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श्री धार्मिक रामलीला कमेटी सेक्टर पाई-1, ग्रेटर नोएडाः- मंचन की शुरुआत किष्किंधा के अद्भुत पसंग से प्रारंभ हुई

 

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श्री धार्मिक रामलीला कमेटी सेक्टर पाई-1, ग्रेटर नोएडाः- मंचन की शुरुआत किष्किंधा के अद्भुत पसंग से प्रारंभ हुई


बजरंगबली की पूंछ इतनी बड़ी होती चली गई की लंका का रखा हुआ सारा वस्त्र उनकी पूंछ में लपेट दिया गया और जब उसमें आग लगाई गई परिणाम यह हुआ कि पूरी सोने की लंका जलकर खाक हो गई

सोमवार को लीला के मंचन में मुख्य अतिथि के रूप में गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन अपर जिला जज और मेरठ के वर्तमान जिला जज इंद्रप्रीत सिंह जोश और नोएडा विधायक पंकज सिंह तथा विशिष्ठ अतिथियों के रूप में पूर्व मंत्री हरिश्चंद्र भाटी, अखिल भारतीय गुर्जर शोध संस्थान के अध्यक्ष योंगेंद्र चौधरी, निषाद पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश वीरेंद्र डाढा, आर्य प्रतिनिधि सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष आर्य वीरेश भाटी, अन्तर्राष्ट्रीय पहलवान बबीता नागर, भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय सचिव बृजेश भाटी, करप्शन फ्री इंडिया के संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय आदि अतिथिगणों ने पूजा अर्चना के साथ ही भगवान श्री राम की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया





 









मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’ /ग्रेटर नोएडा, सेक्टर पाई-1

श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के तत्वाधान में  सेक्टर पाई स्थित रामलीला मैदान में गोस्वामी सुशील जी महाराज के दिशा दिशा निर्देशन में रामलीला का मंचन राजस्थान के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों द्वारा किया जा रहा है। सोमवार को लीला के मंचन में मुख्य अतिथि के रूप में गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन अपर जिला जज और मेरठ के वर्तमान जिला जज इंद्रप्रीत सिंह जोश और नोएडा विधायक पंकज सिंह तथा विशिष्ठ अतिथियों के रूप में पूर्व मंत्री हरिश्चंद्र भाटी, अखिल भारतीय गुर्जर शोध संस्थान के अध्यक्ष योंगेंद्र चौधरी, निषाद पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश वीरेंद्र डाढा, आर्य प्रतिनिधि सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष आर्य वीरेश भाटी, अन्तर्राष्ट्रीय पहलवान बबीता नागर, भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय सचिव बृजेश भाटी, करप्शन फ्री इंडिया के संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय आदि अतिथिगणों ने पूजा अर्चना के साथ ही भगवान श्री राम की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। श्री धार्मिक रामलीला के अध्यक्ष आंनद भाटी, संस्थापक एडवोकेट राजकुमार नागर, शेर सिंह भाटी, महासचिव ममता तिवारी, संरक्षक हरवीर मावी, सुशील नागर, बालकिशन सफीपुर, सतीश भाटी, पंडित प्रदीप शर्मा, अध्यक्ष आनंद भाटी, महासचिव  श्रीमती ममता तिवारी, कोषाध्यक्ष अजय नागर, मीडिया प्रभारी धीरेंद्र भाटी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेश शर्मा बदौली और जितेंद्र भाटी, सुभाष भाटी, योगेंद्र भाटी, जितेंद्र भाटी चूहडपुर,उमेश गौतम,नरेंद्र भाटी, मनोज गुप्ता, रोशनी सिंह, फिरे प्रधान, सतवीर मुखिया, सुनील खारी, गजेंद्र शर्मा, वीरपाल मावी, अरुणा शर्मा, अतुल, आनंद सिंह, ज्योति सिंह आदि पदाधिकारीगणों ने मुख्य अतिथि और विशिष्ठ अतिथियो का पटका पहना और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। 





मुख्य अतिथि रूप में मेरठ जिला जज इंद्रप्रीत सिंह जोश ने भगवान श्री राम के चरित्र से प्रेरणा लिए जाने पर खासा बल दिया। वहीं नोएडा विधायक पंकज सिंह ने कहा कि भगवान श्री राम मर्यादाओं की प्रतिमूर्ति रहें। जब कि माता सीता और लक्ष्मण और भरत तथा शत्रुध्न भी त्याग और तपस्या में कतई पीछे नही रहे। भरत का भ्रात प्रेम एक उदाहरण के रूप में देखा जाता है। संस्थापक और रामलीला के निर्देशक गोस्वामी सुशील जी महराज ने अतिथियों का स्वागत करते हुए लीला मंचन के महत्व पर प्रकाश डाला। विशिष्ठ अतिथियों में हरिश्चंद्र भाटी, योगेंद्र चौधरी, वीरेंद्र डाढा ने मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के आदर्शो प्रेरणा लिए पर खासा बल दिया। श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के अध्यक्ष आनंद भाटी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भगवान श्री राम की लीला का मंचन देखने से सभी भक्तजनों का कल्याण जरूर होगा। भगवान श्री राम ने एक आज्ञाकारी और अच्छे पुत्र, पति, भाई, राजा को किरादार निभाते हुए राक्षसों का संहार कर पृथ्वीलोक बुराई से मुक्ति दिलाई थी। अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक इस विजय महोत्सव पर श्री धार्मिक रामलीला के तत्वाधान में चल रही लीला में खास मंचन नित्य प्रतिदिन किया जा रहा है। श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के संस्थापक शेर सिंह भाटी ने बताया कि सोमवार को श्री धार्मिक रामलीला का मंचन के मंचन की शुरुआत किष्किंधा के अद्भुत पसंग से प्रारंभ हुई, जहां पर दो भाई बाली और सुग्रीव रहते थे बाली ने पूरी किष्किंधा अपना एकाधिकार कर लिया था और सुग्रीव को वहां से निष्कासित कर दिया था और उसकी पत्नी को अपने पास ही रख दिया था। श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के संस्थापक एडवोकेट राजकुमार नागर ने बताया कि सुग्रीव किष्किंदा के पास ही ऋष्यमूक पर्वत पर रहते थे क्योंकि बाली को ऋषि मातंग का श्राप था कि वह उनके आश्रम से एक योजन की दूरी के अंदर आया तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। इसीलिए सुग्रीव वहां अपने आप को सुरक्षित महसूस करते थे और वहां अपना निवास बना लिया था और वहीं पर भगवान श्री राम को पहली बार आते देखा और डर गए की बालि ने उन्हें मारने के लिए किसी को भेजा तो नहीं है और बजरंगबली को उनके पास भेजा पता करने के लिए वहां पहुंचने पर बजरंगबली को पता चला कि वह भगवान श्रीराम हैं और वहां से सुग्रीव और भगवान श्री राम के बीच संधि हुई तत्पश्चात बाली का वध हुआ। सुग्रीव ने भगवान श्रीराम से सहायता मांगी तत्पश्चात भगवान श्री राम उनकी मदद के लिए तैयार हो गये। श्री धार्मिक रामलीला कमेटी की महासचिव ममता तिवारी ने बताया कि दोनों भाई एक ही तरह दिखते थे जिससे पहली बार बाली और सुग्रीव की आमने सामने आने पर भी भगवान श्री राम ने बाली का अंत नहीं किया फिर दोबारा सुग्रीव के गले में एक माला डाली जिससे वे पहचान सके और बाली और सुग्रीव का युद्ध शुरू होने के पश्चात भगवान श्री राम ने बाली का संहार किया सुग्रीव की पत्नी को स्वतंत्र कराया और सुग्रीव को किष्किंधा का राजा बनाया। उन्होंने बताया कि भगवान श्री राम और सुग्रीव में मित्रता होने के पश्चात सुग्रीव ने बचन दिया कि वह माता सीता का पता लगाएंगे उनको वापस लाने में उनकी मदद करेंगे। की हनुमान जी पता लगाने के लिए लंका जाते है समुद्र में सुरसा का अद्भुत प्रसंग मिलता है तत्पश्चात लंकिनी का वध करने के पश्चात माता से अशोक वाटिका में उनकी मुलाकात होती है भगवान श्री राम की अंगूठी प्रतीक चिन्ह में देकर के माता का संशय दूर करते हैं और रावण की पूरी अशोक वाटिका को तहस.नहस कर देते हैं जिससे वह शत्रु की शक्ति का अंदाजा भी लगा सके वहां पर रावण के पुत्र अक्षय कुमार का बध कर देते हैं फिर मेघनाथ आता है और हनुमान जी को पकड़ने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करता है वरदान के कारण राम भक्तों को कुछ नहीं हो सकता था लेकिन ब्रह्मा का अस्त्र होने के कारण हनुमान जी खुद उस के बंधन में बंध गए। श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के मीडिया प्रभारी धीरेंद्र भाटी ने बताया कि रावण ने, हनुमान जी को सजा देने के लिए उनकी पूछ में आग लगाने का आदेश दे दिया कि बजरंगबली की पूंछ इतनी बड़ी होती चली गई की लंका का रखा हुआ सारा वस्त्र उनकी पूंछ में लपेट दिया गया और जब उसमें आग लगाई गई परिणाम यह हुआ कि पूरी सोने की लंका जलकर खाक हो गई।




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इस अवसर पर श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के संस्थापक एडवोकेट राजकुमार नागर, शेर सिंह भाटी, संरक्षक हरवीर मावी, सुशील नागर, बालकिशन सफीपुर, सतीश भाटी, पंडित प्रदीप शर्मा, अध्यक्ष आनंद भाटी, महासचिव  श्रीमती ममता तिवारी, कोषाध्यक्ष अजय नागर, मीडिया प्रभारी धीरेंद्र भाटी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेश शर्मा बदौली और जितेंद्र भाटी, सुभाष भाटी, योगेंद्र भाटी, जितेंद्र भाटी चूहडपुर,उमेश गौतम,नरेंद्र भाटी, मनोज गुप्ता, रोशनी सिंह, फिरे प्रधान, सतवीर मुखिया, सुनील खारी, गजेंद्र शर्मा, वीरपाल मावी, अरुणा शर्मा, अतुल, आनंद सिंह, ज्योति सिंह आदि पदाधिकारी और कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।