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गौतमबुद्धनगर जिले में बीएड के कॉलेजों की संख्या 22 है, इन बीएड के कॉलेजों ने अभी से दाखिलों के लिए जद्दोजहद शुरू कर दी हैं
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
बीएड के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा इस बार 6 जुलाई-2022 को आयोजित की जा रही है। गौतमबुद्धनगर जिले में 18 केद्रों पर होने वाली परीक्षा में दो पालियों में करीब 7893 परीक्षार्थी शामिल होंगे। पहला पेपर सामान्य ज्ञान एवं हिंदी या अग्रेंजी भाषा का सुबह 09 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरा पेपर अभिरूचि परीक्षण एवं कला, विज्ञान, वाणिज्य, कृषि वर्ग दोपहर 02 बजे से शाम बजे 05 बजे तक होगा। परीक्षा का आयोजन महात्मा गांधी ज्योतिबा फुले रोहिलखण्ड यूनिवर्सिटी बरेली द्वारा किया जाएगा। गौतमबुद्धनगर प्रशासन ने बीएड प्रवेश परीक्षा को पारदर्शिता और निर्विघन तरीके से संपन्न कराने के लिए संभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। डीएम सुहाई एल. वाई. ने बैठक आयोजित कर इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को कई तरह के निर्देश दिए हैं। बीएड के लिए शैक्षणिक सत्र 2022.23 इस बार 29 अगस्त से शुरू होने की उम्मीद है।
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गौतमबुद्धनगर जिले में बीएड के कॉलेजों की संख्या 22 है। इन बीएड के कॉलेजों ने अभी से दाखिलों के लिए जद्दोजहद शुरू कर दी हैं। जिले के इन बीएड कॉलेजों में से कई तो ऐसे भी है, जो एनसीटीई यानी नेशनल काउंसिल टीचर एजुकेशन के मानकों को भी पूरा नही कर पा रहे हैं। एनसीटीई के मानकों पर गौर करें तो 100 सीटों पर 16 फैकल्टी,क्लास रूम और लैब होने जरूरी है। किंतु यहां कई कॉलेजों में फैकल्टी तक पर्याप्त संख्या में नही है, दिखावे के लिए कुछ फैकल्टी रखे हुए हैं। सूत्रों की बात पर गौर करें तो एक पीजी कॉलेज ऐसा भी है, जहां दूसरे फैकल्टी तक से क्लास अटैंड करवाई जाती है। दूसरी ओर मानक पूरे न करने वाले बीएड कॉलेजों की नींद उस समय से भी उडी हुई है कि उत्तर प्रदेश के 900 से अधिक बीएड व डीएलएड के कॉलेजों पर कारवाई के निर्देश शासन द्वारा दिए गए हैं। ये निर्देश तब दिए गए जब कॉलेज द्वारा परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट जमा नहीं किया गया। सूत्रों का यह भी दावा है कि नेशनल कॉउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने इन कॉलेजों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। >

रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के 30 कॉलेजों में भी सेशन 2022.23 में बीएड और डीएलएड के एडमिशन नहीं होंगे। इन 30 कॉलेजों में बीएड और डीएलएड में एडमिशन न देने का फैसला एनसीटीई की वर्चुअल बैठक में फैसला लिया जा चुका है। एनसीटीई ने इन कॉलेज का परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया था। रिपोर्ट में जमीन, तैनात शिक्षक, छात्रों की संख्या आदि का ब्योरा भरना था। रिपोर्ट के अनुसार कई बार मौका देने के बाद भी कॉलेजों ने परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट नहीं भेजी। आखिर एनसीटीई ने रिपोर्ट न देने वाले कॉलेजों का सेशन कैंसिल करने का निर्णय किया। इस एक्शन के बाद कई कॉलेज इसके खिलाफ कोर्ट भी गए लेकिन अंत में फैसला एनसीटीई के पक्ष में ही दिया गया। ये फैसला जब से लिया गया तब से ही कॉलेजों में इसके खिलाफ हलचल मच गई है। कॉलेज इससे बचने के लिए नए.नए उपाय खोज रहे हैं। >

अब बीएड कॉलेजों के सामने समस्य यही है कि आखिर कैसे सीटें भरी जाएं? इनमें से कई कॉलेजों ने तोड निकाल लिया है कि बीएड प्रवेश परीक्षा के समय ही परीक्षार्थियों सेंं संपर्क किया जाए। एडमिशन कंसलटैंट के तौर पर इन बीएड कॉलेजों ने पूरी फौज मैदान में उतार दी है। रणनीति बनाई गई है कि जैसे बीएड की प्रवेश परीक्षा देकर परीक्षार्थी, परीक्षा केंद्र से बाहर निकले मीठी-2 बातें कर उसे पहले फंसाया जाए और फिर उनके मोबाइल नंबर, जरूरी जानकारियां और दस्तावेज हासिल कर लिए, ताकि कांउसिंलिंग के बाद यहां एडमिशन लेना मजबूरी हो जाए।
प्रवेश परीक्षा के बाद कोई भी परीक्षार्थी किसी को भी अपना मोबाइल नंबर और जरूरी दस्तावेज न देंः भूपेंद्र भाटी
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जाना चाहिए। मानकों के अनुसार बीएड कॉलेज में सुविधाएं होनी चाहिए। इसके साथ शिक्षकों से कोई दूसरा काम नही कराना चाहिए, इससे शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आती है। उन्होंने कहा कि ऐसे बीएड कॉलेज जो एनसीटीई के मानकों पर खरा उतरे हुए हैं उन्हें इस तरह एडमिशन के लिए भागदौड करने की कोई जरूरत नही है, काउंसिलिंग के समय वैसे ही सारी सीटें फुल हो जाती है।
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उन्होंने यह भी कहा है कि बीएड प्रवेश परीक्षा के बाद कोई भी परीक्षार्थी किसी को भी अपना मोबाइल नंबर और जरूरी दस्तावेज न दें। इससे ऐसे कॉलेज जिनकी गुणवत्ता पहले ही गिरी हुई है, एडमिशन के लिए जद्दोजहद करते हुए नजर आएंगे।----प्रो0 भूपेंद्र भाटी शिक्षाविद/ लॉ डायरेक्टर कैलाश इंस्टीट्यूट ग्रेटर नोएडा