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गौतमबुद्धनगर में नगरनिकाय चुनावों से जुडी बडी खबरः-- दनकौर, रबूपुरा और जेवर, रालोद के खाते में जानी तय

 

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गौतमबुद्धनगर में नगरनिकाय चुनावों से जुडी बडी खबरः-- दनकौर, रबूपुरा और जेवर, रालोद के खाते में जानी तय

गौतमबुद्धनगर में सपा और रालोद मिल कर नगर निकाय चुनाव-2022 लडेंगे

प्रस्ताव को रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी और सपा सुप्रीमों के समक्ष भेजा जाएगा जिस पर अंतिम मुहर आगामी 12 अक्टूबर-2022 को लगाई जानी तय मानी जा रही हैंः-सूत्रों का दावा

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मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा

गौतमबुद्धनगर में नगर निकाय चुनावों से जुडी बडी खबर निकल कर सामने रही है। नगर निकाय चुनाव नवंबर-दिसंबर-2022 में होने तय माने जा रहे हैं। इसके लिए भाजपा, सपा रालोद और बसपा समेत सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। उधर नगर पालिका और नगर पंचायतों में चेयरमैन पद के प्रत्याशियों ने भी टिकट को लेकर भागदौड शुरू कर दी है। गौतमबुद्धनगर में टिकट चाहने वालों की पहली पसंद भाजपा की बनी हुई है। इसका एक कारण शायद सडक से लेकर हर सदन तक भाजपा का परचम ही है। भाजपा उत्तर प्रदेश से लेकर केंद्र की सरकार में भी है। यहां सासंद भी भाजपा से है, तीनों विधायक, 2 एमएलसी और 1 राज्यसभा सासंद भाजपा से है। इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष भी भाजपा से हैं। भाजपा संगठन सत्ता के नशे से दूर है और भाजपाई जनता के बीच दिखाई देते रहते हैं। मगर दूसरी ओर विडंबना यह है कि विपक्षी जिसके उपर जनता की आवाज बुलंद किए जाने की अहम जिम्मेदारी होती है और सडक से लेकर सदन तक सरकार की नाकामियों को उठाना पहला धर्म होता है जिले से पूरी तरह से गायब हैं। कांग्रेस की बात करेंं तो गौतमबुद्धनगर कहां पार्टी संगठन है कोई अता पता तक नही है। कहने को गौतमबुद्धनगर कांग्रेस जिलाध्यक्ष के तौर पर दिनेश शर्मा है मगर उनका कहीं कोई अता पता तक नही है। पहले जब मनोज चौधरी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हुआ करते थे तो कांग्रेस संगठन हमेशा जनता के मुद्दों लेकर सडक पर ही आंदोलन करता हुआ नजर आता था। बसपा की बात करें तो वह भी चुनावों के दिनों के अलावा कहीं नजर नही आती है। लोकसभा चुनावों और विधानसभा चुनावों के बाद तो पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सतवीर नागर और ही जेवर और दादरी विधानसभाओं से प्रत्याशी रहे लोग नजर नही रहे हैं। सपा और रालोद की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है, चुनावों के बाद से यह भी आंदोलनों से दूरी बनाए हुए है। सभी दलो की स्थिति भी ऐसी ही बनी हुई हैं। यदि थोडा बहुत आंदोलनों का जिम्मा संभाले हुए हैं तो वह किसान संगठन ही है। अब जैसे जैसे नगर निकाय चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, सभी राजनीतिक दलों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी हैं। सपा और रालोद की बात करें तो गौतमबुद्धनगर में मिलकर चुनाव लडे जाने की चर्चा हैं। सूत्रों के हवाले से खबर रही है कि गौतमबुद्धनगर में सपा और रालोद मिल कर चुनाव लडेंगे। जिले की दादरी और, जहांगीरपुर, बिलासपुर चेयरमैन पर सीट को छोड कर बाकी सभी रालोद के खाते में चली जाने की चर्चा है। दनकौर, रबूपुरा और जेवर, रालोद के खाते में जा रही है। सपा रालोद के गठबंधन का मसौदा तैयार कर लिया गया है और जिस अंतिम मुहर लगनी बाकी हैं। गौतमबुद्धनगर के जेवर क्षेत्र में एक बैठक आगामी 09 अक्टूबर-2022 को होने जा रही है, इसके बाद इस प्रस्ताव को रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी और सपा सुप्रीमों के समक्ष भेजा जाएगा जिस पर अंतिम मुहर आगामी 12 अक्टूबर-2022 लगाई जानी तय मानी जा रही हैं। सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि चुनाव लडने वाले प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी जल्द ही कर दी जाएगी।