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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ’नंदी’ ने निर्देश दिए
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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने मंत्री के समक्ष ग्रेटर नोएडा के विकास से जुड़ी परियोजनाओं, वित्तीय स्थिति व अतिक्रमण आदि पर रिपोर्ट प्रस्तुत की
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मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जिन आवंटियों की तीन या उससे अधिक किस्तें डिफाॅल्ट हो चुकी हैं और उनको तीन नोटिसें जारी हो चुकी है, उनके आवंटन को आगामी दो सप्ताह में निरस्त किया जाएगा। उनको और नोटिस नहीं भेजी जाएगी। बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ’नंदी’ ने यह निर्देश दिए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड रूम में शाम चार बजे से शुरू हुई समीक्षा बैठक में मंत्री ने विभागवार समीक्षा की। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने मंत्री के समक्ष ग्रेटर नोएडा के विकास से जुड़ी परियोजनाओं, वित्तीय स्थिति व अतिक्रमण आदि पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। मंत्री ने वित्तीय स्थिति की समीक्षा के दौरान कहा कि जिन आवंटियों की तीन या उससे अधिक किस्तें डिफॉल्ट हो चुकी हैं व जिनको तीन नोटिसें जारी हो चुकी हैं उनको और नोटिस भेजने के बजाय उनका आवंटन शीघ्र निरस्त किया जाए।
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दो दिन में ऐसे डिफॉल्टरों की सूची तैयार करें और दो सप्ताह में इन सभी के आवंटन निरस्त करें। सबसे पहले बड़े डिफॉल्टरों के आवंटन निरस्त किए जाएं। मंत्री ने इस काम में लापरवाही करने वाले अधिकारियों व कर्मचरियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। प्राधिकरण की जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए सीईओ ने मंत्री से सेपरेट फोर्स की मांग की, जिस पर मंत्री ने हामीं भर दी है। प्राधिकरण की तरफ से शीघ्र ही प्रस्ताव भेजा जाएगा। इससे जमीन कब्जाने वालों पर तुरंत कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। जमीन से जुड़े मसलों की कोर्ट में पैरवी करने के लिए प्राधिकरण में लीगल एडवाइजर तैनात किया जाएगा। मंत्री ने अपने कार्य को ठीक से न कर पाने, दो से तीन बार निलंबित हो चुके कर्मचारियों व अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त देकर नौकरी से हटाने के निर्देश दिए। सुरेंद्र सिंह ने समीक्षा बैठक में स्टाफ की कमी का ब्योरा भी प्रस्तुत किया. जिस पर मंत्री ने डेपुटेशन पर तैनाती किए जाने की बात कही। मंत्री ने मित्रा एप व अन्य फोरम पर जन सामान्य की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। बैठक में सीईओ सुरेन्द्र सिंह के अलावा एसीईओ अदिति सिंह, दीप चंद्र व अमनदीप डुली, ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव, सचिन कुमार सिंह व संतोष कुमार, महाप्रबंधक परियोजना एके अरोड़ा, महाप्रबंधक नियोजन मीना भार्गव, महाप्रबंधक संपत्ति आरके देव व डीजीएम केआर वर्मा आदि मौजूद रहे।
>ग्रेटर नोएडा के सफर को और कूल बनाएंगी इलेक्ट्रिक बसें
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ग्रेटर नोएडा में सार्वजनिक परिवहन के अंतर्गत रोडवेज प्रमुख रूटों पर बसें चला रहा है। इन बसों के संचालन में घाटे की भरपाई (वायबिलिटी गैप) ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण वहन करता है। सीईओ ने मंत्री के समक्ष ग्रेटर नोएडा में इलेक्ट्रिक एसी बसें चलवाने का सुझाव दिया, जिस पर मंत्री ने हामीं भर दी है। अब प्राधिकरण इसके लिए प्रस्ताव तैयार करेगा।
दिल्ली से कोलकाता फ्रेट कॉरिडोर पर दौड़ेगी डबल ड्रेकर टेन
-परियोजनाओं के प्रस्तुतिकरण के दौरान सीईओ ने मंत्री के समक्ष दिल्ली से मुंबई व दिल्ली से कोलकाता के बीच फ्रेट कॉरिडोर पर भी रिपोर्ट प्रस्तुत की। सीईओ ने मंत्री को बताया कि दिल्ली से कोलकाता डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर डबल डेकर ट्रेनें दौड़ेंगी। ग्रेटर नोएडा के न्यू दादरी से यह कॉरिडोर शुरू हो रहा है। न्यू दादरी स्टेशन पर ही पूर्वी व पश्चिमी फ्रेट कॉरिडोर मिल रहे हैं ।
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सीईओ ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के भविष्य के लिए मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब प्रोजेक्ट अद्वितीय होंगे। बता दें कि 310 हेक्टेयर में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब और 136 हेक्टेयर एरिया में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बन रहे हैं। इसके अलावा सीईओ ने आईआईटीजीएनएल की इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप को और सुरक्षित बनाने के लिए जल्द ही ई-सर्विलांस सिस्टम अपनाने की बात कही।
शमन नीति लागू करने पर विचार-विमर्श
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सीईओ ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एरिया में पहले से बस चुकीं अवैध कॉलोनियों के घरों से शुल्क लेकर नियमित करने का भी प्रस्ताव रखा। मंत्री ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया। इन कालोनियों को रेगुलराइज्ड करने से लोगों को मालिकाना हक मिल जाएगा और प्राधिकरण को भी आमदनी हो जाएगी। ग्रेटर नोएडा के आवासीय सेक्टरों के नाम बदलने का भी प्रस्ताव सीईओ ने मंत्री के समक्ष रखा। ये नामकरण सहज व सरल तथा जनरुचि के अनुरूप किए जाएंगे।
डाटा सेंटर का हब बन रहा ग्रेटर नोएडा
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सीईओ सुरेन्द्र सिंह ने मंत्री को बताया कि ग्रेटर नोएडा डाटा सेंटर के हब के रूप में उभर रहा है। देश का सबसे बड़ा योट्टा डाटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में बन रहा है। दूसरा डाटा सेंटर एनटीटी है। दोनों डाटा सेंटरों से ग्रेटर नोएडा में 10,600 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हो रहा है। इसके साथ ही विदेशों के विश्वविद्यालय के कैंपस ग्रेटर नोएडा में भी खुलवाने के लिए प्राधिकरण
चार मूर्ति चौक की सभी सर्विस रोड होंगी और चौड़ी
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समीक्षा बैठक में सीईओ ने मंत्री के समक्ष आगामी परियोजनाओं का भी खाका खींचा। उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चारमूर्ति चौक पर अंडर पास बनाने के साथ ही चारों ओर सर्विस लेन को और चौड़ा किया जाएगा, ताकि अंडरपास के निर्माण के दौरान वाहन चालकों को आने-जाने में परेशानी न हो। ग्रेटर नोएडा में 54000 स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं, जिसमें से 37000 स्ट्रीट लाइटें अब तक एलईडी में कन्वर्ट कर दी गई हैं। ग्रेटर नोएडा में तीन जगह पर फुटओवर ब्रिज बनाए जाएंगे। इनके टेंडर जारी हो गए हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्राधिकरण के दफ्तर का निर्माण कार्य और तीव्र गति से कराया जाएगा। ग्रेटर नोएडा में सात जगहों पर वेंडर मार्केट बनाए जाने हैं, जिनमें से पांच जगहों पर निर्माण कार्य शुरू हो गया है। कूडे़ के निस्तारण के लिए ग्रेटर नोएडा को 5 जोन में बांटा गया है। हर जोन का कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। उन सेक्टरों का कूड़ा वहीं निस्तारित किया जाएगा, सिर्फ इनर्ट वेस्ट को ही लैंडफिल साइट पर ले जाने की जरूरत होगी। मंत्री ने किसानों से बातचीत कर गतिरोध को दूर करके गंगाजल परियोजना को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
ई-फाइल से पेपर व समय की हुई बचत
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औद्योगिक विकास मंत्री ने वन मैप ग्रेटर नोएडा का प्रस्तुतिकरण देखा। मंत्री ने प्राधिकरण के इस पहल की सराहना की। सीईओ ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में ई-फाइल सिस्टम लागू है। सारी फाइलें ऑनलाइन स्वीकृति की जाती हैं। इससे फाइलों के डिस्पोजल में तेजी आई है। इससे पेपर व समय की बचत हुई है। ईआरपी के जरिए आवंटी 143 सेवाओं का लाभ खुद से ले सकेंगे। आधा दर्जन सेवाओं से इसकी शुरुआत हो चुकी है। मसलन नो ड्यूज सर्टिफिकेट को आवंटी खुद से प्रिंट कर सकता है। मंत्री ने बाकी सेवाओं को शीघ्र जोड़ने के निर्देश दिए।