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मजहब नहीं सिखाता हमको आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम वतन है, हिंदोस्ता हमारा
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चौधरी शौकत अली चेची
ज्ञानवापी मस्जिद अयोध्या की घटना को ताजा कर रही है। लगभग 400 साल पुरानी ज्ञानवापी मस्जिद लोकप्रिय धर्मस्थल है हर रोज पांच वक्त की नमाज होती है, जिसमें हजारों लोग नमाज अदा करते हैं फुवारा है या शिवलिंग वजू करने वाले नमाजी उसकी तरफ मुंह करके वजू करते हैं। करोड़ों लोग पिछले लगभग 400 सालों से नमाज अदा कर चुके हैं क्या किसी भी बुद्धिजीवी मुस्लिम नहीं देख पाया कि यह क्या वस्तु है। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सर्वोपरि है जिसका इंतजार सभी को है। पिछले कुछ सालों से झूठ गुमराह नफरत अपने चरम सीमा पर चल रही है। इस्लाम धर्म मूर्ति पूजा मैं विश्वास नहीं रखता, लेकिन गैर मुस्लिम धर्म में मूर्ति पूजा करने वालों का विरोध भी नहीं करता। गैर मुस्लिम पवित्र वस्तु या पवित्र तस्वीर मुस्लिम अपने धर्म स्थल या अपने घर में नहीं रखते हैं और इस्लाम धर्म में ओलिया पैगंबर नबी की तस्वीर रखना या लगाना जायज नहीं है। मस्जिदों में कैलेंडर पवित्र ग्रंथ कलाम पाक रहते हैं। इस्लाम धर्म में दर्शाया गया है विवादित जगह पर इबादत या पूजा करना जायज नहीं है, बाकी गैर इस्लामिक पवित्र धर्म ग्रंथ मैं भी संदेश दिया गया है विवादित स्थानों पर पूजा करने का अधिकार नहीं है। समझना यह भी होगा 50% इतिहास बुद्धिजीवी द्वारा अपनी इच्छा अनुसार लिखे गए हैं या लिखते हैं। लिखे इतिहास पर पूरी तरह विश्वास करना समझदारी नहीं। पवित्र धर्म ग्रंथों में परिवर्तन संभव नहीं इतिहास में परिवर्तन संभव है। पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब तथा श्री कृष्ण जी धरती पर आखिरी अवतार प्रकट हुए उनके संदेशों और आदेशों को समझने की जरूरत है। हमारे पूर्वजों ने संदेश दिया था मजहब नहीं सिखाता हमको आपस में बैर रखना हिंदी हैं हम वतन है हिंदोस्ता हमारा । सभी समुदाय के हमारे पूर्वजों ने देश आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी देश को आजाद कराकर दुनिया से अलविदा कह गए, उन सभी की इतिहास में लिखी सच्ची दर्द भरी जिंदगी की कहानियां मौजूद है। सभी को समझना चाहिए मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च जाति धर्म के नाम से नफरत आदि मैं उलझ कर क्या देश को आजाद कर पाते । सभी ने एक साथ मिलकर आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और जो जिंदा रहे उन्होंने सभी के अधिकार व देश की तरक्की के लिए मजबूत संविधान बनाकर दुनिया से अलविदा कह गए। पिछले 67 सालों में देश ने तरक्की की उन्माद की कुछ घटनाएं भी घटी लेकिन अब जाति धर्म विशेष की द्वेष भावनाओं से अमन चैन तरक्की भाईचारा सम्मानता का स्तर पिछले 7 सालों से गिरता ही जा रहा है। सच्चाई को छुपाने के लिए राष्ट्र भक्ति का पाठ पढ़ा कर प्रॉपगंडा रचा जा रहा है जो हम सब के लिए तथा आने वाली पीढ़ी के लिए घातक सिद्ध होगा। डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, सीएनजी, पीएनजी बिजली बिल, किराया भाड़ा अनेक आवश्यक वस्तुएं की लगातार बढ़ती कीमत से किसका लाभ और किसका नुकसान विचार करना तो जरूरी है। आने वाले चुनावों को देखते हुए डीजल पेट्रोल गैस मैं राहत देने की कोशिश सरकार की तरफ से की जा रही है जो ना काफी है लगभग 80% वस्तुओं पर महंगाई चरम सीमा पर है। बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, अत्याचार, बलात्कार, हत्या, आत्महत्या, जाति धर्म की नफरत सभी चरम सीमा पर हैं अंध भक्तों को समझने की जरूरत है। इन सभी को छुपाने के लिए जिन्हें अपने घर के इतिहास के बारे में नहीं जानकारी वह हजारों साल पुराने इतिहास को गलत तरीका से पेश कर रहे हैं। गड़े मुर्दे उखाड़ने से किसका भला होगा और किसका होगा नुकसान समझना सभी देशवासियों को है। देश पर लगभग 129 लाख करोड रुपए का कर्ज हो चुका है, यानी की 135 करोड़ देश की जनता के ऊपर पर हैड, लगभग 99 हजार रुपए डॉलर लगभग 78 पहुंच गया 45 करोड लोगों ने रोजगार की आस ही छोड़ दी सेना में लगभग ढाई लाख पद खाली है। विदेशी कंपनियां भारत छोड़ कर जा रही हैं , लाखों स्वदेशी कंपनियां बंद हो गई। शिक्षा और चिकित्सा ध्वस्त होती जा रही है।
>JCB को बुलडोजर बताकर धर्मस्थल, गरीब परिवार के घरों तथा उनकी रोजी रोजगार को ध्वस्त किया जा रहा है। अपराधी को सजा देने के साथ-साथ अपराधी के निर्दोष परिवार को JCB द्वारा घर से बेघर कर सजा दी जा रही है ,जो मानवता व संविधान के खिलाफ है। कानून का लगभग 70% दुरुपयोग किया जा रहा है। देश में सबसे ज्यादा गैर मुस्लिम ही बर्बाद हो रहा है। चंद मुस्लिमों पर कार्रवाई कर गोदी मीडिया द्वारा बहस करा कर सच्चाई को छुपाया जा रहा है। सत्ता में बैठे लोगों के बिजनेसमैन दोस्त तथा गोदी मीडिया की इनकम लगभग 1000 प्रतिशत बढ़ गई। पिछले 7 सालों में आम इंसान पर महंगाई का लगभग 40% बोझ बढ़ गया तथा लगभग 30% इनकम घट गई यानी कि आम इंसान पर चारों तरफ से 70% बर्बादी की मार पड़ी सबसे ज्यादा देश का अन्नदाता बर्बाद हो रहा है। महंगाई, आवारा पशु, पैदावारी का उचित दाम नहीं मिलना अनाप-शनाप कानून आदि से विदेश नीति ध्वस्त होती नजर आ रही है। पड़ोसी मुल्क नाराज हैं, 56 इंची सीना चीन को नहीं दिखाकर देशवासियों को दिखाया जा रहा है। चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा कर गांव बसा दिए, लेकिन देशवासियों ने GST टैक्स, वेट आदि चार्ज देकर सरकारी खज़ाना भर रहे हैं। लगभग 46 करोड देश की जनता गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गई और लगभग 95% देशवासियों की इनकम घट गई। 15 लाख सब के खाते में आने के चक्कर में ग्रहणी और बच्चों की गुल्लक खाली कर दी। सच्चाई और हक की आवाज उठाने वालों को अपराधी, देशद्रोही,खालिस्तानी, पाकिस्तानी, अलगाववादी आदि नामों से अपमानित कर संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज कर जेल मैं डाला जा रहा है। सत्ता में बैठे अपराधियों को सत्यवादी हरिश्चंद्र बताया जा रहा है। लगभग 60% सरकारी संस्थाओं को गिरवी रख दिया लगता है। आगे आने वाला समय जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को ठेके पर दे दिया जाएगा, क्योंकि विधायक व सांसदों के पिछले 7 साल से गोद लिए गांव अभी तक घुटनों पर चलते नजर नहीं आ रहे हैं। हमें समझना चाहिए जिस कारण श्रीलंका की स्थिति बद से बदतर है वही नीति हमारे देश में कुछ सालों से चल रही है।