BRAKING NEWS

6/recent/ticker-posts


 

BIG BREAKING: योगी आदित्यनाथ ने खत्म किया हिंदू युवा वाहिनी संगठन, सारी इकाइयां अब बंद

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहचान रहा हिंदू युवा वाहिनी संगठन अब पूरी तरह से खत्म हो गया है. खुद योगी आदित्यनाथ ने इसे पूरी तरह से भंग करने का ऐलान कर दिया. अब इस संगठन की कोई इकाई नहीं रहेगी. हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की विचारधारा वाले इस संगठन ने योगी आदित्यनाथ को एक फायर ब्रांड नेता की पहचान देने में अहम भूमिका निभाई है.

 
  • 20 साल पहले बनी थी हिंदू युवा वाहिनी
  • गोरखपुर में रखी गई थी वाहनी की नींव

विजन लाइव/ लखनऊ. उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ की कई और पहचान थी, इनमें से एक पहचान थी 'हिंदू युवा वाहिनी' संगठन. अब ये संगठन पूरी तरह से खत्म हो गया है. यानी अब इस संगठन की सभी इकाइयां खत्म हो गई हैं, चाहे वह जिले की हो या प्रदेश स्तर की, अब हिंदू युवा वाहिनी की कोई इकाई नहीं रहेगी. योगी आदित्यनाथ ने पहले ही इस संगठन को भंग करने का निर्देश दे दिया था, लेकिन छिटपुट तौर पर इसकी कई इकाइयां काम कर रही थी आज के बाद से अब हिंदू युवा वाहिनी जैसा कोई संगठन नहीं होगा, इसे पूरी तरीके से खत्म माना जाएगा.

हिंदू युवा वाहिनी वो संगठन है जिसकी नींव खुद योगी आदित्यनाथ ने रखी थी. इसकी शुरुआत गोरखपुर में करीब 20 साल पहले हुई. योगी आदित्यनाथ का खुद भी गोरखपुर से गहरा संबंध है. वह गोरखपुर मठ के महंत हैं और वहां से सांसद भी चुने गए. योगी आदित्यनाथ का अध्यात्म की दुनिया से राजनीति में आना गोरखपुर और यहां बनी हिंदू यूवा वाहिनी से ही संभव हुआ. हिंदू युवा वाहनी खुद को एक सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन बताता है. इसकी मूल विचारधारा हिंदुत्व और राष्ट्रवाद है. हिंदू युवा वाहिनी की वेबसाइट के मुताबिक वह हिंदू समाज के एकीकरण के लिए काम करता है. इसके लिए वह समाज में छुआ-छूत, ऊंच-नीच की भावना को मिटाना चाहता है.

योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व विचारधारा का फायर ब्रांड नेता बनाने में हिंदू युवा वाहिनी संगठन ने अहम भूमिका निभाई. उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके में इस संगठन की बेहद मजबूत पकड़ है. वहीं प्रदेश के कई जिलों में इसकी इकाइयां हैं जिन सभी को अब बंद करने का ऐलान कर दिया गया है. वहीं पूर्वांचल से लगे बिहार के कुछ इलाकों में भी इस संगठन का गहरा असर देखने को मिलता है. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद संगठन की भूमिका सूबे में थोड़ी कम हुई थी और अब उन्होंने खुद इसे समाप्त करने का ऐलान कर दिया है.