जिलाधिकारी बुलंदशहर को सौंप दी है। सिकंद्राबाद विधायक लक्ष्मीराज सिंह ने भी जिलाधिकारी बुलंदशहर को निर्देश दिए गए हैं कि संज्ञान लेकर मामले में आवश्यक कार्यवाही अमल में लाएं। जिलाधिकारी बुलंदशहर की ओर से तहसीलदार सिकंद्राबाद को आदेशित किया गया है कि स्वयं मौके पर जाएं, मरघट की जमीन खाली कराएं एवं आख्या दें।