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29 में भरपेट खाना मिलेगा 80% लोगों को घर चलाने का झगड़ा खत्म होगा। राशन, गैस सिलेंडर का झंझट खत्म फिर हम कह सकेंगे सबका साथ सबका विकास
चौधरी शौकत अली चेची
मैं देश नहीं बिकने दूंगा, 100 दिन में स्विस बैंकों में जमा काला धन वापस, सब के खाते में 15-15 लाख रुपए आएंगे, विदेशों में दुगना काला धन जमा हो गया, गलती निकलने पर चौराहे पर आ कर सजा खाने को तैयार हूं, चीन को लाल आंखें दिखानी चाहिए, एक के बदले 10 सर लाने चाहिए, जिस देश का रुपया गिरता है, उस देश के प्रधानमंत्री की इज्जत गिरती है, देश की जीडीपी गिरती है तो प्रधानमंत्री की गरिमा गिरती है, बहुत हुआ नारी पर वार अबकी बार मोदी सरकार। भ्रष्टाचारी अत्याचारी बलात्कारी नेताओं को जेल में पहुंचाएंगे। 100 स्मार्ट सिटी बनाएंगे बुलेट ट्रेन लाएंगे। सबके अच्छे दिन आएंगे, किसानों की आय 2022 तक दुगुनी हो जाएगी, सबको शिक्षा चिकित्सा रोजगार मिलेगा। देश का ताना बाना लगातार ध्वस्त हो रहा है हर कोई एक दूसरे को तिरछी नजर से देख रहा है। सत्ता की चाबी किसी भी प्रकार से हाथ में आ जाए बाकी जनता भाड़ में जाए। पूंजी निवेशको व अडानी और अंबानी के हवाले कर देश को गुलामी की तरफ ले जाया जा रहा है। सभी धर्म समुदाय के पूर्वजों ने देश को आजाद करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे कर सभी के अधिकार के लिए मजबूत संविधान बनाकर दुनिया से अलविदा कह गए। विचार करते हैं कि हमारे पूर्वजों की आत्मा आखिर क्या सोचती होंगी कि हमने देश को क्यों आजाद कराया।
>हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई यात्रा कराने की बात बेमानी हो गई, टू व्हीलर, 4 व्हीलर पैसेंजर, बस ट्रेन महंगाई के कारण आदि से चलना मुश्किल हो गया। बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार वाले नारे बादलों में गुम हो गए। मुझे 50 दिन दे दो" वाले जुमले trp मैं निकल गए। हर साल 2 करोड रोज़गार देने की बात अग्नि वीर जैसे सीगुफा देश में लगातार चल रहे हैं। अनाप-शनाप कानून लागू कर देश के आर्थिक ढांचे को ही ध्वस्त कर दिया। मंदिर, मस्जिद, जाति धर्म की द्वेष भावना पर सरकार सरपट दौड़ रही है, झूठे खोखले वादे TV डिबेट में उपलब्धियों के पुल बांधे जा रहे हैं। अयोध्या, काशी के बाद मथुरा की बारी, ताजमहल, कुतुब मीनार, ज्ञानवापी, हिंदू राष्ट्र, पाकिस्तान कंगाल हो गया। जिन्ना, गन्ना पटेल आदि की फालतू बातों ने देश को गरीबी से वर्ड में 144 वे स्थान पर पहुंचा दिया। वर्ल्ड में देश की इमेज धूमिल हो गई, पड़ोसी मुल्क नाराज हो गए। उद्योगपति मित्रों ने लगभग हजार प्रतिशत अपनी प्रॉपर्टी में इजाफा कर मालामाल हो गए। लगभग 90% देशवासियों की इनकम घट गई। देश में लगभग 60% महंगाई बढ़ गई। डॉलर 78 का आंकड़ा पार कर गया देश पर लगभग 130 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो गया। 268 टन सोना गिरवी रख दिया, इसी वजह से सोना लगभग 50000 तोला बेचा जा रहा है। देश का ताना बाना भारतीय असल संस्कृति का सिस्टम फैशन बाजी सूट बदलने में ध्वस्त हो गया, अरबों रुपए सरकारी संस्थाओं के नाम बदलने में बर्बाद कर दिए। सबसे ज्यादा देश में किसान, नौजवान, महिला, आवारा पशु, गरीब इंसान अपमानित और परेशान है। कानून का दुरुपयोग मजबूत तरीके से विपक्षियों तथा सच्चाई व जायज हक की आवाज उठाने वालों पर किया जा रहा है, उन्हें देशद्रोही तथा अपराधी माना जा रहा है तथा बनाया जा रहा है। धर्म ही ऐसा मुद्दा है जिससे जनता बार-बार मूर्ख बनती जा रही है। मोदी जी की सुरक्षा में 24 घंटे में खर्च होते हैं, 1 करोड़ 62 लाख रुपए, एक सांसद पर महीने में लगभग 6 लाख, एक विधायक पर महीने में लगभग 2 लाख खर्च, कुल एमएलए 4120 और एमएलसी 462 कुल खर्च 916400000 प्रति माह लोकसभा और राज्यसभा 776, सांसद कुल खर्च वेतन प्रतिमाह 38 करोड़ 80 लाख मंत्रियों व मुख्यमंत्रियों पर इससे कहीं ज्यादा खर्च होते हैं, जो 1 वर्ष में इन नेताओं पर 100 अरब रुपए से भी ऊपर बनता है। जनता से वसूले गए टैक्स जीएसटी वेट स्टांप आदि से सरकारी खजाने में जमा रकम तो जनता का पैसा क्यों बर्बाद? भ्रष्टाचार कानून का दुरुपयोग तानाशाही की असली जड़ चुनाव प्रचार मैं बड़ी-बड़ी रैली सभा ही है, जिसमें लगभग हर वर्ष सवा अरब रुपए से भी ज्यादा रकम चुनाव जीतने के लिए पैसा पानी की तरह बहा दिया जाता है। एक सर्जिकल स्ट्राइक यहां भी तो बनता है, भारत में दो कानून अवश्य बनने चाहिए पहला चुनाव प्रचार रैली और सभाओं पर प्रतिबंध होना चाहिए। नेता केवल टेलीविजन के माध्यम से प्रचार करें, दूसरा नेताओं के वेतन भत्ता लाभकारी योजनाओं पर प्रतिबंध लगना चाहिए और संसद भवन जैसी कैंटीन हर 10 किलोमीटर पर खोलनी चाहिए। 29 में भरपेट खाना मिलेगा 80% लोगों को घर चलाने का झगड़ा खत्म होगा। राशन, गैस सिलेंडर का झंझट खत्म फिर हम कह सकेंगे सबका साथ सबका विकास।भारत में एक ही जगह है जहां खाने की चीजें सबसे सस्ती मिलती हैं, इंडिया पार्लियामेंट कैंटीन। रु 1 की चाय,5 .50 सूप,1. 50 की दाल,2 का चावल, रु 1 की चपाती,24. 50 का चिकन,4 का डोसा,8 की बिरयानी,13 की मछली इन गरीबों को पगार मिलती है,80000 महीना वह भी बिना इनकम टैक्स। सांसद विधायक आदि के पेंशन अन्य सुविधाएं भत्ता क्यों नहीं समाप्त होनी चाहिए? सेना मैं नौकरियों के लिए सैलरी क्यों नहीं? लगभग सेना में 250000 पद खाली है तथा अन्य सरकारी नौकरियों में लगभग 70 लाख पद खाली हैं, लगभग 45 करोड़ देशवासियों ने रोजगार की आस ही छोड़ दी है।35 श्रम कानून समाप्त आरक्षण लगभग समाप्ति की तरफ जनता की सेवा या सत्ता पर काबिज होना है। >
सभी जाति धर्म विशेष के भारतवासी देशभक्त ही होते हैं, चंद लोगों की वजह से पूरी कम्युनिटी को टारगेट पर रखना सबसे बड़ा अपराध माना जाए तो कोई बुराई नहीं। 18- 18 घंटे काम करने वाले के चक्कर में सब जलेबी की तरह गोल गोल घूम रहे हैं। भारतीय नेशनल मीडिया, सबसे खराब पोजीशन में चुनाव आयोग EVM मशीन पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं, चोर और चौकीदार की बहस के बीच रोजी रोटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा, भ्रष्टाचार, काला धन, नोट बंदी GST आदि TV डिबेट में जाति धर्म विशेष की नफरत से उड़न छु हो गए। लेकिन जब इतिहास बर्बादी का लिखा जाएगा तो दो वर्गों का नाम सबसे ऊपर होगा एक बिकाऊ मीडिया दूसरा मूर्ख अंधभक्त। देश की लगभग 80% जनता दोषी मानी जाए तो कोई बुराई नहीं जो अपने वोट को जाति, धर्म, गोत्र वाद विशेष में दारू की बोतल में हजार रुपए में, मिठाई का डिब्बा, सूट साड़ी में निजी स्वार्थ गंदे लालच में 5 साल के लिए बेच देते हैं, सभी को समझना चाहिए। जो सब ठीक करेगा, इतिहास को जरूर पढेगा। समझ लो दुनिया वालो क्यों मुजरिम बनकर हक की आवाज उठाने पर कब तक सड़कों पर भटकेगा? जय हिंद का नारा हम सबका भारत प्यारा, जो दी कुर्बानी पूर्वजों ने उनका अपमान देश क्यों सहेगा? खोलो अपनी बंध जुबान समय तो आना जाना है फिर बदलेगा।
लेखकः. चौधरी शौकत अली चेची किसान एकता संघ (संगठन) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष हैं।