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खिलौना.इंडिया टॉयज एंड गेम्स फेयर बिजनेस के लिए लगभग 22 करोड़ों की सोर्सिंग और इन्क्वायरी के वास्तविक व्यापार में बदलने की उम्मीदः आर.के वर्मा
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद यानी ईपीसीएच द्वारा आयोजित इंडिया जीआई फेयर और खिलौना.इंडिया टॉयज एंड गेम्स फेयर के पहले संस्करण के साथ.साथ इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट लिमिटेड द्वारा आयोजित मां शिशु और एसटीईएम कॉन्फेक्स का समापन समारोह आयोजित किया गया। समारोह में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुरस्कारों से प्रदर्शकों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर राज के मल्होत्रा ईपीसीएच के अध्यक्ष, राकेश कुमार महानिदेशक ईपीसीएच और आईईएमएल के चेयरमैन, ईपीसीएच की प्रशासन समिति के सदस्यय और ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा भी उपस्थित रहे। उधर प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने मेलों की सफलता के लिए अपने संदेश में इस समय को यानी मेक इन इंडिया, इको सिस्टम के प्रत्येक हितधारक के लिए देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करने का एक उपयुक्त समय बताया। मेलों का दौरा उत्तराखंड सरकार के समाज कल्याण मंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, सड़क परिवहन, एमएसएमई, खादी और ग्रामोद्योग मंत्री चंदन राम दास, उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉक्टर दयाशंकर मिश्रा और पूर्व राज्यसभा सदस्य और भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति पहले ही कर चुके हैं। इस अवसर पर ईपीसीएच के चेयरमैन राज कुमार मल्होत्रा ने बताया कि खरीद्दारों ने अच्छी संख्या में दौरा किया और खिलौनों और खेलों और भारत के सिग्नेचर उत्पादों की सोर्सिंग में गहरी दिलचस्पी दिखाई।
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उन्होंने भारत जीआई मेले के पहले संस्करण में देखने, सीखने, अनुभव और स्रोत के साथ आने पर प्रसन्नता व्यक्त की। खिलौनों और खेलों में, रोबोटिक्स, नए स्टार्ट.अप के उत्पाद, विरासत के खिलौने और लर्निंग और थेरेपी खिलौनों ने बहुत से आगंतुकों को आकर्षित किया है। अमरीका से आए माइल्स शुलमनी के लिए यह यात्रा काफी उपयोगी साबित हुई, जो खिलौनों के आयात और वितरण का काम करते हैं और अपने सोर्सिंग बेस को भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रहे हैं। स्पेन के होम उत्पादों के खुदरा विक्रेता रॉबर्टो रेमेरिस भारत जीआई मेले में विविधता और खिलौना में बच्चों के कमरे की सजावट और सहायक उपकरण देखने के लिए उत्साहित थे। दक्षिण अफ्रीका की एजेट फूरी, जो ऐसे लकड़ी के खिलौनों की सोर्सिंग करने आए हैं, जो बच्चों के लिए शैक्षिक और लर्निंग का का समर्थन करते हैं। उन्हें खिलौना और एसटीईएम कॉन्फेक्स के माध्यम से अच्छे अवसर प्राप्त हुए। उन्होंने कहा किए इंडिया जीआई फेयर में टॉय क्राफ्ट उत्पाद बहुत आकर्षक लग रहे हैं और कारीगर अत्यधिक कुशल लग रहे हैं। खिलौना फेयर में जर्मनी, अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, यूके, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, ओमान, यूएई और सीआईएस देशों, तुर्की, श्रीलंका और सिंगापुर के खरीद्दारों ने शिरकत की। इंडिया जीआई फेयर को अमरीका, कनाडा, तुर्की, मध्य पूर्व, ऑस्ट्रेलिया, यूके, नीदरलैंड, डेनमार्क, इटली, जॉर्डन, सिंगापुर, ब्राजील, कोलंबिया, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, नेपाल, हांगकांग, जापान, कोस्टा रिका और मॉरीशस से खरीद्दार मिले। अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों में सऊदी अरब से टॉयरनय, स्वीडन से प्लेबॉक्सय, सऊदी अरब से समाकोटॉयज व लिजरय, दक्षिण अफ्रीका से टाइनीट्रीटॉयजय, अमेरिका से टेक्सास टॉयज डिस्ट्रिब्यूशनय, अजर बैजान से जेटाग्रुपय, सिटी सेंटर कमर्शियल कुवैत हेरिटेजलेस और कई अन्य शामिल हुए। भारत से आने वाले वॉल्यूम रिटेलर्स में हैमलीज, आर्चीज, मिंत्रा, इंडिया बाजार, रिलायंस रिटेल, कलारा, लुलु ग्रुप और अमेजन ग्रुप शामिल थे। ईपीसीएच के महानिदेशकए राकेश कुमार ने अपने विचार साझा व्यक्त करते हुए कहा कि कैसे भारत में खिलौना निर्माता तकनीकी रूप से अनुकूल होने के अलावा संस्टेनेबिलिटी के लिए लिए भी उत्सुक हैं। कई खिलौना निर्माता रिस्पॉन्सिबल मैन्यूफैक्चरिंग के महत्व को उजागर करने के नए.नए तरीके और निर्माण सामग्री का उपयोग कर रहे हैं। अपनी बात को विस्तार देते हुए श्री कुमार ने कहा कि विशेष रूप से हमारे टॉय निर्माण क्लस्टर्स में जो शिल्पकार हैं, वो संस्टेनेबिलिटी की प्रवृत्ति के हामी है, इसके साथ ही वे पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का कच्चे माल के तौर पर उपयोग कर हरित पृथ्वी की कोशिशों में अपना अंशदान कर रहे हैं। वो बांस, टेराकोटा, रिवर रीड, जूट, स्क्रू पाइन, वेस्ट पेपर, गन्ना फाइबर और कई अन्य टिकाऊ और सस्टेनेबल कच्चे माल का निर्माण में इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां तक कि रंग भी प्राकृतिक स्रोतों से ही प्राप्त किए जाते हैं। यह एक ऐसी श्रेणी है जहां ईपीसीएच के सहयोग और डिजाइन हस्तक्षेप पहल निर्णायक भूमिका निभा रही है। इसके साथ ही इस श्रेणी में नए इनोवेशन्स लगातार देखे जा रहे हैं। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर.के वर्मा ने विचार साझा करते हुए कहा कि प्रदर्शक इस नए मंच से खुश हैं और भविष्य के संस्करणों के लिए तत्पर हैं। उन्होंने अपनी बात को आगे बढाते हुए कहा कि एक साथ होने वाले इन मेलों के आयोजन ने कई क्षेत्रों और उद्योगों में भारत की ताकत की एक सशक्त और महत्वपूर्ण झलक पेश की है। इस अवसर पर आर.के वर्मा ने बताया कि तीन दिनों के दौरान 11000 से अधिक आगंतुकों ने दौरा किया। खिलौना.इंडिया टॉयज एंड गेम्स फेयर बिजनेस के लिए लगभग 22 करोड़ों की सोर्सिंग और इन्क्वायरी के वास्तविक व्यापार में बदलने की उम्मीद है, जबकि भारत जीआई मेले में अधिकांश प्रतिभागियों ने जीआई टैग उत्पादों को बेचा और कई व्यावसायिक पूछताछ का हिस्सा रहे। प्रदर्शकों में शामिल स्मार्टविटी लैब्स प्राइवेट लिमिटेड से अमित कुमार ने कहा कि इस आयोजन में मिली शानदार प्रतिक्रिया हमें इस भागीदारी के माध्यम से विकास की उम्मीद जगाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
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हनीबन के वाइस प्रेसीडेंट आपरेशन्स जतिन सचदेवा ने कहा कि यहां पर उत्कृष्ट प्रबंधन और प्रदर्शकों के लिए बेहतरीन सुविधाएं हैं। हमें यहां और अधिक ग्राहकों से मिलने की उम्मीद है। वाईबाईट के संस्थापक विनीत श्रीवास्तव ने कहा कि गुणवत्ता की भीड़ और ब्रांडों को बढ़ावा देने, विशिष्ट दर्शकों के साथ संबंध बनाने और नेटवर्क बनाने के लिए यह एक शानदार मंच साबित हो रहा है। प्रोडिजी सुपर किड्स के सीईओ और पेरेंटिंग कोच अर्जुन सेठ ने मंच साझा करते हुए कहा कि माँ शिशु एक्सपो और एसटीईएम कॉन्फेक्स माता.पिता से जुड़ने और विभिन्न स्कूलों और शिक्षकों के साथ बातचीत करने का एक बेहतरीन मंच है। समारोह के समापन में आज गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिष्ठित संगठनों और अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए प्रतिभागियों को सम्मानित करने के लिए एक पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने पुरस्कार प्रदान किए। सम्मानित होने वालो में भारत से जीआई शिल्प को बढ़ावा देने में उनके समर्पण और प्रयासों के लिए मानव कल्याण संघ, वाराणसी की कार्यकारी निदेशक एवं पद्मश्री सम्मानित डॉ रजनी कांत को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया। संस्थागत पुरस्कार कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण यानी एपीईडीए, मसाला बोर्ड,चाय बोर्ड, कॉफी बोर्ड, आईपीआर संवर्धन और प्रबंधन प्रकोष्ठ यानी सीआईपीएएम टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया और भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री, भारत सरकार को प्रदान किए गए।